टियर 2 और टियर 3 शहरों में करियर ग्रोथ के लिए स्किल गैप कम करना जरूरी

हालांकि विभिन्न उद्योगों में नए करियर के विकल्प और नई तरह की नौकरियां निकल रही हैं, लेकिन युवाओं को यह नहीं मालूम कि इन नई भूमिकाओं के लिए उन्हें किस तरह के स्किल की जरूरत है। इसलिए स्किल डेवलपमेंट और रोजगार के बीच बड़ा अंतर दिखता है। इसका नतीजा यह हो रहा है कि युवा चुपचाप नौकरी छोड़ रहे हैं

टियर 2 और टियर 3 शहरों में करियर ग्रोथ के लिए स्किल गैप कम करना जरूरी

कामकाजी युवा कैसे रहते हैं और भविष्य में वे किस तरह काम करेंगे, महामारी ने इसमें बड़ा बदलाव किया है। अकादमिक क्षेत्र और उद्योग के बीच जुड़ाव का अभाव आज ज्यादा परिलक्षित हो रहा है। वर्चुअल तरीका एक नया सामान्य बनता जा रहा है। ऐसे में युवाओं के लिए स्किल डेवलपमेंट पर नए सिरे से काम करने और मेंटरिंग की जरूरत है।

सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने हाल ही ‘यूथ इन इंडिया 2022’ रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बताया गया है कि 2021 तक बिहार और उत्तर प्रदेश में कुल आबादी में युवाओं का अनुपात बढ़ा है। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान में देश के आधे से अधिक 52% युवा होने का अनुमान है।

इन आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए कहा जा सकता है कि आज भारत में बेरोजगारी का संकट बढ़ा है। इस समस्या के पीछे एक कारण तो यह है कि यहां हर साल बड़ी संख्या में युवा कॉलेज से निकल रहे हैं। हालांकि विभिन्न उद्योगों में नए करियर के विकल्प और नई तरह की नौकरियां निकल रही हैं, लेकिन युवाओं को यह नहीं मालूम कि इन नई भूमिकाओं के लिए उन्हें किस तरह के स्किल की जरूरत है। इसलिए स्किल डेवलपमेंट और रोजगार के बीच बड़ा अंतर दिखता है।

इसका नतीजा यह हो रहा है कि युवा चुपचाप नौकरी छोड़ रहे हैं। लगातार अधिक काम करने की अपेक्षा में वे पहले ही बोझ से दबे थे, जबकि उन्हें स्किल डेवलपमेंट में कोई मदद नहीं मिलती थी और उनका वेतन भी स्थिर था। अब आईटी और उससे संबंधित सेक्टर में बड़े पैमाने पर इस्तीफे का डर सताने लगा है। इस संदर्भ में हमें कई इंडस्ट्री लीडर और मेंटर के शब्दों को ध्यान में रखना चाहिए जिन्होंने कहा है कि करियर शुरू करना और अवसर तलाश ना हमेशा मुश्किल होगा लेकिन वह असंभव कभी नहीं होगा।

देश के डिजिटल रूप से सक्षम लोग इंडस्ट्री और अकादमिक क्षेत्र में शीर्ष स्तर तक पहुंचने की क्षमता रखते हैं। इसके लिए वे ऑनलाइन उपलब्ध अपस्किलिंग और मेंटरशिप प्रोग्राम की मदद ले सकते हैं। आकांक्षी युवाओं और प्रोफेशनल को ऐसे प्रोग्राम पर कोई खर्च भी नहीं आता है।

e2eHiring आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म और रूरल वॉयस की साझीदारी का उद्देश्य टियर 2, 3 और टियर 4 शहरों में युवाओं के बीच इन विकल्पों के बारे में जागरूकता पैदा करना है। इन विकल्पों को अपनाने से उनके लिए नौकरियों के कई अवसर खुल सकते हैं। मेंटरशिप प्रोग्राम की भूमिका जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण होती है।

स्कूल-कॉलेज में युवाओं की मेंटरिंग करने से उनके मानसिक और शारीरिक तनाव को कम करने में मदद मिलेगी। खासकर तब जब वे कामकाजी आबादी का हिस्सा बनेंगे और अपनी इच्छा के मुताबिक करियर में प्रोफेशनल चुनौतियों का सामना करेंगे।

e2eHiring के सीईओ मोनुरंजन बोरगोहेन मानते हैं कि ऐसे समय जब भारत अगली डिजिटल औद्योगिक क्रांति की तरफ बढ़ रहा है, तब बेहतर स्किल ताथा युवाओं के लिए अधिक संख्या में इंटरएक्टिव कैरियर प्लेटफार्म की जरूरत महसूस होगी। e2eHiring अकादमिक क्षेत्र और इंडस्ट्री के बीच इस अंतर को खत्म करने के लिए युवाओं की शिक्षा और रोजगार के प्रति नया समग्र दृष्टिकोण अपना रहा है।

e2eHiring टियर 2 और टियर 3 शहरों के कॉलेजों में ऑनलाइन और ऑफलाइन कैंपस ड्राइव संचालित करता है। हर कॉलेज के छात्र अंबेसडर अपनी चिंताओं और चुनौतियों के बारे में बताते हैं जिसका सामना उन्होंने नौकरी के आवेदन के दौरान किया है। इन सवालों के जवाब छात्रों के लिए काफी उपयोगी होते हैं। यह पहल छात्रों को भविष्य का लीडर बना सकती है जो भारत के भविष्य को आकार देंगे। प्रतिभाशाली और मोटिवेटेड युवाओं को करियर में अथवा स्टार्टअप बिजनेस में सफल होने में यह अहम भूमिका निभाते हैं।

रिक्रूटमेंट प्लेटफॉर्म टियर-2 और टियर-3 शहरों में बिना किसी शुल्क के इंटर्नशिप, मॉक इंटरव्यू, पर्सनैलिटी टेस्ट और मेंटरशिप जैसे कार्यक्रमों से लाखों युवाओं की मदद कर सकते हैं। इससे युवाओं की प्रोडक्टिविटी बढ़ेगी। भारत में 50% आबादी 25 साल अथवा उससे कम उम्र की है और 2050 तक यह अनुपात बढ़ेगा। ऐसे में युवाओं के लिए यह समझना जरूरी है कि उन्हें बिजनेस ग्रोथ के साथ अपनी प्रोफेशनल ग्रोथ के लिए भी नई चीजें सीखने को लेकर प्रतिबद्धता दिखानी होगी।

हमें इस बात को स्वीकार करना पड़ेगा की टेक्नोलॉजी के उपयोग से आर्थिक विकास का रास्ता पूरी तरह बदल सकता है। ज्यादातर भारतीय छात्र कानून, इंजीनियरिंग, मेडिसिन, अकाउंट्स-फाइनेंस, डिजाइन, कंप्यूटर एप्लीकेशन और आईटी जैसे करियर विकल्पों के बारे में ही जानते हैं। लेकिन इनके अलावा भी कई विकल्प हैं जिन्हें छात्र भारत में ही आजमा सकते हैं। भविष्य के करियर विकल्पों के बारे में जानकारी ना होना देश के आर्थिक विकास को भी बाधित करता है। युवाओं को लाइव प्रोजेक्ट पर प्रशिक्षित करने की जरूरत है।

भारत के टियर 2 और टियर 3 शहर दुनिया में सबसे तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं। उन शहरों में युवा आबादी काफी है। चंडीगढ़, इंदौर, वडोदरा, कोच्चि, कोयंबटूर और त्रिवेंद्रम ऐसे शहर हैं। आने वाले वर्षों में यह आईटी हब बन सकते हैं। इन शहरों की शिक्षा प्रणाली विकसित हो रही है लेकिन यह अब भी उस मुकाम से काफी पीछे हैं जहां उन्हें होना चाहिए। ऑर्गेनाइजेशन भी इन शहरों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं जो चिंता का विषय है।

इन शहरों के कॉलेजों तथा विश्वविद्यालयों में प्रोजेक्ट आधारित लर्निंग और इंटर्नशिप बहुत जरूरी हो गया है। स्किल्ड और काम के लिए तैयार ग्रेजुएट की मांग की बात काफी दिनों से की जा रही है। अब लर्निंग अर्थात सीखने के महत्व को समझने की जरूरत है जिससे काम के अवसर बढ़ सके और स्किल गैप भी कम हो। जब सरकार लाइव स्किल डेवलपमेंट प्रायोजित कर रही है तो उसे स्किल डेवलपमेंट पार्टनर को लाइव प्रोजेक्ट की भी पहुंच देनी चाहिए ताकि युवाओं को उसका अनुभव हो सके और वह बड़ी चुनौतीपूर्ण भूमिकाओं के लिए अपने आपको तैयार कर सके।

इंडिया स्किल्स रिपोर्ट 2020 को देखने पर पता चलता है कि युवाओं में रोजगार की दर 3 साल से स्थिर बनी हुई है। ग्लोबल बिजनेस सॉल्यूशंस फॉर एजुकेशन (GBC-Education), यूनाइटेड नेशंस चिल्ड्रन फंड (यूनिसेफ) और एजुकेशन कमीशन के अनुसार 2030 तक रोजगार के लिए जिस तरह की शिक्षा और स्किल की आवश्यकता होगी वैसी शिक्षा देश के 50% से अधिक युवाओं को नहीं मिल रही है। इंडस्ट्री के विभिन्न सेक्टर में जब प्रतिभाओं को निखारने की बात होती है तब इन आंकड़ों को ध्यान में रखना जरूरी है।

स्किल अपग्रेडेशन के साथ तकनीकी दक्षता बढ़ाना भी जरूरी है। यह क्वालिटी शिक्षा देकर, जागरूकता बढ़ाकर, मेंटरशिप प्रोग्राम, करियर काउंसलिंग और प्रतिस्पर्धी स्किल विकसित करके हासिल किया जा सकता है। यह स्किल प्रशिक्षण और इंटर्नशिप के माध्यम से दिया जा सकता है। इस तरह का नजरिया निश्चित रूप से युवाओं को जागरूक करने के साथ उनमें प्रतिभा का विकास करेगा, उन्हें अपने आप के प्रति भरोसा बढ़ेगा और वह दूसरे देशों के युवाओं के समकक्ष खुद को खड़ा कर सकेंगे।

भारत में टियर 2 और टियर 3 शहरों में जॉब प्लेटफॉर्म की भूमिका युवाओं को एम्पावर करने के साथ वैश्विक शिक्षा के अवसर मुहैया कराना भी है। नया ग्लोबल टेक हब विकसित करने और देश भर में छिपी हुई प्रतिभाओं को सामने लाने के लिए यह जरूरी है। नौकरियां किसी खास शहर अथवा राज्य तक सीमित नहीं होती हैं। आप अपनी क्षमता विकसित कीजिए और आप कहीं भी पहुंच सकते हैं।

इंडस्ट्री इन हब में प्रोएक्टिव भूमिका निभा सकती है। इससे युवा शहरों की तरफ भागना बंद करेंगे जो पहले ही बढ़ती आबादी से परेशान हैं। ऐसे कदम से बेहतर बिजनेस प्लानिंग होगी और वित्तीय तथा ढांचागत संसाधनों का प्रबंधन भी बेहतर हो सकेगा।

राज्यों में प्रतिभा अर्जन की डिजिटल चुनौतियों से कैसे निपटें

e2eHiring यह देखती है कि अच्छी प्रतिभा को तलाशा जाए, उनकी स्क्रीनिंग की जाए तथा उनका मूल्यांकन किया जाए ताकि वे युवा विभिन्न पार्टनर कंपनियों की मानव संसाधन जरूरतों को पूरा कर सकें। यह टियर 2 और टियर 3 शहरों के युवाओं के लिए बड़ा अवसर है क्योंकि उन्हें ऑनलाइन रिक्रूटमेंट, इंटरव्यू, ट्रेनिंग और मेंटरशिप बिना किसी शुल्क के मुहैया कराई जाती है।

e2eHiring प्लेटफॉर्म कंपनियों को बिना किसी बाधा के कंप्यूटर आधारित टेस्ट (CBT) आयोजित करने की सुविधा देता है। विभिन्न टेक्नोलॉजी और जटिलता के स्तर पर आधारित एक हजार से अधिक सवाल कंपनियों को नौसिखिये से लेकर अनुभवी उम्मीदवारों के चयन में मदद करता है। e2eHiring रिक्रूटमेंट की प्रक्रिया में अनेक छोटे-मोटे कार्यों की आवश्यकता को खत्म कर देता है। इसके बदले यह एचआर की जरूरत वाले हर तरह के डाटा उपलब्ध कराता है जिनके आधार पर भर्ती का फैसला लिया जा सके। शिक्षा के क्षेत्र में सार्वजनिक और निजी भागीदारी आज की जरूरत है इस बात को ध्यान में रखते हुए e2eHiring ने हाल ही तमिलनाडु की आईसीटी अकादमी के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।

इस प्लेटफॉर्म के साथ साझेदारी करने वाले अन्य संस्थानों में डॉ आंबेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी बेंगलुरु, यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी मेघालय, लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी पंजाब, गांधी इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट विशाखापत्तनम, पारूल यूनिवर्सिटी वडोदरा, एमिटी यूनिवर्सिटी कोलकाता भी शामिल हैं।

e2eHiring प्लेटफॉर्म छात्रों अथवा नौकरी तलाशने वालों को अपने ऑनलाइन पोर्टल पर मुफ्त में एनरोलमेंट की सुविधा देता है। किसी भी पृष्ठभूमि के युवा इस पोर्टल पर एनरोल कर सकते हैं और नौकरी के लिए आवेदन कर सकते हैं। उन्हें अपना स्किल विकसित करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा और उनकी मेंटरिंग की जाएगी। प्रशिक्षण के बाद वे पोर्टल पर उपलब्ध विभिन्न सेक्टर की नौकरियों के लिए आवेदन कर सकते हैं।

उम्मीदवारों के लिए नौकरी के आवेदन की कोई सीमा नहीं होगी। यूनिवर्सिटी और कॉलेजों से भी कोई फीस नहीं ली जाएगी। यह प्लेटफॉर्म सरकारी और निजी सेक्टर तथा अकादमिक संस्थानों में मुफ्त इंटर्नशिप की सुविधा भी मुहैया कराता है।

(प्रियाश्री एंडले e2eHiring प्राइवेट लिमिटेड में कम्युनिकेशंस प्रमुख हैं। यह एक एआई पेटेंटेड प्लेटफॉर्म है जो भारत के टियर 2 और टियर 3 शहरों में कंपनियों, अकादमिक क्षेत्र और प्रतिभाशाली युवाओं के बीच अंतर को पाटता है)

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