पंजाब में कांग्रेस ने जारी की 86 उम्मीदवारों की पहली सूची, मुख्यमंत्री चन्नी चमकौर साहिब से और सिद्धू अमृतसर पूर्व से लड़ेंगे

पंजाब में कांग्रेस ने जारी की 86 उम्मीदवारों की पहली सूची, मुख्यमंत्री चन्नी चमकौर साहिब से और सिद्धू अमृतसर पूर्व से लड़ेंगे

पंजाब में कांग्रेस ने जारी की 86 उम्मीदवारों की पहली सूची, मुख्यमंत्री चन्नी चमकौर साहिब से और सिद्धू अमृतसर पूर्व से लड़ेंगे

पंजाब में 14 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होने हैं। सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की जो पहली सूची जारी की है, उसमें मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी समेत 86 नाम हैं। चन्नी अपनी पुरानी विधानसभा सीट चमकौर साहिब से चुनाव लड़ेंगे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू अमृतसर पूर्व से लड़ेंगे। पार्टी ने उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा को डेरा बाबा नानक और ओम प्रकाश सोनी को अमृतसर सेंट्रल से टिकट दिया है। ये दोनों नेता अभी इन सीटों से ही विधायक हैं। कांग्रेस से पहले शिरोमणि अकाली दल-बहुजन समाज पार्टी गठबंधन और आम आदमी पार्टी अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। अब भाजपा-अमरिंदर गठबंधन और 22 किसान संगठनों के संयुक्त समाज मोर्चा के उम्मीदवारों का एलान बाकी है।

कांग्रेस ने 4 मौजूदा विधायकों को टिकट न देने का फैसला किया है। इनमें मोगा से हरजोत कमल, श्री हरगोविंदपुर साहिब से बलविंदर सिंह लड्डी, बल्लुआना से नाथूराम और मलोट से अजायब सिंह भट्टी हैं। भट्टी विधानसभा के उपाध्यक्ष भी हैं। लड्डी ने विधायक फतेह जंग बाजवा के साथ 28 दिसंबर को भारतीय जनता पार्टी जॉइन कर ली थी, लेकिन 6 दिनों के बाद ही वह वापस कांग्रेस में आ गए थे। चार सीटों को छोड़कर बाकी सभी मौजूदा विधायकों को टिकट दिया गया है। वह सब अपनी पुरानी सीट से ही चुनाव लड़ेंगे।

गुरुवार को पार्टी अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी की अध्यक्षता में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में इस सूची को अंतिम रूप दिया गया। पहली सूची में 9 महिलाओं को जगह दी गई है यानी करीब 10 फ़ीसदी उम्मीदवार महिलाएं हैं। उत्तर प्रदेश में पार्टी ने 40 फ़ीसदी सीटें उम्मीदवारी महिलाओं को दी है। वहां पार्टी ने अब तक 125 प्रत्याशियों के नाम घोषित किए हैं जिनमें से 50 महिलाएं हैं। पार्टी ने एक परिवार एक टिकट का फार्मूला भी अपनाया है।

विवादास्पद पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला कुछ दिनों पहले कांग्रेस में शामिल हुए थे, वह मानसा से चुनाव लड़ेंगे। अभिनेता सोनू सूद की बहन मालविका सूद को मोगा से टिकट दिया गया है। मूसेवाला मौजूदा विधायक नजर सिंह की जगह चुनाव लड़ेंगे। राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा इस बार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। उन्हें गुरदासपुर जिले की कादियान सीट से टिकट दिया गया है। पहले यहां उनके भाई फतेह जंग सिंह बाजवा विधायक थे। पंजाब कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष और प्रचार अभियान समिति के प्रमुख सुनील जाखड़ चुनाव नहीं लड़ेंगे। उनकी जगह उनके भतीजे संदीप जाखड़ को अबोहर सीट से टिकट दिया गया है। इसी तरह मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा की जगह उनके बेटे मोहित मोहिंद्रा पटियाला ग्रामीण सीट से चुनाव लड़ेंगे।

अन्य प्रमुख प्रत्याशियों में वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल बठिंडा शहरी क्षेत्र से , पीडब्ल्यूडी मंत्री विजय इंदर सिंगला संगरूर से, जलापूर्ति और स्वच्छता मंत्री रजिया सुल्तान मलेरकोटला से और उद्योग मंत्री गुरकीरत सिंह कोटली खन्ना से पर्चा भरेंगे। अन्य मंत्रियों में राणा गुरजीत सिंह कपूरथला से, तृप्त राजिंदर बाजवा फतेहगढ़ चूड़ियां से, रणदीप सिंह नाभा अमरोहा से, अमरिंदर सिंह राजा गिद्दड़बाहा से और परगट सिंह जालंधर कैंट से फिर चुनाव लड़ेंगे। पूर्व उपमुख्यमंत्री राजेंद्र कौर भट्ठल को लहरा सीट से टिकट दिया गया है। हालांकि पिछले चुनाव में वह यहां से हार गई थीं।

आम आदमी पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुई रुपिंदर कौर रूबी को मलोट सुरक्षित सीट से टिकट दिया गया है। पिछले चुनाव में वे आम आदमी के टिकट पर बठिंडा ग्रामीण से चुनाव जीती थीं। पंजाब युवा कांग्रेस के पूर्व प्रमुख अमरप्रीत सिंह लल्ली को गढ़शंकर से टिकट दिया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पटियाला शहरी सीट से अभी पार्टी ने नाम तय नहीं किया है। पार्टी 117 सीटों वाली विधानसभा में से बाकी बची 31 सीटों के लिए भी नामों की घोषणा जल्द करेगी।

सुखपाल सिंह खैरा को भुलत्थ से टिकट दिया गया है। खैरा ने 2019 में आम आदमी पार्टी से अलग होकर अपनी अलग पार्टी लांच की थी। लेकिन उसी साल कांग्रेस में आ गए थे। वे पहले भी कांग्रेस में ही थे, 2015 में आम आदमी पार्टी में चले गए थे। पार्टी ने बलबीर सिंह सिद्दू, साधू सिंह, सुंदर शाम अरोड़ा और गुरप्रीत सिंह कांगड़ को भी टिकट दिया है। चन्नी के मुख्यमंत्री बनने के बाद पिछले साल इन्हें मंत्री पद से हटा दिया गया था। पार्टी ने मोगा के मौजूदा विधायक हरजोत कमल को टिकट नहीं दिया। उसके बाद वे भाजपा में शामिल हो गए। इस बीच पूर्व मंत्री जोगिंदर सिंह मान कांग्रेस के साथ 50 साल पुराना रिश्ता तोड़ कर आम आदमी पार्टी में चले गए हैं।

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