केंद्र सरकार ने एनएफएसए के तहत 81.35 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त खाद्यान्न देने की योजना शुरू की

केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) , 2013 के तहत साल भर 81.35 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त खाद्यान्न देने की योजना की शुरुआत कर दी है। खाद्य मंत्रालय ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। इसके तहत 1 जनवरी से 31 दिसंबर, 2023 के बीच  लाभार्थियों को साल के लिए पांच किलो खाद्यान्न प्रति व्यक्ति प्रति माह बिना किसी कीमत के उपलब्ध कराया जाएगा।  

केंद्र सरकार ने एनएफएसए के तहत 81.35 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त खाद्यान्न देने की योजना शुरू की

केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) , 2013 के तहत साल भर 81.35 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त खाद्यान्न देने की योजना की शुरुआत कर दी है। खाद्य मंत्रालय ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। इसके तहत 1 जनवरी से 31 दिसंबर, 2023 के बीच  लाभार्थियों को साल के लिए पांच किलो खाद्यान्न प्रति व्यक्ति प्रति माह बिना किसी कीमत के उपलब्ध कराया जाएगा।  

मंत्रालय द्वारा जारी वक्तव्य में कहा गया है कि फ्री खाद्यान्न योजना पर आने वाली दो लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी को केंद्र सरकार वहन करेगी। योजना के बेहतर कार्यान्वयन के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के जनरल मैनेजर हर रोज तीन राशन दुकानों पर जाने के लिए कहा गया है। इसका साथ इन अधिकारियों को अपने अधिकार क्षेत्र की रिपोर्ट प्रतिदिन के आधार पर देने के लिए कहा गया है।

इसके साथ ही केंद्र ने राशन डीलरों को उनका मार्जिन देने की प्रक्रिया के लिए भी राज्यों को एडवाइजरी जारी की है। नई योजना के तहत 81.35 करोड़ लाभार्थियों को 2023 में एक साल तक मुफ्त खाद्यान्न मिलेगा। इस योजना को पूरे देश में समान रूप से लागू किया जा रहा है।

इसके पहले एनएफएसए के तहत दो रुपये किलो और तीन रुपये किलो की कीमत पर गेहूं और चावल दिया जा रहा था।  इसके साथ ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत अप्रैल 2020 से कोविड महामारी के दौरान राहत देने के लिए पांच किलो खाद्यान्न मुफ्त दिया जा रहा था जिसे लगातार कई चरणों में बढ़ाया गया जिसे अब बंद कर दिया गया है। 

नई एकीकृत योजना के तहत फ्री खाद्यान्न के अलावा अन्त्योदय अन्न योजना (एएवाई)  भी शामिल है। देश भर में 5.33 लाख राशन दुकानों के जरिये खाद्यान्न आवंटन योजना को लागू किया जाएगा। अन्त्योदय के तहत आने वाले परिवारों को 35 किलो खाद्यान्न दिया जाता है। इसके साथ ही सरकार वन नेशन वन राशन कार्ड का उपयोग करते हुए इस योजना को अधिक प्रभावी तरीके से लागू करने पर जोर देगी। नई एकीकृत योजना में ही पूरी खाद्य सब्सिडी समाहित हो जाएगी। 

सरकार द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक  सरकार की राष्ट्र के लोगों के लिए पर्याप्त मात्रा में गुणवत्तापूर्ण खाद्यान्न की उपलब्धता के माध्यम से उन्हें खाद्य और पोषण सुरक्षा तक पहुंच सुनिश्चित करके एक गरिमापूर्ण जीवन जीने के अवसर प्रदान करने के प्रति सामाजिक और कानूनी प्रतिबद्धता है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-एनएफएसए के अंतर्गत शामिल किए गए सबसे कमजोर 67 प्रतिशत आबादी यानी 81.35 करोड़ लोगों के लिए इस प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए, मंत्रिमंडल ने एक राष्ट्र - एक मूल्य - एक राशन की परिकल्पना को पूरा करने के लिए केंद्र की नई योजना शुरू करने का फैसला किया।

भारत सरकार इस योजना के अंतर्गत देश भर में 5.33 लाख उचित मूल्य की दुकानों के व्यापक प्रसार नेटवर्क के माध्यम से अगले एक वर्ष के लिए सभी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-एनएफएसए लाभार्थियों यानी अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) परिवारों और प्राथमिकता वाले घरेलू (पीएचएच) व्यक्तियों को मुफ्त खाद्यान्न प्रदान करेगी। यह निर्णय गरीबों के लिए खाद्यान्न की पहुंच, सामर्थ्य और उपलब्धता के मामले में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-एनएफएसए, 2013 के प्रावधानों को मजबूत करेगा।

नई एकीकृत योजना खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग की दो मौजूदा खाद्य सब्सिडी योजनाओं को एकीकृत करेगी- ए) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-एनएफएसए के लिए भारतीय खाद्य निगम-एफसीआई को खाद्य सब्सिडी, और बी) विकेन्द्रीकृत खरीद राज्यों के लिए खाद्य सब्सिडी, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-एनएफएसए के अंतर्गत शामिल राज्यों को मुफ्त खाद्यान्न की खरीद, आवंटन और वितरण से निपटना।

मुफ्त खाद्यान्न देश भर में एक राष्ट्र एक राशन कार्ड (ओएनओआरसी) के अंतर्गत पोर्टेबिलिटी के समान कार्यान्वयन को सुनिश्चित करेगा और इस विकल्प-आधारित प्लेटफॉर्म को और मजबूत करेगा। केंद्र सरकार वर्ष 2023 के लिए 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की खाद्य सब्सिडी वहन करेगी। नई योजना का उद्देश्य लाभार्थी स्तर पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-एनएफएसए के अंतर्गत खाद्य सुरक्षा पर एक-समानता और स्पष्टता लाना है।

मामले में इस निर्णय को पूरा करने के लिए

  • खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग-डीएफपीडी के सचिव ने 29.12.2022 को सभी राज्यों के खाद्य सचिवों के साथ बैठक की थी। इस बैठक में तकनीकी संकल्प सहित निःशुल्क खाद्यान्न वितरण के मुद्दों पर चर्चा की गई। सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने बैठक में 1 जनवरी 2023 से मुफ्त खाद्यान्न योजना को लागू करने का आश्वासन दिया।
  • अंत्योदय अन्न योजना-एएवाई और प्रधामिक परिवारों-पीएचएच के लाभार्थियों के लिए 1 जनवरी 2023 से 31 दिसंबर 2023 तक खाद्यान्न के शून्य मूल्य को प्रदर्शित करते हुए संशोधित अनुसूची की अधिसूचना 31.12.22 को जारी की गई है। यह अनुसूची राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ भी साझा की गई है।
  • इसके अलावा, एफसीआई के सभी महाप्रबंधकों को दिनांक 01.01.2023 से 07.01.2023 तक अपने अधिकार क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिदिन तीन राशन दुकानों का अनिवार्य रूप से दौरा करने और प्रतिदिन डीएफपीडी के नोडल अधिकारी को निर्धारित प्रारूप में समीक्षा और सुधारात्मक कार्रवाई करने के लिए रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है।
  • मुफ्त खाद्यान्न योजना के मद्देनजर, लाभार्थियों को खाद्यान्न वितरित करने के लिए डीलर मार्जिन प्रदान करने की व्यवस्था पर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को एक परामर्श भी जारी किया गया है।

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