विकसित भारत संकल्प यात्रा के लिए जागरूकता बढ़ाएं सहकारी समितियांः रूपाला

केंद्रीय पशुपायलन, डेरी और मत्स्यपालन मंत्री परशोत्तम रूपाला ने कहा है कि सहकारी समितियों को “सरकार के विकसित भारत संकल्प यात्रा” के बारे में जागरूकता पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। देश में सहकारी समितियों का बहुत बड़ा नेटवर्क और पहुंच है। सहकारी कार्यकर्ताओं को इस यात्रा के लाभों के बारे में पूरे देश में जानकारी प्रसारित करनी चाहिए।

विकसित भारत संकल्प यात्रा के लिए जागरूकता बढ़ाएं सहकारी समितियांः रूपाला
70वें अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह का उद्घाटन करते केंद्रीय पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन मंत्री परशोत्तम रूपाला।

केंद्रीय पशुपायलन, डेरी और मत्स्यपालन मंत्री परशोत्तम रूपाला ने कहा है कि सहकारी समितियों को “सरकार के विकसित भारत संकल्प यात्रा” के बारे में जागरूकता पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। देश में सहकारी समितियों का बहुत बड़ा नेटवर्क और पहुंच है। सहकारी कार्यकर्ताओं को इस यात्रा के लाभों के बारे में पूरे देश में जानकारी प्रसारित करनी चाहिए। भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ (एनसीयूआई) द्वारा आयोजित 70वें अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह का गुरुवार को उद्घाटन करते हुए उन्होंने यह बात कही।

इस वर्ष के सहकारी सप्ताह समारोह का विषय देश की 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में सहकारी समितियों की भूमिका एवं सतत विकास लक्ष्य है। इस समारोह में देशभर के सहकारी संगठनों के 400 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। हर वर्ष एनसीयूआई द्वारा अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह 14-20 नवंबर तक मनाया जाता है।

समारोह को संबोधित करते हुए रूपाला ने कहा कि सहकारिता के माध्यम से जितना रोजगार मिल रहा है उनकी संख्या को अधिकृत रूप से प्रकाशित करने का हमें प्रयास करना चाहिए।  इफको का कारोबार कितना है, उत्पादन कितना है और कितना रोजगार दिया जा रहा है, यह जानना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इस डाटा को एनसीयूआई के माध्यम से प्रकाशित करना चाहिए।

अमेरिका, जर्मनी और जापान जैसे देशों के सफल मॉडलों का हवाला देते हुए उन्होंने अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम सहकारी प्रथाओं को अपनाने की वकालत की। उन्होंने भारत के सहकारी क्षेत्र के लिए प्रेरणा के रूप में सहकारी समितियों के माध्यम से अमेरिका के विद्युतीकरण, जर्मनी की मजबूत सहकारी बैंकिंग, आवास और ऊर्जा मॉडल और जापान की प्रभावी कृषि सहकारी प्रणाली का उल्लेख किया। उन्होंने सहकारी समितियों में युवाओं और महिलाओं को शामिल करने, बेहतर उपज की गुणवत्ता के लिए सीधे उत्पादक से उपभोक्ता कनेक्शन को बढ़ावा देने और सेवा क्षेत्र की सहकारी समितियों को स्थापित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

एनसीयूआई के अध्यक्ष दिलीप संघाणी ने सहकारी मॉडल के माध्यम से महिला और युवा सशक्तिकरण को मजबूत करने पर जोर दिया। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के मुताबिक महिलाओं को आत्मनिर्भरता के लिए कौशल से लैस करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए एनसीयूआई हाट जैसी पहल पर प्रकाश डाला।

इफको के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. उदय शंकर अवस्थी ने कहा कि सहकारी मॉडल ही यह सुनिश्चित करता है कि विकास का लाभ समाज के सबसे निचले तबके तक पहुंचे। उन्होंने सहकारी समितियों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में सहकारिता के माध्यम से अपार संभावनाओं पर जोर दिया और सहकारिता मंत्रालय की परिवर्तनकारी पहलों पर प्रकाश डाला। उन्होंने विशेष रूप से तीन नई गठित बहु-राज्य सहकारी समितियों पर प्रकाश डाला, जिससे सहकारिता और भारतीय कृषि में क्रांति आएगी।

एनसीयूआई के उपाध्यक्ष और नेफेड के अध्यक्ष डॉ. बिजेंद्र सिंह ने देश में सहकारी विकास के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। जमीनी स्तर के विकास पर इसके गहरे प्रभाव पर जोर देते हुए उन्होंने सामुदायिक प्रगति और कल्याण को बढ़ावा देने में सहकारी समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला।

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