यूपीः सपा के यादव से ज्यादा मुस्लिम उम्मीदवार, पर कुल प्रत्याशियों में एम-वाय सिर्फ 30 फीसदी

राज्य की 403 विधानसभा सीटों में से समाजवादी पार्टी 348 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। पार्टी ने 45 यादव उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। तुलनात्मक रूप से देखें तो इसके मुस्लिम उम्मीदवारों की संख्या 53 है

यूपीः सपा के यादव से ज्यादा मुस्लिम उम्मीदवार, पर कुल प्रत्याशियों में एम-वाय सिर्फ 30 फीसदी

इस बार उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी ने यादवों से ज्यादा मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है। राज्य की 403 विधानसभा सीटों में से समाजवादी पार्टी 348 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। पार्टी ने 45 यादव उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। तुलनात्मक रूप से देखें तो इसके मुस्लिम उम्मीदवारों की संख्या 53 है।

समाजवादी पार्टी को एमवाई यानी मुस्लिम यादव पार्टी कहा जाता रहा है। लेकिन इस बार उसने इस छवि को तोड़ने की कोशिश की है। मुसलमानों और यादवों को मिलाकर 98 उम्मीदवार होते हैं जो पार्टी के कुल उम्मीदवारों का सिर्फ 30 फ़ीसदी है। इस बार टिकट वितरण में अखिलेश यादव ने दूसरी जाति और समुदाय के लोगों को भी शामिल किया है ताकि 7 चरणों में होने वाले चुनाव में हर समुदाय को जोड़ा जा सके।

पार्टी ने करीब 70 टिकट दलित उम्मीदवारों को दिए हैं। इसके अलावा 21 ब्राह्मण और 20 राजपूतों को इसने टिकट दिया है। बाकी उम्मीदवारों में गैर मुस्लिम अल्पसंख्यक, गैर यादव अन्य पिछड़ा वर्ग जैसे पटेल, मौर्य, कुशवाहा आदि शामिल हैं।

समाजवादी पार्टी प्रदेश में 348 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इसने अपने सहयोगी दलों राष्ट्रीय लोक दल, अपना दल (कमेरावादी), सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी आदि के लिए 55 सीटें छोड़ी हैं। राष्ट्रीय लोक दल के लिए सपा ने 33 और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के लिए 18 सीटें छोड़ी हैं।

रोचक बात यह है कि समाजवादी पार्टी ने जिन दलों के साथ गठबंधन किया है उनके भी कुछ उम्मीदवार सपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसा जानबूझकर किया गया है ताकि चुनाव के नतीजे आने के बाद वे दलबदल ना करें। छोटे दलों में विधायकों की संख्या कम होने के कारण दलबदल आसानी से हो जाता है। सपा के विधायक अधिक होने से अगर अपेक्षाकृत कम विधायक दलबदल करते हैं तो उनकी सदस्यता खतरे में पड़ सकती है।

2017 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था, लेकिन तब भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने 325 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी।

पिछले चुनाव में समाजवादी पार्टी का वोट प्रतिशत 2012 के 29.13 फ़ीसदी की तुलना में 21.82 फ़ीसदी रह गया था। 2019 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने मायावती की बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन बनाया था। इसके बावजूद प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से समाजवादी पार्टी को सिर्फ पांच और बहुजन समाजवादी पार्टी को 10 सीटों पर जीत मिली थी।

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