उत्तर प्रदेश में नौ जिलों की 54 सीटों पर मतदान, ओपी राजभर और दारा सिंह चौहान की भी किस्मत होगी तय

वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है तो आजमगढ़ समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है। वाराणसी दक्षिणी से भाजपा के डॉक्टर नीलकंठ तिवारी का मुकाबला समाजवादी पार्टी के कामेश्वर दीक्षित से है। तिवारी योगी आदित्यनाथ सरकार में पर्यटन मंत्री हैं

उत्तर प्रदेश में नौ जिलों की 54 सीटों पर मतदान, ओपी राजभर और दारा सिंह चौहान की भी किस्मत होगी तय
मिर्जापुर में मतदान के लिए खड़े मतदाता

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के सातवें और आखिरी चरण की वोटिंग आज सुबह से जारी है। इस चरण में 9 जिलों की 54 सीटों पर मतदान हो रहा है। ये जिले हैं आजमगढ़, मऊ, जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर, भदोही और सोनभद्र। वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है तो आजमगढ़ समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है। वाराणसी दक्षिणी से भाजपा के डॉक्टर नीलकंठ तिवारी का मुकाबला समाजवादी पार्टी के कामेश्वर दीक्षित से है। तिवारी योगी आदित्यनाथ सरकार में पर्यटन मंत्री हैं।

जौनपुर में सुबह से ही मतदाताओं की भीड़

प्रमुख प्रत्याशियों में ओमप्रकाश राजभर और दारा सिंह चौहान शामिल हैं। राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी पिछली बार भारतीय जनता पार्टी के साथ थी, इस बार उन्होंने अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया है। दारा सिंह चौहान चुनाव की घोषणा होने से पहले भारतीय जनता पार्टी छोड़कर अखिलेश के साथ आ गए थे। चौहान घोसी से चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला भाजपा के विजय कुमार राजभर और बसपा के वसीम इकबाल से है। मऊ सीट पर मौजूदा विधायक मुख्तार अंसारी, जो अभी जेल में हैं, उनके बेटे अब्बास अंसारी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला भाजपा के अशोक सिंह और बहुजन समाज पार्टी के भीम से है। मुख्तार अंसारी 1996 से इस सीट पर लगातार विधायक रहे हैं।

2017 के विधानसभा चुनाव में इन 54 सीटों में से भारतीय जनता पार्टी को 29, समाजवादी पार्टी को 11, बहुजन समाज पार्टी को 6, कांग्रेस को 4 और बाकी चार सीटें अन्य को मिली थीं। हालांकि उससे पहले 2012 में स्थिति बिल्कुल इसके विपरीत थी। तब 34 सीटें समाजवादी पार्टी को, 7 सीटें बहुजन समाज पार्टी को, चार भारतीय जनता पार्टी को, 3 कांग्रेस को और 6 सीटें अन्य को मिली थीं।

वोट प्रतिशत देखें तो 2012 में भाजपा को 10.74 फ़ीसदी और 2017 में 31.26 फ़ीसदी वोट मिले थे। बहुजन समाज पार्टी को 27.38 और 25.85 फ़ीसदी वोट मिले थे। समाजवादी पार्टी को 32.38 तथा 23.13 फ़ीसदी वोट मिले। कांग्रेस का वोट प्रतिशत गिर गया था। उसे 2012 में 8.3 फ़ीसदी और 2017 में 5.02 फ़ीसदी वोट मिले।

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