ऑस्ट्रेलिया कर सकता है कृषि वीसा पर विचार, पीयूष गोयल ने कहा व्यापार समझौते से 2030 तक 100 अरब डॉलर का होगा द्विपक्षीय व्यापार

गोयल ने कहा कि कपड़ा, फॉर्मा, रत्न और आभूषण, आईटी, स्टार्टअप, सेवाओं में आपार संभावनाएं हैं और इससे दोनों देशों में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे

ऑस्ट्रेलिया कर सकता है कृषि वीसा पर विचार, पीयूष गोयल ने कहा व्यापार समझौते से 2030 तक 100 अरब डॉलर का होगा द्विपक्षीय व्यापार

ऑस्ट्रेलिया भारतीयों के लिए भविष्य में कृषि वीसा के प्रस्ताव पर विचार कर सकता है। वहां के उद्योग मंत्री डैन तेहान ने बुधवार को मेलबर्न में एक कार्यक्रम में कहा कि दोनों देशों के बीच जो व्यापार समझौता हुआ है उसमें वर्क वीसा के विस्तार की गुंजाइश है। कृषि कामगारों और समाज के अन्य वर्गों के लिए भी वीसा जारी किया जा सकता है। इस मौके पर भारत के वाणिज्य तथा उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापार समझौते से द्विपक्षीय व्यापार मौजूदा 26-27 अरब डॉलर से बढ़कर 2030 तक 100 अरब डॉलर का हो जाएगा। तेहान के साथ मेलबर्न विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गोयल ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि इस समझौते का दोनों देशों की अर्थव्यवस्था पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा। शेष विश्व पर भी इसका असर होगा।

गोयल ने कहा कि कपड़ा, फॉर्मा, रत्न और आभूषण, आईटी, स्टार्ट-अप, सेवाओं में आपार संभावनाएं हैं और इससे दोनों देशों में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे। बेंगलुरु से अधिक लोग आईटी क्षेत्र में काम करने आएंगे और ऑस्ट्रेलिया के स्टोरों में प्रधानमंत्री के गृह राज्य गुजरात के सूरत से और अधिक आभूषण बिक्री के पहुंचेंगे। विभिन्न क्षेत्रों में काफी संभावनाएं है। मुझे आशा है कि हमारी साझेदारी बढ़ेगी और साझेदारी के साथ हम भी आगे बढ़ेंगे।

गोयल ने कहा कि सेवा क्षेत्र में व्यापार के लिए बहुत संभावनाएं हैं। ऑस्ट्रेलिया भारतीयों के लिए उच्च शिक्षा का पसंदीदा स्थान है। उन्होंने कहा कि व्यापार समझौते ने ऑस्ट्रेलिया में भारत के आईटी सेक्टर की बड़ी बाधाओं को दूर करने का मार्ग प्रशस्त किया है।

उन्होंने कहा कि हमारे लोगों की आपेक्षाएं बढ़ने पर हमारी आवश्यकता होगी आर्थिक विकास करने की, रोजगार प्रदान करने की। लाखों-करोड़ों लोग वैसे होंगे जो अपनी पहली ऑटोमोबाइल के स्वामी होंगे, ऐसे करोड़ों लोग होंगे जो डिश-वाशर, वासिंग मशीन खरीदना चाहेंगे, करोड़ों लोग बेहतर पोषाहार चाहेंगे, बेहतर स्वास्थ्य सुविधा और गुणवत्ता संपन्न शिक्षा चाहेंगे।

उन्होंने कहा कि इन सब बातों में भारत और ऑस्ट्रेलिया का आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता भारत के लोगों की जीदंगी पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है और इसी तरह ऑस्ट्रेलिया के लोगों के लिए अपार अवसर प्रदान कर सकता है। यह समझौता एक अरब से अधिक लोगों की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए एक साथ काम करने का है।

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