दुनिया के 59 देशों में हर पांच में से एक व्यक्ति गम्भीर खाद्य संकट से प्रभावित

नवीनतम वैश्विक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2023 में दुनिया के 28 करोड़ 16 लाख लोगों को अत्यन्त गम्भीर खाद्य संकट ने प्रभावित किया। खाद्य असुरक्षा के लगातार बदतर होने का यह पांचवा साल है।

दुनिया के 59 देशों में हर पांच में से एक व्यक्ति गम्भीर खाद्य संकट से प्रभावित
UNICEF

यूएन एजेंसियों ने ग़ाज़ा से लेकर सूडान और कई स्थानों पर अकाल के बढ़ते जोखिम और बड़े पैमाने पर मौतें होने की आशंका व्यक्त की है।

खाद्य संकटों पर नवीनतम वैश्विक रिपोर्ट के अनुसार, 59 देशों में हर पांच में से एक व्यक्ति यानि लगभग 20 प्रतिशत लोगों ने, वर्ष 2023 में अत्यन्त गम्भीर स्तर की खाद्य असुरक्षा का सामना किया। जबकि वर्ष 2016 में यह संख्या 48 देशों में 10 में से एक व्यक्ति यानि लगभग 10 प्रतिशत लोगों की थी। 

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन – FAO के जिनीवा स्थित सम्पर्क कार्यालय के निदेशक डोमिनीक बर्जियॉन ने कहा, “जब हम अत्यन्त गम्भीर खाद्य असुरक्षा की बात करते हैं तो हम ऐसी अत्यन्त गम्भीर भूख स्थिति की बात करते हैं जो लोगों की आजीविकाओं और ज़िन्दगियों के लिए तत्काल जोखिम पैदा करती है।”

“ये ऐसी भूख स्थिति है जिसके अकाल में तब्दील हो जाने और इससे बड़े पैमाने पर लोगों की मौतें होने का डर है।”

COVID-19 जोखिम का स्तर

यह रिपोर्ट खाद्य व कृषि संगठन (FAO) और विश्व खाद्य कार्यक्रम – (WFP), यूएन बाल कोष – (UNICEF) ने संयुक्त रूप से तैयार की है। 

रिपोर्ट में पाया गया है कि यद्यपि वर्ष 2023 में ख़तरनाक रूप से खाद्य अभाव का सामना कर रहे लोगों की संख्या वर्ष 2022 की तुलना में 1.2 प्रतिशत कम थी, मगर कोविड-19 संकट के बाद से, समस्या गम्भीर रूप से बदतर हुई है।

जब वर्ष 2019 के अन्त में कोरोना वायरस ने अपना क़हर बरपाना शुरू किया था तो 55 देशों में औसतन छह में से एक व्यक्ति, खाद्य असुरक्षा के चिन्ताजनक स्तर का सामना कर रहे थे।

‘ग़ाज़ा में लोग भूख से मौत के मुँह में’

वर्ष 2023 में खाद्य संकट में चिन्ताजनक वृद्धि हुई है। विशेष रूप से ग़ाज़ा और सूडान की स्थितियां चिंताजनक हैं। जिनीवा में विश्व खाद्य कार्यक्रम के निदेशक जियान कार्लो सीरी ने कहा है कि इन स्थानों पर लोग स्पष्ट रूप से भुखमरी का शिकार हो रहे हैं। 

उन्होंने कहा, इसराइल की लगभग 7 महीने की बमबारी के बाद, “लोग अपनी बहुत ही बुनियादी खाद्य ज़रूरतें पूरी करने में असमर्थ हैं। उन्होंने भूख का सामना करने के लिए सभी उपाय और विकल्प आज़मा लिए हैं, जिनमें पशुओं का चारा खाना, भीख मांगना और भोजन ख़रीदने के लिए अपनी बुनियादी चीज़ें बेचने जैसे तरीक़े शामिल हैं।”

“उनके पास समय नहीं बचा है और उनमें से कुछ लोग तो भुखमरी के कारण मौत के मुँह में जा रहे हैं।”

उन्होंने जिनीवा में पत्रकारों से कहा कि अकाल को रोकने का एक मात्र तरीक़ा यही है कि बहुत ही कम समय में पर्याप्त खाद्य सामग्री की त्वरित आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।

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