भारत ने अमेरिकी कृषि उत्पादों और पॉल्ट्री आयात के लिए खोले दरवाजे, डब्ल्यूटीओ विवाद सुलझाने पर सहमति, भारतीय किसानों को झटका

पूरा देश और दुनिया जब जी-20 सम्मेलन की उपलब्धियों और सफलता पर अपनी निगाह टिकाए थी, उसी समय भारत ने अमेरिकी कृषि और पॉल्ट्री उत्पादों के लिए अपना बाजार खोलने का फैसला ले लिया। इस फैसले के चलते अमेरिकी किसान रियायती आयात शुल्क के तहत अपने कृषि और पॉल्ट्री उत्पाद भारत के बाजार में निर्यात कर सकेंगे। अमेरिकी ट्रेड रिप्रजेंटेटिव (यूएसटीआर) कैथरीन ताइ के दो दिन पहले अमेरिका में जारी वक्तव्य के जरिये यह बात सामने आई है। हालांकि अभी भारत ने इस बारे में कोई सूचना जारी नहीं की है। यूएसटीआर ने कहा है कि भारत और अमेरिका विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में कई साल से जारी अपने विवाद सुलझाने में कामयाब हो गये हैं। इस समझौते के तहत भारत अमेरिकी उत्पादों फ्रोजन टर्की, फ्रोजन डक, फ्रैश ब्लूबैरी और क्रेनबैरी, फ्रोजन ब्लूबैरी और कैनबैरी, ड्राई ब्लूबैरी और क्रेनबैरी और प्रसंस्कृत ब्यूबैरी और क्रैनबैरी के आयात पर शुल्क कम करने के लिए सहमत हो गया है। भारत द्वारा इन उत्पादों पर आयात शुल्क दरों को कम करने से अमेरिकी उत्पादों के लिए भारत के महत्वपूर्ण बाजार में मौकों में बढ़ोतरी होगी। ⁵

भारत ने अमेरिकी कृषि उत्पादों और पॉल्ट्री आयात के लिए खोले दरवाजे, डब्ल्यूटीओ विवाद सुलझाने पर सहमति, भारतीय किसानों को झटका

पूरा देश और दुनिया जब जी-20 सम्मेलन की उपलब्धियों और सफलता पर अपनी निगाह टिकाए थी, उसी समय भारत ने अमेरिकी कृषि और पॉल्ट्री उत्पादों के लिए अपना बाजार खोलने का फैसला ले लिया। इस फैसले के चलते अमेरिकी किसान रियायती आयात शुल्क के तहत अपने कृषि और पॉल्ट्री उत्पाद भारत के बाजार में निर्यात कर सकेंगे। अमेरिकी ट्रेड रिप्रजेंटेटिव (यूएसटीआर) कैथरीन ताइ के दो दिन पहले अमेरिका में जारी वक्तव्य के जरिये यह बात सामने आई है। हालांकि अभी भारत ने इस बारे में कोई सूचना जारी नहीं की है। यूएसटीआर ने कहा है कि भारत और अमेरिका विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में कई साल से जारी अपने विवाद सुलझाने में कामयाब हो गये हैं। इस समझौते के तहत भारत अमेरिकी उत्पादों फ्रोजन टर्की, फ्रोजन डक, फ्रैश ब्लूबैरी और क्रेनबैरी, फ्रोजन ब्लूबैरी और कैनबैरी, ड्राई ब्लूबैरी और क्रेनबैरी और प्रसंस्कृत ब्यूबैरी और क्रैनबैरी के आयात पर शुल्क कम करने के लिए सहमत हो गया है। भारत द्वारा इन उत्पादों पर आयात शुल्क दरों को कम करने से अमेरिकी उत्पादों के लिए भारत के महत्वपूर्ण बाजार में मौकों में बढ़ोतरी होगी। 

भारत द्वारा अमेरिकी कृषि उत्पादों के आयात के लिए राह आसान करने वाले इस समझौते पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ फॉरेन ट्रेड (आईआईएफटी) के डब्ल्यूटीओ सेंटर के पूर्व प्रमुख व इंटरनेशनल ट्रेड मामलों के प्रतिष्ठित एक्सपर्ट प्रोफेसर बिस्वजीत धर ने रूरल वॉयस के साथ एक बातचीत में कहा कि यह समझौता घरेलू पॉल्ट्री किसानों और दूसरे किसानों के लिए काफी नुकसानदेह साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूटीओ में जारी विवाद में भारत के जीतने की संभावना बहुत कम थी, लेकिन हमें कुछ रास्ता निकालने की जरूरत थी। यह समझौता अमेरिकी किसानों और अमेरिकी कंपनियों के लिए फायदेमंद रहेगा।

यूएसटीआर के वक्तव्य में कहा गया है कि दिल्ली में जी-20 बैठक के मौके पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बैठक के अवसर पर यह घोषणा की जा रही है। इसके पहले भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और यूएसटीआई ताइ के बीच जी-20 ट्रेड एवं इनवेस्टमेंट मंत्रियों की बैठक के दौरान भारत और अमेरिका के बीच डब्ल्यूटीओ में जारी विवाद को जल्दी हल करने पर सहमति जताई गई थी।

यूएसटीआर ने कहा है कि डब्ल्यूटीओ विवाद का हल होना भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संबंधों में एक मील के पत्थर की तरह है। भारत द्वारा अमेरिकी उत्पादों पर आयात शुल्क कम करने से अमेरिकी कृषि उत्पादकों के लिए भारत के महत्वपूर्ण बाजार में पहुंच आसान हो जाएगी। यह घोषणा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जून में हुई अमेरिका यात्रा और अमेरिकी राष्ट्रपति की इस सप्ताह की भारत यात्रा के साथ जुड़ी हुई है और दोनों देशें के बीच परस्पर व्यापार भागीदारी को मजबूत करती है। मैं भारतीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के साथ मिलकर दोनों देशों के बीच आर्थिक संभावनाओं के बेहतर परिणामों पर काम करती रहूंगी। 

अंग्रेजी में भी पढ़ेंः India to import American agricultural, poultry products at lower duty, agreed to resolve WTO dispute with US

जून में भारत और अमेरिका डब्ल्यूटीओ में जारी छह विवादों को समाप्त करने पर सहमत हो गये थे। इस समझौते के तहत भारत द्वारा अमेरिकी उत्पादों चना, मसूर दाल, बादाम, अखरोट, सेब, बोरिक एसिड और डायगनोस्टिक रीजेंट्स पर सीमा शुल्क घटाने पर सहमत हो गया था। आज के समझौते के साथ भारत बकाया विवादों को सुलझाने पर सहमत हो गया है जो भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय सहयोग का एक नया अध्याय और दोनों देशकों बीच व्यापार संबंधों को मजबूत करेगा। 

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