‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ को मंजूरी, 6 साल के लिए 11,440 करोड़ का बजट
दालों के आयात पर निर्भरता घटाने और उत्पादन बढ़ाने के लिए वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में 6-वर्षीय "दलहन आत्मनिर्भरता मिशन" की घोषणा की गई थी।

दालों के उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ को मंजूरी दी। मिशन का उद्देश्य दालों के उत्पादन को बढ़ावा देना, आयात पर निर्भरता घटाना और किसानों की आय बढ़ाना है। यह मिशन 2025-26 से 2030-31 तक छह वर्षों की अवधि में 11,440 करोड़ रुपये के बजट के साथ लागू किया जाएगा।
भारत दुनिया का सबसे बड़ा दाल उत्पादक और उपभोक्ता है। बढ़ती आय और जीवन स्तर के साथ दालों की खपत भी बढ़ी है, लेकिन घरेलू उत्पादन मांग के अनुरूप नहीं रहा है। परिणामस्वरूप दालों के आयात में 15–20% तक वृद्धि हुई है। आयात निर्भरता घटाने और उत्पादन बढ़ाने के लिए वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में इस 6-वर्षीय "दलहन आत्मनिर्भरता मिशन" की घोषणा की गई थी। यह मिशन अनुसंधान, बीज प्रणाली, क्षेत्र विस्तार, खरीद और मूल्य स्थिरता को शामिल करते हुए एक व्यापक रणनीति अपनाएगा।
मिशन के तहत उच्च उत्पादकता वाली, कीट-प्रतिरोधी और जलवायु परिवर्तन के अनुकूल दालों की उन्नत किस्मों के विकास और प्रसार पर जोर दिया जाएगा। किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध कराए जाएंगे। अंतर-फसलीय खेती और फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए किसानों को 88 लाख बीज किट निःशुल्क वितरित की जाएँगी।
मिशन का लक्ष्य वर्ष 2030-31 तक दलहन क्षेत्रफल को 310 लाख हेक्टेयर तक विस्तृत करना, उत्पादन को 350 लाख टन तक बढ़ाना और औसत उपज को 1,130 किलोग्राम/हेक्टेयर तक पहुँचाना है। उत्पादकता में वृद्धि के साथ यह मिशन बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन भी करेगा।
क्लस्टर-आधारित दृष्टिकोण
मिशन प्रत्येक क्लस्टर की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार कार्यक्रम तैयार करेगा। इससे संसाधनों का प्रभावी उपयोग होगा, उत्पादकता बढ़ेगी और दलहन उत्पादन का भौगोलिक विविधीकरण होगा। इसके तहत 416 जिलों में विशेष उत्पादन एवं वृद्धि कार्यक्रम लागू होंगे। इसमें चावल के परती क्षेत्र, उच्च गुणवत्ता वाले बीज (प्रजनक/आधार/प्रमाणित), इंटरक्रॉपिंग, सिंचाई, बाज़ार संपर्क और तकनीकी सहायता को शामिल किया गया है।
दालों की खरीद
पीएम-आशा की मूल्य समर्थन योजना (PSS) के तहत अरहर, उड़द और मसूर की अधिकतम खरीद सुनिश्चित की जाएगी। NAFED और NCCF अगले चार वर्षों तक भाग लेने वाले राज्यों में पंजीकृत किसानों से 100% खरीद करेंगे।
दलहन आत्मनिर्भरता मिशन के प्रमुख लक्ष्य
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वर्ष 2030-31 तक दाल उत्पादन 350 लाख टन तक पहुँचाना
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11,440 करोड़ रुपये की लागत से दालों में आत्मनिर्भरता हासिल करना
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किसानों को 88 लाख मुफ़्त बीज किट उपलब्ध कराना
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फसल कटाई के बाद भंडारण और प्रसंस्करण सुविधाओं को बढ़ावा देना
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NAFED और NCCF द्वारा पंजीकृत किसानों से तुअर, उड़द और मसूर की 100% खरीद सुनिश्चित करना
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फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करने हेतु 1,000 प्रसंस्करण इकाइयाँ स्थापित करना