गेहूं की लेट बुवाई के लिए IIWBR ने सुझाई उपयुक्त किस्में, 25 दिसंबर तक बुवाई पूरी करने की सलाह

कई क्षेत्रों से गेहूं की बुवाई में देरी और मौसम विभाग से मिली जानकारी के आधार पर विभिन्न राज्यों के लिए गेहूं की किस्में सुझाई गई हैं।

गेहूं की लेट बुवाई के लिए IIWBR ने सुझाई उपयुक्त किस्में, 25 दिसंबर तक बुवाई पूरी करने की सलाह

रबी सीजन की बुवाई जोरों पर चल रही है। खरीफ फसलों की कटाई में देरी के चलते कई क्षेत्रों में किसान गेहूं की पछेती बुवाई कर रहे हैं। करनाल स्थित आईसीएआर के भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान (आईआईडब्ल्यूबीआर) ने देर से बुवाई के लिए अलग-अलग राज्यों में गेहूं की उपयुक्त किस्में सुझाई हैं। इन किस्मों की बुवाई किसानों को 25 दिसंबर तक कर लेनी चाहिए। संस्थान ने 25 दिसंबर के बाद बुवाई के लिए भी गेहूं की किस्मों का सुझाव दिया है।

आईआईडब्ल्यूबीआर की ओर से जारी एडवाइजरी के अनुसार, कई क्षेत्रों से गेहूं की बुवाई में देरी की रिपोर्ट और मौसम विभाग से मिली जानकारी के आधार पर विभिन्न राज्यों के लिए गेहूं की निम्न किस्में सुझाई गई हैं।

उत्तर-पश्चिमी मैदानी क्षेत्र के पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, और पश्चिमी यूपी के लिए PBW 752, PBW 771, DBW 173, JKW 261, HD 3059, WH 1021 किस्म लगाने का सुझाव दिया गया है। वहीं, पूर्वी यूपी, बिहार, बंगाल, झारखंड के लिए DBW 316, PBW 833, DBW 107, HD 3118 किस्म और मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान के लिए HD 3407, HI 1634, CG 1029, MP 3336 किस्म बोने का सुझाव किसानों को दिया है। इन किस्मों के गेहूं की बुवाई सिंचित क्षेत्रों में 25 दिसंबर तक करने की सलाह दी गई है।

25 दिसंबर के बाद बुवाई के लिए सिंचित क्षेत्रों में गेहूं की HD 3271, HI 1621, WR 544 किस्मों की बुवाई का सुझाव दिया गया है। पछेती बुवाई में इन किस्मों के 125 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बीज के इस्तेमाल की सलाह दी गई है। आईआईडब्ल्यूबीआर के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह ने रूरल वॉयस को बताया कि जो किसान गेहूं की बुवाई देरी से कर रहे हैं, उन्हें जल्द से जल्द बुवाई पूरी कर लेनी चाहिए ताकि फसल को पकने के लिए पर्याप्त समय मिल सके। संस्थान की ओर से गेहूं की जितनी भी किस्में सुझाई गई हैं वे जलवायु सहिष्णु हैं। किसान इन किस्मों का इस्तेमाल कर सकते हैं। मौसम विभाग ने इस साल सर्दियों में कम ठंड पड़ने का पूर्वानुमान लगाया है। फसलों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिए कृषि मंत्रालय ने इस साल गेहूं की 60 फीसदी बुवाई मौसम की मार झेलने में सक्षम किस्मों से कराने का लक्ष्य रखा है।

पिछले साल के मुकाबले इस साल अभी तक गेहूं की बुवाई पिछड़ी हुई है। इस साल 1 दिसंबर तक गेहूं की बुवाई करीब 188 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हुई है जो पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 10 लाख हेक्टेयर कम है। पंजाब, हरियाणा, बिहार, महाराष्ट्र और गुजरात में गेहूं की बुवाई पिछड़ी है, जबकि यूपी और एमपी में बुवाई बढ़ी है। रबी सीजन की कुल बुवाई 1 दिसंबर तक करीब 6 फीसदी पिछड़ी है।        

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