पीएम किसान मोबाइल ऐप से चेहरा स्कैन कर अब घर बैठे कर सकते हैं ई-केवाईसी, ओटीपी और फिंगर प्रिंट की नहीं होगी जरूरत

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत आर्थिक सहायता प्राप्त करने के पात्र किसान अब अपने चेहरे की स्कैनिंग कर बिना ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) और फिंगर प्रिंट के ही घर बैठे ई-केवाईसी को पूरा कर सकते हैं। साथ ही दूसरे किसानों की भी इसमें मदद कर सकते हैं। इसके लिए फेस ऑथेंटिकेशन फीचर वाला पीएम-किसान मोबाइल ऐप लॉन्च किया गया है।

पीएम किसान मोबाइल ऐप से चेहरा स्कैन कर अब घर बैठे कर सकते हैं ई-केवाईसी, ओटीपी और फिंगर प्रिंट की नहीं होगी जरूरत
पीएम किसान मोबाइल ऐप लॉन्च करते केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत आर्थिक सहायता प्राप्त करने के पात्र किसान अब अपने चेहरे की स्कैनिंग कर बिना ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) और फिंगर प्रिंट के ही घर बैठे ई-केवाईसी को पूरा कर सकते हैं। साथ ही दूसरे किसानों की भी इसमें मदद कर सकते हैं। इसके लिए फेस ऑथेंटिकेशन फीचर वाला पीएम-किसान मोबाइल ऐप लॉन्च किया गया है।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में बताया गया है कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को इस ऐप को लॉन्च किया। आधुनिक टेक्नालॉजी के बेहतरीन उदाहरण वाले इस ऐप से फेस ऑथेंटिकेशन फीचर का उपयोग कर किसान दूरदराज, घर बैठे भी आसानी से बिना ओटीपी या फिंगर प्रिंट के ही फेस स्कैन कर ई-केवाईसी पूरा कर सकते हैं। साथ ही 100 अन्य किसानों को भी उनके घर पर ई-केवाईसी करने में मदद कर सकते हैं।

बयान में कहा गया है कि सरकार ने ई-केवाईसी को अनिवार्य रूप से पूरा करने की आवश्यकता को समझते हुए किसानों का ई-केवाईसी करने की क्षमता को राज्य सरकारों के अधिकारियों तक भी बढ़ाया है। इससे हरेक अधिकारी 500 किसानों की ई-केवाईसी प्रक्रिया को पूर्ण कर सकते हैं।

पीएम किसान मोबाइल ऐप लॉन्च करते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। इसके क्रियान्वयन में राज्य सरकारों ने काफी परिश्रमपूर्वक अपनी भूमिका का निर्वहन किया है। इसी का परिणाम है कि लगभग साढ़े 8 करोड़ किसानों की केवाईसी के बाद हम योजना की किस्त देने की स्थिति में आ गए हैं। यह प्लेटफार्म पीएम-किसान के काम तो आएगा ही, किसानों को कभी भी कोई लाभ देना हो तब भी केंद्र व राज्य सरकारों के पास पूरा डेटा उपलब्ध होगा जिससे कोई परेशानी खड़ी नहीं हो सकेगी। सरकार ने टेक्नालॉजी का उपयोग करके यह जो ऐप बनाया है उससे काम काफी सरल हो गया है। केंद्र सरकार ने सभी आवश्यक सुविधाएं राज्यों को उपलब्ध करा दी हैं। अब राज्य ज्यादा तेजी से काम करेंगे तो सभी हितग्राहियों तक हम पहुंच जाएंगे और निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे। 

पीएम किसान दुनिया की सबसे बड़ी डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) योजनाओं में एक है। इसके तहत  पात्र किसानों को आधार-कार्ड से जुड़े बैंक खातों में 6 हजार रुपये सालाना की राशि तीन किस्तों में सीधे हस्तांतरित की जाती है। अब तक 11 करोड़ से ज्यादा किसानों के खातों में 2.42 लाख करोड़ रुपये भेजे जा चुके हैं। इनमें 3 करोड़ से अधिक महिलाएं हैं।

इस नए ऐप को गूगल प्ले स्टोर से आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है। यह ऐप किसानों को योजना व पीएम किसान खातों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी भी प्रदान करेगा। इसमें नो यूजर स्टेटस माड्यूल का उपयोग कर किसान लैंडसीडिंग, आधार को बैंक खातों से जोड़ने व ई-केवाईसी का स्टेटस जान सकते है। विभाग ने लाभार्थियों के लिए उनके दरवाजे पर आधार से जुड़े बैंक खाते खोलने के लिए इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (आईपीपीबी) को भी शामिल किया है और सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) को राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की मदद से ग्राम-स्तरीय ई-केवाईसी शिविर आयोजित करने को कहा है। 

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