रूरल वॉयस 23 दिसंबर को मनाएगा दूसरी वर्षगांठ, इस मौके पर बड़े कॉन्क्लेव का भी आयोजन

कॉन्क्लेव का मुख्य केंद्र विशेषज्ञों का पैनल डिस्कशन होगा। विभिन्न क्षेत्रों में उम्दा कार्य करने वाले व्यक्तियों और संगठनों को अवार्ड भी दिए जाएंगे। दो वर्षों में रूरल वॉयस ने व्यूअर और पाठकों की संख्या काफी बढ़ा ली है। कृषि से जुड़े समुदाय में इसकी पहुंच काफी अच्छी है। रूरल वॉयस ने दो वर्षों में सैकड़ों की संख्या में असरदायी खबरें और विश्लेषणात्मक लेख प्रकाशित किए हैं

रूरल वॉयस 23 दिसंबर को मनाएगा दूसरी वर्षगांठ, इस मौके पर बड़े कॉन्क्लेव का भी आयोजन

कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर केंद्रित डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म रूरल वॉयस 23 दिसंबर 2022 को अपनी दूसरी वर्षगांठ मना रहा है। इस मौके पर पूरे दिन चलने वाले कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया है। रूरल वॉयस के एडिटर इन चीफ हरवीर सिंह ने बताया कि इस कॉन्क्लेव का मुख्य केंद्र विशेषज्ञों का पैनल डिस्कशन होगा। इसके अलावा विभिन्न क्षेत्रों में उम्दा कार्य करने वाले व्यक्तियों और संगठनों को अवार्ड भी दिए जाएंगे। रूरल वॉयस की वेबसाइट www.ruralvoice.in (हिंदी) और www.Eng.ruralvoice.in (अंग्रेजी) आम लोगों के साथ नीति निर्धारकों में भी काफी लोकप्रिय है।

रूरल वॉयस का एक यूट्यूब चैनल भी है ruralvoice.in, जिसमें वीडियो स्टोरी, इंटरव्यू और कृषि से जुड़े टेक्नोलॉजी शो दिखाए जाते हैं। एडिटर इन चीफ हरवीर सिंह ने बताया कि रूरल वॉयस सिर्फ न्यूज़ प्लेटफॉर्म नहीं बल्कि ग्रामीण भारत के लिए एडवोकेसी और नीतिगत चर्चा का भी प्लेटफॉर्म है। 

उन्होंने बताया कि अपनी स्थापना के सिर्फ दो वर्षों में रूरल वॉयस ने व्यूअर और पाठकों की संख्या काफी बढ़ा ली है। कृषि से जुड़े समुदाय में इसकी पहुंच काफी अच्छी है। रूरल वॉयस ने दो वर्षों में सैकड़ों की संख्या में असरदायी खबरें और विश्लेषणात्मक लेख प्रकाशित किए हैं।

रूरल वॉयस के इस कॉन्क्लेव का एक और आकर्षण इस प्लेटफॉर्म पर प्रकाशित और अप्रकाशित चुनिंदा लेखों की पत्रिका का लोकार्पण भी है। इस पत्रिका में कृषि और संबंधित क्षेत्र से जुड़े देश के मशहूर विशेषज्ञों के लेख होंगे। कॉन्क्लेव की मुख्य थीम है- कृषि समुदाय और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की संपन्नता के लिए टेक्नोलॉजी और मार्केटिंग किस तरह सबसे महत्वपूर्ण कारक हैं।

कॉन्क्लेव में विशेषज्ञों के साथ चर्चा के चार सत्र होंगे। इन सत्रों का विषय है- लीगल एमएसपी और इसका असर- केंद्र और राज्य सरकारों की भूमिकाएं; कृषि समुदाय की संपन्नता में कोऑपरेटिव, एग्रीकल्चर स्टार्टअप और एफपीओ की भूमिका; न्यू एज एग्रीकल्चरल मार्केटिंग- फ्यूचर एवं ऑप्शन तथा इलेक्ट्रॉनिक ट्रेनिंग; कृषि विकास और किसानों की आमदनी बढ़ाने में टेक्नोलॉजी की भूमिका।

हरवीर सिंह ने कहा कि इस चर्चा में मंत्रियों, अधिकारियों, कृषि वैज्ञानिकों, अर्थशास्त्रियों और नीति विशेषज्ञों के साथ बड़ी संख्या में किसानों के भी भाग लेने की संभावना है। विशेषज्ञ इस चर्चा में भारत के कृषि क्षेत्र की मौजूदा और भावी चुनौतियों पर प्रकाश डालेंगे।

चर्चा में पैनलिस्ट के तौर पर नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद, नेशनल प्रोडक्टिविटी काउंसिल के डीजी और आईएएस संदीप कुमार नायक, पूर्व कृषि सचिव सिराज हुसैन, एमएसपी कमेटी के सदस्य और इंस्टीट्यूट आफ इकोनॉमिक ग्रोथ के प्रो. सीएससी शेखर, कृभको के चेयरमैन चंद्रपाल सिंह, अमूल के एमडी डॉ. आर एस सोढ़ी, सहकार भारती के प्रेसिडेंट डॉ. डीएन ठाकुर, भारत कृषक समाज के चेयरमैन अजयवीर जाखड़, ओमनीवोर के पार्टनर सुभदीप सान्याल हिस्सा लेंगे।

अन्य विशेषज्ञों में एनएफसीएसएफ लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर प्रकाश नायकनवरे, इफको के डायरेक्टर मार्केटिंग योगेंद्र कुमार, एमसीएक्स एग्री कमोडिटी के प्रमुख टीवीके चैतन्य, आर्य.एजी के सीईओ तथा सह-संस्थापक प्रसन्ना राव, तास के चेयरमैन तथा आईसीएआर के पूर्व महानिदेशक डॉ. आरएस परोदा, नास के चेयरमैन तथा आईसीएआर के पूर्व महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्र, एमसीएक्स के चेयरमैन तथा पूर्व नाबार्ड चेयरमैन डॉ. हर्ष कुमार भनवाला, डीसीएम श्रीराम लिमिटेड के शुगर बिजनेस के सीईओ और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रोशन लाल टामक तथा बायोप्राइम एग्री सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड की डायरेक्टर रेणुका दीवान शामिल हैं।

कॉन्प्लेक्स में चार अलग-अलग क्षेत्रों में पुरस्कार भी दिए जाएंगे। फिशरीज, पशुपालन और डेयरी राज्यमंत्री डॉ संजीव कुमार बालियान तथा इफको के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ यूएस अवस्थी विजेताओं को पुरस्कार प्रदान करेंगे।

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