जैविक खेती का लक्ष्य हासिल करने को बहुआयामी दृष्टिकोण की जरूरतः अमित शाह

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा है कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और इसे 50 फीसदी से ऊपर ले जाने का लक्ष्य एक बहुआयामी दृष्टिकोण के बिना पूरा नहीं हो सकता। भारत के लिए यह संतोषजनक बात है कि कृषि उपज के क्षेत्र में आज हम न सिर्फ आत्मनिर्भर हैं, बल्कि सरप्लस हैं और हमें इस यात्रा का मूल्यांकन करना होगा। उन्होंने कहा कि उत्पादन बढ़ाने में फर्टिलाइजर्स और पेस्टीसाइड्स के अत्यधिक उपयोग के बुरे परिणाम सामने आने लगे हैं।

जैविक खेती का लक्ष्य हासिल करने को बहुआयामी दृष्टिकोण की जरूरतः अमित शाह
नई दिल्ली में एनओसीएल के कार्यक्रम का उद्घाटन करते केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह।

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा है कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और इसे 50 फीसदी से ऊपर ले जाने का लक्ष्य एक बहुआयामी दृष्टिकोण के बिना पूरा नहीं हो सकता। भारत के लिए यह संतोषजनक बात है कि कृषि उपज के क्षेत्र में आज हम न सिर्फ आत्मनिर्भर हैं, बल्कि सरप्लस हैं और हमें इस यात्रा का मूल्यांकन करना होगा। उन्होंने कहा कि उत्पादन बढ़ाने में फर्टिलाइजर्स और पेस्टीसाइड्स के अत्यधिक उपयोग के बुरे परिणाम सामने आने लगे हैं। इनके अत्यधिक उपयोग ने भूमि की उर्वरता को कम और भूमि, पानी को प्रदूषित करने के साथ ही कई प्रकार की बीमारियां भी दी हैं। बुधवार को नई दिल्ली में राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (एनसीओएलद्वारा आयोजित सहकारिता के माध्यम से जैविक उत्पाद को बढ़ावा देने पर राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए यह बात कही।

इस मौके पर उन्होंने एनओसीएल का लोगो, वेबसाइट और ब्राउशर भी जारी किया। उन्होंने कहा कि पिछले 5-6 सालों में देश के लाखों किसानों ने जैविक खेती को अपनाया है। धीरे-धीरे ऐसे किसानों की संख्या बढ़ रही है। प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को एक मंच देने और उनके उत्पादों की मार्केटिंग की व्यवस्था करने के लिए राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (एनसीओएल)  की स्थापना की गई है। प्राकृतिक खेती से फर्टिलाइजर्स की मांग भी कम होगी और खाद्यान्न का उत्पादन भी बढ़ेगा। स्वस्थ नागरिक, सुरक्षित भूमि, जल संरक्षण और समृद्ध किसान के लक्ष्य को सिद्ध करने में एनसीओएल अहम भूमिका निभाएगा। यह एक बहुउद्देशीय शुरुआत है, जो देश की भूमि व जल संरक्षण और अन्‍न उत्पादन बढ़ाने के मिशन को गति और दिशा देगी। इस संस्था का मुख्य उद्देश्य उत्पादों से होने वाले मुनाफे का 50 फीसदी छोटे किसानों तक पहुंचाना है। यह अगले 5 साल में देश का सबसे बड़ा उपक्रम होगा।

उन्होंने कहा कि एनसीओएल की आधिकारिक लॉचिंग के साथ ही भारत ऑर्गेनिक के 6 उत्पादों को भी बाजार में उतारा गया है। आने वाले दिनों में भारत ऑर्गेनिक्स न सिर्फ भारत बल्कि वैश्विक ऑर्गेनिक उत्पाद बाजार में सबसे विश्वसनीय और बड़ा ब्रांड बनेगा। उन्होंने कहा कि इस वर्ष दिसंबर तक कुल 20 उत्पादों को लॉन्च किया जाएगा और इनका उत्पादन करने वाले किसानों को इसका लाभ मिलने लगेगा। इन 6 उत्पादों की बिक्री की शुरुआत आज से ही मदर डेयरी के 150 आउटलेट्स के माध्यम से हो रही है और ये उत्पाद ऑनलाइन भी उपलब्ध होंगे। इसके साथ ही एक ही छत के नीचे ऑर्गेनिक (Organic Under One Roof) के कॉन्सेप्ट के साथ आज से सभी ऑर्गेनिक उत्पादों की एक रिटेल आउटलेट नेटवर्क की भी शुरुआत हो रही है।

सहकारिता मंत्री ने कहा कि गोबर का कमर्शियल दृष्टि से इस्तेमाल बहुत बड़ी क्रांति ला सकता है और देश के करोड़ों पशुपालकों एवं किसानों की आय में अच्छी-खासी वृद्धि भी कर सकता है। उन्होंने कहा कि एनडीडीबी द्वारा वाराणसी में स्थापित बायोगैस संयंत्र के माध्यम से जैविक खाद की मूल्य श्रृंखला परंपरा की शुरुआत हो रही है। देश में गोबर का उपयोग भूमि सुधार, प्राकृतिक खेती और किसानों की आय बढ़ाने में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबीऔर गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर एंड केमिकल्स लिमिटेड (जीएसएफसी) ने उच्च गुणवत्ता वाले गोबर के लिए एक ब्रांड को भी पंजीकृत किया है। वाराणसी में 4000 घनमीटर की क्षमता वाला गोबर गैस प्लांट लगाया गया है।

राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड को अमूल, नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनसीसीएफ), नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (नेफेड), राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबीऔर राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसीद्वारा संयुक्त रूप से प्रमोट किया गया है। 500 करोड़ रुपये की अधिकृत पूंजी के साथ इसकी शुरुआत हुई है।

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