सहारा समूह की कोऑपरेटिव सोसायटी के निवेशकों को 45 दिन में मिलेगा रिफंड, पोर्टल के जरिये 10 हजार रुपये तक की मिलेगी राशि  

सहारा समूह की सहकारी समितियों में निवेश कर फंसने वाले निवेशकों का इंतजार खत्म हो गया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद केंद्र सरकार ने निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए सहारा रिफंड पोर्टल की शुरुआत की है। इस पोर्टल पर आवेदन करने के 45 दिन के भीतर निवेशकों का पैसा उनके बैंक खाते में आ जाएगा। अभी निवेशकों को 10 हजार रुपये तक की राशि लौटाई जाएगी।

सहारा समूह की कोऑपरेटिव सोसायटी के निवेशकों को 45 दिन में मिलेगा रिफंड, पोर्टल के जरिये 10 हजार रुपये तक की मिलेगी राशि  
नई दिल्ली में केंद्रीय पंजीयक - सहारा रिफंड पोर्टल लॉन्च करते केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह।

सहारा समूह की सहकारी समितियों में निवेश कर फंसने वाले निवेशकों का इंतजार खत्म हो गया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद केंद्र सरकार ने निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए सहारा रिफंड पोर्टल की शुरुआत की है। इस पोर्टल पर आवेदन करने के 45 दिन के भीतर निवेशकों का पैसा उनके बैंक खाते में आ जाएगा। अभी निवेशकों को 10 हजार रुपये तक की राशि लौटाई जाएगी।

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को नई दिल्ली में केंद्रीय पंजीयक - सहारा रिफंड पोर्टल https://mocrefund.crcs.gov.in का शुभारंभ किया। इस पोर्टल को सहारा समूह की 4 सहकारी समितियों - सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसायटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड के निवेशकों द्वारा दावा प्रस्तुत करने के लिए विकसित किया गया है।

इस मौके पर अमित शाह ने कहा कि सहारा के निवेशकों की फंसी पूंजी लौटाने के लिए इस पोर्टल को शुरू किया गया है। इस मामले में सरकार की ओर से पहल की गई और सभी स्टेकहोल्डर्स से बैठक कर इस बात पर विचार किया गया कि क्या कोई ऐसी व्यवस्था बनाई जा सकती है जिससे छोटे निवेशकों की राशि लौटाई जा सके। सभी ऐजेंसियों ने मिलकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की और कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला दिया कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में समिति का गठन कर उनके निर्देशन में पारदर्शी तरीके से भुगतान की प्रक्रिया शुरू हो। उन्होंने कहा कि ट्रायल बेसिस पर पारदर्शी तरीके से आज निवेशकों को 5,000 करोड़ रुपये की राशि लौटाने की शुरूआत हो रही है। जब 5,000 करोड़ रुपये का भुगतान हो जाएगा तब बाकी बचे निवेशकों की राशि लौटाने के लिए एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाएगी।

उन्होंने कहा कि आज लॉन्च हुए पोर्टल के माध्यम से उन निवेशकों को जिनकी जमाराशि 10,000 रुपये या इससे अधिक है उसमें से 10,000 रुपये तक की राशि का भुगतान किया जाएगा। इस पोर्टल पर आवेदन करने के लिए चारों समितियों का पूरा डेटा ऑनलाइन उपलब्ध है। उन्होंने निर्देश दिए कि आवेदन भरने के लिए कॉमन सर्वस सेंटर (CSC) की व्यवस्था की जाए। उन्होंने सभी निवेशकों से अनुरोध किया कि वे सीएसई के माध्यम से अपना ऑनलाइन पंजीकरण कराएं। इस प्रक्रिया की दो प्रमुख शर्तें हैं- निवेशक का आधार कार्ड उसके मोबाइल के साथ लिंक्ड हो और आधार कार्ड बैंक अकाउंट के साथ लिंक्ड हो। उन्होंने निवेशकों को विश्वास दिलाते हुए कहा कि 45 दिनों में पैसा उनके बैंक अकाउंट में जमा हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि देश में पहली बार पारदर्शिता के साथ निवेशकों का घोटाले में फंसा पैसा वापस मिलना शुरू हो रहा है। लगभग 1.78 करोड़ ऐसे छोटे निवेशकों जिनका 30,000 रुपये तक का पैसा फंसा है, को अपना पैसा वापस मिलेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने 29 मार्च, 2023 के अपने आदेश में निर्देश दिया था कि सहारा समूह की सहकारी समितियों के प्रामाणिक जमाकर्ताओं के वैध बकाए के भुगतान के लिए "सहारा-सेबी रिफंड खाते" से 5000 करोड़ रुपये सहकारी समितियों के केन्द्रीय रजिस्ट्रार (सीआरसीएस) को हस्तांतरित किए जाएं। भुगतान की पूरी प्रक्रिया की निगरानी और इसका पर्यवेक्षण सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी कर रहे हैं जिसमें उनकी सहायता के लिए वकील गौरव अग्रवाल (Amicus Curiae) को नियुक्त किया गया है। इन चारों समितियों से संबंधित रिफंड प्रक्रिया में सहायता के लिए 4 वरिष्ठ अधिकारियों को ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी) के रूप में नियुक्त किया गया है।

इस पोर्टल को सहकारिता मंत्रालय की वेबसाइट के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है। इन समितियों के प्रामाणिक जमाकर्ताओं को पोर्टल पर उपलब्ध ऑनलाइन आवेदन पत्र को जरूरी दस्तावेजों के साथ अपलोड कर अपने दावे प्रस्तुत करने होंगे। उनकी पहचान सुनिश्चित करने के लिए जमाकर्ताओं का आधार कार्ड के जरिये सत्यापन किया जाएगा। उनके दावों और अपलोड किए गए दस्तावेजों के सत्यापन के लिए नियुक्त सोसायटी, ऑडिटर्स और ओएसडी द्वारा सत्यापन के बाद उपलब्धता के अनुसार धनराशि, जमाकर्ताओं द्वारा ऑनलाइन दावा पेश करने के 45 दिनों के अंदर सीधे उनके आधार से जुड़े बैंक खाते में ट्रांस्फर कर दी जाएगी और उन्हें एसएमएस/पोर्टल के माध्यम से इसकी सूचना दे दी जाएगी।

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