यूपी चुनाव गन्ना क्षेत्र से अब आलू क्षेत्र में आया, इस इलाके में पारंपरिक रूप से सपा रही है मजबूत

ये सीटें प्रदेश के मध्य, पश्चिम और बुंदेलखंड इलाके के 16 जिलों में स्थित हैं। इन 59 सीटों में से 60 फीसदी यानी 36 सीटों के इलाके में आलू की पैदावार काफी होती है। देश के कुल आलू उत्पादन का करीब 30 फीसदी यहीं होता है

यूपी चुनाव गन्ना क्षेत्र से अब आलू क्षेत्र में आया, इस इलाके में पारंपरिक रूप से सपा रही है मजबूत

उत्तर प्रदेश में दो चरणों के मतदान के बाद राजनीतिक दलों का फोकस गन्ना क्षेत्र से हटकर अब आलू क्षेत्र पर केंद्रित हो गया है। पहले दो चरणों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चुनाव हुए और यह इलाका गन्ना क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। अब तीसरे चरण में 20 फरवरी को 59 सीटों पर मतदान होने हैं। 

ये सीटें प्रदेश के मध्य, पश्चिम और बुंदेलखंड इलाके के 16 जिलों में स्थित हैं। इन 59 सीटों में से 60 फीसदी यानी 36 सीटों के इलाके में आलू की पैदावार काफी होती है। देश के कुल आलू उत्पादन का करीब 30 फीसदी यहीं होता है।

यहां आलू उत्पादन करने वाले किसानों के लिए आलू की कीमत, इसके भंडारण की सुविधा और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) जैसे मुद्दे प्रमुख हैं। रोचक बात यह है कि भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस, तीनों ने आलू से जुड़े मुद्दों को अपने-अपने घोषणा पत्र में शामिल किया है। जाहिर है कि इसका मकसद आलू किसानों को रिझाना है।

सत्तारूढ़ भाजपा ने आलू और टमाटर को एमएसपी में शामिल करने के साथ इनके लिए एक हजार करोड़ रुपए का प्राइस स्टैबिलाइजेशन फंड बनाने का वादा किया है। सपा का वादा कन्नौज में आलू निर्यात का क्लस्टर बनाने का है। कांग्रेस ने कहा है कि उसकी सरकार बनने पर हर ब्लॉक में कोल्ड स्टोरेज खोले जाएंगे और प्रोसेसिंग की व्यवस्था की जाएगी।

खेती में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं की बढ़ती कीमत, खासकर डीजल की, बाजार में आलू की कीमतों में लगातार उतार-चढ़ाव, यूरिया और अन्य उर्वरकों की उपलब्धता की समस्या आलू किसानों के लिए कुछ बड़े मुद्दे हैं।

दरअसल, सीजन में जब आलू उत्पादन के बाद सप्लाई बढ़ती है तो कई बार बिक्री न होने पर किसानों को अपनी उपज खुले में फेंकनी पड़ती है। कई बार तो उन्हें मिलने वाली कीमत आलू को कोल्ड स्टोरेज में रखने की लागत से भी कम होती है। प्रदेश में करीब छह लाख हेक्टेयर में आलू की खेती की जाती है। सालाना उत्पादन 147 लाख टन के आसपास है।

प्रदेश में तीसरे चरण में 20 फरवरी को जिन 16 जिलों में मतदान होना है, उनमें हाथरस, फिरोजाबाद, अलीगंज, एटा, मैनपुरी, फर्रूखाबाद, कन्नौज, इटावा, ओरैया, कानपुर, कानपुर देहात, कासगंज, झांसी, ललितपुर, हमीरपुर और महोबा शामिल हैं।

पारंपरिक रूप से देखा जाए तो समाजवादी पार्टी का इन जिलों में अच्छा प्रभाव रहा है। एटा, इटावा, मैनपुरी, कन्नौज, फिरोजाबाद, ओरैया आदि जिलों में पार्टी के पूर्व प्रमुख मुलायम सिंह यादव की खासी पकड़ रही है। पार्टी के मौजूदा अध्यक्ष अखिलेश यादव मैनपुरी जिले की करहल सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।

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