किसानों के लिए खुशखबरीः क्यूआर कोड से बीजों की होगी सही पहचान और गुणवत्ता की मिलेगी सटीक जानकारी

इस सिस्टम के तहत क्यूआर कोड होगा जिससे बीज के बारे में पता लगाया जा सकेगा। साथी पोर्टल गुणवत्ता आश्वासन प्रणाली सुनिश्चित करेगा और बीज उत्पादन श्रृंखला में बीज के स्रोत की पहचान करेगा। इस प्रणाली में बीज श्रृंखला के एकीकृत 7 क्षेत्र शामिल होंगे- अनुसंधान संगठन, बीज प्रमाणीकरण, बीज लाइसेंसिंग, बीज सूची, डीलर से किसान को बिक्री, किसान पंजीकरण और बीज डीबीटी। वैध प्रमाणीकरण वाले बीज केवल वैध लाइसेंस प्राप्त डीलरों द्वारा केंद्रीय रूप से पंजीकृत किसानों को बेचे जा सकते हैं जो सीधे अपने पूर्व-मान्य बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं।

किसानों के लिए खुशखबरीः क्यूआर कोड से बीजों की होगी सही पहचान और गुणवत्ता की मिलेगी सटीक जानकारी
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को साथी पोर्टल और ऐप लॉन्च किया।

फसलों की ज्यादा पैदावार के लिए उच्च गुणवत्ता वाले बीज जरूरी हैं। मगर बीज खरीदते समय किसानों की सबसे बड़ी समस्या यह होती है कि जो बीच वह खरीद रहा है वह सही है या नहीं या उसकी गुणवत्ता कैसी है, इसका पता नहीं चल पाता है। पहले से आजमाए हुए बीजों के बारे में तो उन्हें पता होता है लेकिन नए बीजों या नई कंपनियों के बीजों के बारे में पता तभी चल पाता है जब फसल तैयार हो जाती है। किसानों की इस समस्या से निपटने के लिए सरकार ने एक पोर्टल और मोबाइल ऐप की शुरुआत की है।  इस पोर्टल और ऐप के जरिये अब किसान क्यूआर कोड से बीजों की सही पहचान और गुणवत्ता की सटीक जानकारी हासिल कर सकेंगे।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को इस पोर्टल और ऐप को लॉन्च किया। इस पोर्टल का नाम “साथी” (सीड ट्रेसेबिलिटी, ऑथेंटिकेशन एंड होलिस्टिक) रखा गया है। बीज उत्पादन की चुनौतियों से निपटने, गुणवत्तापूर्ण बीज की पहचान और बीज प्रमाणीकरण के लिए साथी पोर्टल व मोबाइल ऐप की शुरुआत की गई है। “उत्तम बीज- समृद्ध किसान” थीम पर इसे केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सहयोग से एनआईसी ने बनाया है।

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इस सिस्टम के तहत क्यूआर कोड होगा जिससे बीज के बारे में पता लगाया जा सकेगा। साथी पोर्टल गुणवत्ता आश्वासन प्रणाली सुनिश्चित करेगा और बीज उत्पादन श्रृंखला में बीज के स्रोत की पहचान करेगा। इस प्रणाली में बीज श्रृंखला के एकीकृत 7 क्षेत्र शामिल होंगे- अनुसंधान संगठन, बीज प्रमाणीकरण, बीज लाइसेंसिंग, बीज सूची, डीलर से किसान को बिक्री, किसान पंजीकरण और बीज डीबीटी। वैध प्रमाणीकरण वाले बीज केवल वैध लाइसेंस प्राप्त डीलरों द्वारा केंद्रीय रूप से पंजीकृत किसानों को बेचे जा सकते हैं जो सीधे अपने पूर्व-मान्य बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं।

इसे लॉन्च करते हुए तोमर ने कहा कि सरकार कृषि क्षेत्र की चुनौतियों और कठिनाइयों को विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों के माध्यम से दूर करने की लगातार कोशिश कर रही है। साथी पोर्टल भी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जब इसका प्रयोग नीचे तक शुरू होगा तो कृषि के क्षेत्र में यह क्रांतिकारी कदम साबित होगा। उन्होंने कहा कि पहले हमारे लिए खेती में अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति का ही लक्ष्य रहता था लेकिन वर्तमान में दुनिया की अपेक्षाएं भी भारत से बढ़ रही हैं। ऐसे में कृषि की तमाम चुनौतियों, जलवायु परिवर्तन आदि से निपटते हुए हम दुनिया की मदद कर सकें, यह हमारी जिम्मेदारी है।

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तोमर ने कहा कि खराब गुणवत्ता वाले बीजों से किसानों का तो नुकसान होता ही है, देश के कृषि उत्पादन पर भी फर्क पड़ता है और यह कृषि वृद्धि दर को भी प्रभावित करता है। गुणवत्ता वाले बीज किसानों तक पहुंच सके इसके लिए साथी पोर्टल की शुरुआत की गई है।  

 

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