उर्वरक सप्लाई पर केंद्र और छत्तीसगढ़ में टकराव, केंद्र ने कम सप्लाई के दावे को गलत बताया

केंद्र के अनुसार छत्तीसगढ़ को 4.11 लाख टन रासायनिक उर्वरकों का आवंटन किया गया। इसमें दो लाख टन यूरिया, 60 हजार टन टन डीएपी, 50 हजार टन एनपीके 26 हजार टन एमओपी और 26 हजार टन सिंगल सुपरफॉस्फेट है

उर्वरक सप्लाई पर केंद्र और छत्तीसगढ़ में टकराव, केंद्र ने कम सप्लाई के दावे को गलत बताया

छत्तीसगढ़ में रासायनिक  उर्वरकों की सप्लाई के दावों पर केन्द्र और राज्य सरकार में टकराव की स्थिति बन है। छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्र सरकार पर रासायनिक खाद में कटौती का आरोप लगाते हुए कुछ दिनों पहले कहा कि राज्य में रबी सीजन की खेती के लिए किसानों को उर्वरकों के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। राज्य सरकार का कहना है कि रासायनिक उर्वरकों  की मांग केंद्र सरकार के समक्ष  रखी गई है, लेकिन उसकी आपूर्ति नहीं हो रही है। इन आरोपों को सिरे से नकारते हुए केंद्र ने छत्तीसगढ़ में रासायनिक उर्वरकों की सप्लाई  पर अपनी सफाई दी है।

केन्द्रीय केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने बताया कि  कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के क्षेत्रीय सम्मेलनों के दौरान आम तौर पर राज्य सरकारों द्वारा अनुमानित आवश्यकता के अनुसार उर्वरकों का आवंटन किया जाता है। केंद्र के अनुसार छत्तीसगढ़ को 4.11 लाख टन रासायनिक उर्वरकों का आवंटन किया गया। इसमें दो  लाख टन यूरिया, 60 हजार टन  टन डीएपी, 50 हजार  टन एनपीके 26 हजार टन एमओपी और 26 हजार टन सिंगल सुपरफॉस्फेट है। 

केंद्र के अनुसार रबी सीजन 2021-22 के लिए राज्य की अनुमानित आवश्यकता 1.50 लाख  टन यूरिया, 60  हजार टन डीएपी, 50  हजार  टन एनपीके, 26 हजार  टन एमओपी और 75 हजार  टन एसएसपी की जरूरत थी। यानी रबी सीजन में 1 अक्टूबर से लेकर  31 मार्च तक राज्य को कुल 3.61 लाख टन  खाद की जरूरत  होती है, जबकि केन्द्र सरकार ने 17 फरवरी 2022 तक छत्तीसगढ़  को  4.36 लाख  टन उर्वरक उपलब्ध कराने का दावा किया है। वहीं,  राज्य में अभी 1.85 लाख  टन उर्वरक बिक्री उपरांत उपलब्ध है। केंद्र के अनुसार मीडिया रिपोर्ट में रेखांकित किया गया आंकड़ा 4.11 लाख मीट्रिक टन गलत और भ्रामक है। राज्य की कुल आवश्यकता मात्र 3.61 लाख मीट्रिक टन है।

छत्तीसगढ़ का आरोप है कि राज्य में जनवरी तक 2.32 लाख टन मांग के मुकाबले केन्द्र सरकार से 1.71 लाख टन उर्वरक प्राप्त हुए हैं। इस पर जवाब देते हुए केन्द्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि जनवरी 2022 तक 2.32 लाख टन की जरूरत थी, उसकी जगह पर  भारत सरकार ने 3.61 लाख मीट्रिक टन उर्वरक उपलब्ध कराया था।

केन्द्र सरकार के अनुसार मीडिया की खबर में यह भी बताया गया है कि छत्तीसगढ़ को खरीफ सीजन के दौरान भी रासायनिक उर्वरकों की कमी का सामना करना पड़ा था। इस बारे में स्पष्ट किया जाता है कि राज्य में खरीफ सीजन-2021 (1 अप्रैल से 30 सितंबर) के लिए उर्वरकों की कोई कमी नहीं थी। भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ को इस सीजन के लिए 11.75 लाख  टन की जरूरत के मुकाबले 14.44 लाख  टन रासायनिक उर्वरक आवंटित किया था।

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