फिक्की का कीटनाशकों पर जीएसटी घटाकर 5% प्रतिशत करने का आग्रह, अभी 18% है टैक्स

उद्योग संगठन फिक्की ने जीएसटी परिषद से आग्रह किया है कि कृषि रसायनों (कीटनाशकों) पर जीएसटी की दर को मौजूदा 18% से घटाकर शून्य या अधिकतम 5% करने की संभावना पर विचार करे। केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की 47वीं बैठक 28 और 29 जून को चंडीगढ़ में होने वाली है

फिक्की का कीटनाशकों पर जीएसटी घटाकर 5% प्रतिशत करने का आग्रह, अभी 18% है टैक्स

किसानों की आय और कृषि क्षेत्र के निरंतर विकास के लिए फसल सुरक्षा समाधान महत्वपूर्ण है। इसलिए उद्योग संगठन फिक्की ने जीएसटी परिषद से आग्रह किया है कि कृषि रसायनों (कीटनाशकों) पर जीएसटी की दर को मौजूदा 18% से घटाकर शून्य या अधिकतम 5% करने की संभावना पर विचार करे। केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की 47वीं बैठक 28 और 29 जून को चंडीगढ़ में होने वाली है।

फिक्की द्वारा आयोजित पॉलिसी लैंडस्केप फॉर ए फ्लोरिशिंग एग्रोकेमिकल्स पर प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए फिक्की की फसल सुरक्षा समिति के प्रमुख और धानुका ग्रुप के चेयरमैन आर जी अग्रवाल ने कहा कि इन रसायनों पर जीएसटी से छोटे और सीमांत किसानों की इनपुट लागत में वृद्धि होती है। उन्होंने कहा, "कृषि-रसायन पर 18 प्रतिशत का जीएसटी अनुचित है क्योंकि वे न केवल फसल सुरक्षा के लिए बीमा के रूप में कार्य करते हैं बल्कि उनकी गुणवत्ता, उपज और आय में भी वृद्धि करते हैं। 18 प्रतिशत की यह उच्च दर उचित नहीं है। इसे या तो शून्य होना चाहिए या उर्वरकों के बराबर अधिकतम 5 प्रतिशत तक लाया जाना चाहिए।"

पूर्व कृषि आयुक्त डॉ चारूदत्त दिगंबर माई ने कहा कि कृषि रसायन उद्योग हमारे किसानों के लिए काम करता है और फसल के नुकसान को कम करते हुए बेहतर गुणवत्ता वाले उत्पाद के साथ उच्च उपज का आश्वासन देता है। केंद्र सरकार को कीटनाशकों के गुणवत्ता नियंत्रण के लिए तत्काल मजबूत मशीनरी स्थापित करने की आवश्यकता है क्योंकि यह किसानों के साथ-साथ मिट्टी के लिए भी अच्छा होगा।

केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड और पंजीकरण समिति (सीआईबी एंड आरसी) में सुधारों की वकालत करते हुए उन्होंने कहा, यह सरकार द्वारा नए अणुओं के पंजीकरण में तेजी लाने की दृष्टि से किया जाना चाहिए जो किसानों की उपज और आय की गुणवत्ता बढ़ाने में मदद करेगा। सरकार द्वारा नियामक निर्णयों के प्रभावी और समय पर कार्यान्वयन से कृषि क्षेत्र को स्थाई रूप से लाभ पहुंचाने वाले समाधान को अधिक कुशल बनाने में मदद मिलेगी। 

सरकार ने कीटनाशक को एक चैंपियन सेक्टर घोषित किया है और इसलिए विकसित देशों से नई तकनीक और निवेश को आकर्षित करने की दृष्टि से भारत के कानूनों को अंतरराष्ट्रीय कानूनों के साथ सामंजस्य बिठाना आवश्यक है। इसलिए ड्राफ्ट पीएमबी 2020 के प्रावधानों पर फिर से विचार किया जाए, जो कोविड से पहले तैयार किया गया था।

फिक्की 23 जून, गुरुवार को नई दिल्ली में एक समृद्ध कृषि रसायन उद्योग के लिए पॉलिसी लैंडस्केप' विषय के साथ अपने 11वें एग्रोकेमिकल्स सम्मेलन 2022 का आयोजन कर रहा है।

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