गेहूं की अधिक उपज देने और गर्मी तथा रोग प्रतिरोधी क्षमता वाली चार किस्में, जानिए आपके क्षेत्र के लिए कौन सी किस्म बेहतर

एचडी 3385, एचडी 3410, एचडी 3388 और एचडी 3390 जैसी गेहूं की नई किस्में अधिक उपज देने के साथ गर्मी और रोग प्रतिरोधक क्षमता वाली हैं। ये किस्में भारत के विभिन्न कृषि-जलवायु क्षेत्रों के लिए आदर्श हैं। स्वदेशी रूप से विकसित ये किस्में जलवायु परिवर्तन के अनुकूल हैं और किसानों की उत्पादकता और लाभप्रदता में सुधार करती हैं।

गेहूं की अधिक उपज देने और गर्मी तथा रोग प्रतिरोधी क्षमता वाली चार किस्में, जानिए आपके क्षेत्र के लिए कौन सी किस्म बेहतर

गेहूं की एचडी 3385 किस्म को अधिक उपज देने वाली, ताप-सहिष्णु और रतुआ-रोधी (rust-resistant) किस्म के रूप में विकसित किया गया है। इसे विशेष रूप से उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्र, उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्र और मध्य क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन के कारण आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह किस्म पूर्णतः स्वदेशी प्रयासों से विकसित की गई है, जिसके जनक (पेरेंट किस्म) एचडी2967/एचडी2887//एचडी2946/एचडी2733 हैं।

यह पौध किस्म एवं कृषक अधिकार संरक्षण अधिनियम (PPVFRA) के तहत पंजीकृत है। एचडी 3385 ने पिछले वर्ष भारत के लगभग सभी हिस्से में अपनी अधिक उपज क्षमता का प्रदर्शन किया और कई स्थानों पर 7 टन/हेक्टेयर से अधिक उपज प्राप्त की। परीक्षण के दौरान इसने एचडी 2967 (15%), एचडी 3086 (10%), डीबीडब्ल्यू 222 (6.9%) और डीबीडब्ल्यू 187 (6.7%) से अधिक उपज प्राप्त की।

98 सेमी की ऊंचाई वाले पौधे के साथ यह अधिक झुकने की सहनशीलता प्रदर्शित करता है। एचडी 3385 की एक प्रमुख विशेषता इसकी गर्मी को मात देने की क्षमता है, जो इसे अधिक हीट स्ट्रेस के प्रति लचीला बनाती है। बदलती जलवायु परिस्थितियों में गेहूं के उत्पादन को बनाए रखने के लिए यह गुण अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके अतिरिक्त यह किस्म पीले, भूरे और काले रतुआ (rust) के प्रति अत्यधिक प्रतिरोधी है। इस तरह यह व्यापक रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रदर्शित करती है और कवकनाशी रसायनों पर निर्भरता कम होती है।

इस किस्म में उत्कृष्ट टिलरिंग क्षमता भी है, जो इसकी उत्पादकता में योगदान करती है। पहले बुवाई और संरक्षण कृषि पद्धतियों के प्रति एचडी 3385 की अनुकूलता इसे सिंचित क्षेत्रों के किसानों के लिए एक आदर्श विकल्प बनाती है। जिससे संसाधनों का बेहतर उपयोग और बेहतर लाभप्रदता सुनिश्चित होती है। यह जलवायु-प्रतिरोधी गेहूं किस्मों के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है जो गर्मी और रोग के दबाव की दोहरी चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हैं। इस किस्म ने पूरे भारत में, विशेष रूप से मध्य प्रदेश, गुजरात और यहां तक कि महाराष्ट्र सहित मध्य भारत में अच्छा प्रदर्शन किया है।

एचडी 3410
एचडी 3410 (पूसा जवाहर गेहूं 3410) मध्य क्षेत्र के लिए विकसित एक अधिक उपज देने वाली देसी किस्म है। इसे मध्य प्रदेश में शीघ्र बुवाई की स्थिति और दिल्ली के आसपास उत्तर भारत के मैदानी इलाकों के लिए भी जारी किया गया है। इसकी औसत उपज 65.91 क्विंटल/हेक्टेयर है। इसने मध्य प्रदेश में BMZ, अधिक उपज प्रदर्शन परीक्षणों (HYPT) और बहु-स्थान परीक्षणों (MLT) में HD 3086 से 24.04%, DBW 187 से 6.83%, WH 1270 से 23.06% और DBW 303 से 24.19% बेहतर प्रदर्शन किया है। इसकी यील्ड इसे मध्य क्षेत्र के लिए एक बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली किस्म बनाती है।

एचडी 3410 में 12.6% हाई प्रोटीन के साथ पोषण संबंधी गुण हैं। इसका कठोरता सूचकांक (80.8) भी ऊंचा है, जो बेहतर मिलिंग गुणवत्ता और प्रसंस्करण दक्षता सुनिश्चित करता है। इसके अतिरिक्त यह तीनों रस्ट - धारीदार रस्ट, पत्ती रस्ट और तना रस्ट - का प्रतिरोधी है। इसके अलावा इसमें उच्च करनाल बंट प्रतिरोध (3.3%) है, जो डीबीडब्ल्यू 187 (7.8%), डब्ल्यूएच 1270 (8.2%) और डीबीडब्ल्यू 303 (10.7%) की तुलना में काफी कम है। अधिक उपज, उत्कृष्ट रोग प्रतिरोधक क्षमता, बेहतर पोषण सामग्री और उत्कृष्ट मिलिंग गुणों के साथ एचडी 3410 (पूसा जवाहर गेहूं 3410) मध्य क्षेत्र के किसानों के लिए एक बेहतरीन गेहूं किस्म है। 

एचडी 3388 (पूसा यशोधरा)
एचडी 3388 (पूसा यशोधरा) अधिक उपज देने वाली और उत्कृष्ट पोषण गुणवत्ता वाली किस्म है जिसे उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्र की समय पर बुवाई वाली सिंचित परिस्थितियों के लिए विकसित किया गया है। इसमें पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल (पर्वतीय इलाकों को छोड़कर), ओडिशा, असम और उत्तर-पूर्वी भारत के मैदानी क्षेत्र शामिल हैं। इसने 52.0 क्विंटल/हेक्टेयर की औसत उपज (68.8 क्विंटल/हेक्टेयर की आनुवंशिक उपज क्षमता) प्रदर्शित की है, जो इसे इस क्षेत्र की सबसे अधिक उपज देने वाली किस्मों में से एक बनाती है। तुलनात्मक परीक्षणों से पता चला है कि एचडी 3388 अन्य प्रमुख किस्मों से बेहतर प्रदर्शन करती है- HD 3086 से 11.6% अधिक, HD 2967 से 10.3% अधिक, DBW 222 से 8.2% अधिक, PBW 826 से 5.3% अधिक, DBW 187 से 4.7% अधिक और HD 3249 से 4.3% अधिक।

अनाज की पोषण गुणवत्ता के संदर्भ में देखें तो HD 3388 में प्रोटीन 11.47% पाया जाता है। इसकी चपाती बनाने की गुणवत्ता उत्कृष्ट है, जिसकी रेटिंग 8.0 है। इससे उपभोक्ताओं को नरम और उच्च गुणवत्ता वाली रोटियां मिलती हैं। इसके अतिरिक्त यह धारीदार रस्ट, लीफ रस्ट और स्टेम रस्ट सहित प्रमुख गेहूं रोगों के प्रति बेहतर प्रतिरोध प्रदर्शित करती है। इसमें करनाल बंट प्रतिरोध (5.05%) भी अन्य व्यावसायिक किस्मों की तुलना में काफी कम है।

HD 3388 में ग्लूटेन की मात्रा भी उत्कृष्ट है, जिसमें गीला ग्लूटेन 25.8% और सूखा ग्लूटेन 8.8% है, जो आटे की मजबूती और बेकिंग क्वालिटी को बेहतर बनाता है। इसके अलावा इसने 0.89 HSI के साथ बेहतर हीट-स्ट्रेस सहनशीलता का प्रदर्शन किया है, जिससे बढ़ते तापमान की परिस्थितियों में इसकी अनुकूलनशीलता सुनिश्चित होती है। 

असाधारण उपज क्षमता, उत्कृष्ट पोषण गुणवत्ता, प्रबल रोग प्रतिरोधक क्षमता और अनुकूलनशीलता के साथ HD 3388 (पूसा यशोधरा) उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्र के गेहूं किसानों के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प है, जो उच्च आर्थिक लाभ और बेहतर खाद्य सुरक्षा दोनों का वादा करता है।

एचडी 3390
एचडी 3390 दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में समय पर सिंचित परिस्थितियों में बुवाई के लिए विकसित उच्च उपज देने वाली गेहूं की किस्म है। इसकी औसत यील्ड 62.36 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। इसने अन्य किस्मों की तुलना में महत्वपूर्ण प्रदर्शन किया है। इसने कई परीक्षणों में एचडी 3086 से 10.18% अधिक, एचडी 2967 से 15.98% अधिक, डीबीडब्ल्यू 187 से 3.65% अधिक, डीबीडब्ल्यू 222 से 0.62% अधिक और एचडी 3226 से 6.85% अधिक उपज दी है।

एचडी 3390 किस्म 144 दिनों में पक जाती है और इसके पौधे की ऊंचाई 102 सेमी होती है। इसमें पौष्टिकता अधिक है, इसमें प्रोटीन की मात्रा (12%) अच्छी है, तथा इसका हेक्टोलिटर वेट 78.2 किग्रा/एचएल है। इसके दाने का एपियरेंस स्कोर 6.4 है, जो इसे चपाती बनाने के लिए अत्यधिक उपयुक्त बनाता है।

यह किस्म गेहूं के प्रमुख रोगों के लिए प्रतिरोधी है, और इसमें धारीदार रस्ट प्रतिरोधक जीन Yr10 पाया जाता है, जो भारत में धारीदार रस्ट के सभी विषाणुजनित रोगों से प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करता है। इसने तीनों रतुओं के प्रति उच्च स्तर की प्रतिरोधक क्षमता प्रदर्शित की है। धारीदार रस्ट के लिए ACI (औसत संक्रमण गुणांक) मान 0 (प्राकृतिक) और 0.2 (कृत्रिम), लीफ रस्ट के लिए 0 (प्राकृतिक) और 4.2 (कृत्रिम), तथा स्टेम रस्ट के लिए 8 (कृत्रिम) है। इसके अलावा HD 3390 में चूर्णिल फफूंदी (रेटिंग 3) के प्रति उच्च स्तर की प्रतिरोधक क्षमता है।

उच्च उपज क्षमता, उत्कृष्ट पोषण और प्रसंस्करण गुणों, प्रबल रोग प्रतिरोधक क्षमता और अनुकूलनशीलता के साथ, HD 3390 दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र के किसानों के लिए एक आदर्श गेहूं किस्म है, जो उच्च उत्पादकता, बेहतर अनाज गुणवत्ता और बेहतर आर्थिक लाभ प्रदान करती है।

(लेखक आईएआरआई में प्रधान वैज्ञानिक हैं। वे 1992 में आईसीएआर से जुड़े और उन्होंने सरसों और गेहूं की कई किस्में विकसित कीं। उनकी कुछ लोकप्रिय किस्मों में एनआरसीडीआर 02, एचडी2932, एचडी2967, एचडी3171, एचडी3226, एचडी3298, एचडीसीएसडब्ल्यू 18 शामिल हैं। उनकी हाल ही में जारी की गई कुछ किस्में एचडी3385, एचडी3388, एचडी3390 और एचडी3410 हैं।)

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