नागपुर में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और नितिन गडकरी ने एग्रो विजन का उद्घाटन किया
संतरे के लिए नागपुर में शुरू किया जाएगा क्लीन प्लांट सेंटर, उत्पादकता बढ़ाने पर जोर
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को नागपुर में एग्रो विज़न का उद्घाटन किया। कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मंत्रियों, क्षेत्रीय विधायकों, कुलपतियों, कृषि विशेषज्ञों, शोध संस्थानों के प्रतिनिधियों, उद्यमियों और बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया।
उद्घाटन समारोह में शिवराज सिंह चौहान ने संतरा उत्पादकता बढ़ाने के लिए क्लीन प्लांट तकनीक की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने घोषणा की कि नागपुर में 70 करोड़ रुपये की लागत से क्लीन प्लांट सेंटर स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि खराब या वायरस-ग्रस्त पौधों के कारण किसान भारी नुकसान झेलते हैं। इसलिए अच्छी नर्सरी को चिन्हित कर बड़ी नर्सरी को 4 करोड़ रुपये और मध्यम व छोटी नर्सरी को 2 करोड़ रुपये तक की सहायता सरकार द्वारा दी जाएगी।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि महाराष्ट्र के किसान कई दिन से कह रहे थे कि पानी ज्यादा गिरा पानी, उसमें फसल खराब हो गई। जलभराव से फसल खराब होने पर नुकसान का मुआवजा देने का प्रावधान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में नहीं था। जंगली जानवर उनकी फसल को नुकसान पहुंचा जाएं तो उसकी भरपाई नहीं होती थी। अब जलभराव के कारण फसल खराब होगी तो उसकी भरपाई की जाएगी, इसका प्रावधान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में शामिल कर लिया गया है, वहीं जंगली जानवरों से भी फसलों को जो नुकसान होगा, उसकी भरपाई भी फसल बीमा योजना में की जाएगी।
केंद्रीय मंत्री चौहान ने कहा कि आलू, प्याज, टमाटर जैसी फसल उगाने व स्थानीय स्तर पर ठीक दाम नहीं मिलने पर बड़े शहरों में ले जाने के लिए ट्रांसपोर्टेशन का भाड़ा बहुत ज्यादा लगने की किसानों की दिक्कत दूर करने के लिए केंद्र ने योजना बनाई है कि इन उपज का परिवहन का सारा खर्चा केंद्रीय कृषि विभाग उठाएगा।
कार्यक्रम में, राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड द्वारा नागपुर में 2027 से प्रारंभ किए जाने वाले 65 करोड़ रु. की लागत के प्लांट का शिलान्यास केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह व नितिन गडकरी ने बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. मिनेश शाह की उपस्थिति में किया। एग्रो विजन के दौरान विभिन्न कृषि उत्पादों, उपकरणों, तकनीकी नवाचारों की प्रदर्शनी लगाई गई है, वहीं पहले दिन विशेषज्ञों ने जल संरक्षण, फसल विविधीकरण व आधुनिक कृषि विपणन पर विचार साझा किए।

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