‘फिनहाट बीमा पॉलिसी बेचने से क्लेम सेटलमेंट तक, सबका डिजिटल समाधान लाएगी’

रूरल वॉयस के साथ ईमेल इंटरव्यू में फिनहाट के सह संस्थापक और ग्रुप बिजनेस ऑफिसर नवनीत श्रीवास्तव ने कहा कि कोविड-19 महामारी से लेकर अब तक बीमा उद्योग ने न सिर्फ बीमा प्रोडक्ट की मांग में वृद्धि देखी है, बल्कि इस सेगमेंट में टेक्नोलॉजी का इंटीग्रेशन और डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल भी बढ़ा है। यह इस्तेमाल पॉलिसी ऑनलाइन बेचने से लेकर ऑनलाइन क्लेम सेटलमेंट तक में हो रहा है।

‘फिनहाट बीमा पॉलिसी बेचने से क्लेम सेटलमेंट तक, सबका डिजिटल समाधान लाएगी’

भारत जैसे बाजार में अनेक विविधताएं हैं। यह विविधता आमदनी के स्तर में, भौगोलिक क्षेत्र में, शिक्षा के स्तर में, टेक्नोलॉजी तक पहुंच तथा अन्य अनेक क्षेत्रों में दिखाई देती है। लेकिन यहां डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने और नागरिकों के डिजिटल सशक्तीकरण पर काफी जोर दिया जा रहा है। यह मानना है फिनहाट के सह संस्थापक और ग्रुप बिजनेस ऑफिसर नवनीत श्रीवास्तव का। रूरल वॉयस के साथ ईमेल इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी से लेकर अब तक बीमा उद्योग ने न सिर्फ बीमा प्रोडक्ट की मांग में वृद्धि देखी है, बल्कि इस सेगमेंट में टेक्नोलॉजी का इंटीग्रेशन और डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल भी बढ़ा है। यह इस्तेमाल पॉलिसी ऑनलाइन बेचने से लेकर ऑनलाइन क्लेम सेटलमेंट तक में हो रहा है। इंटरव्यू के मुख्य अंशः-

-भारत जैसे विविधतापूर्ण बाजार में ग्राहक जुटाने और डिजिटल इंश्योरेंस सॉल्यूशन की तैयारी को लेकर आपकी क्या राय है?

यह सही है कि भारत का बाजार काफी विविधतापूर्ण है। यह विविधता आमदनी के स्तर, भौगोलिक क्षेत्र, शिक्षा के स्तर, टेक्नोलॉजी तक पहुंच तथा अन्य अनेक क्षेत्रों में देखने को मिलती है। एक प्रोडक्ट के रूप में बीमा को स्वीकार करने में अधिकतर लोगों को थोड़ा समय लगता है। हमारा मानना है कि अब लोगों में बीमा और इसके फायदे के प्रति जागरूकता बढ़ी है। अब ज्यादा लोगों तक डिजिटल की पहुंच बढ़ने से आबादी का एक हिस्सा इंश्योरेंस प्रोडक्ट खरीदने में डिजिटल तरीकों का इस्तेमाल करने लगा है। महानगरों और टियर-1 तथा टियर-2 शहरों से बड़ी आबादी ऐसी है जो उभरते मध्य वर्ग में आती है। ये लोग ई-कॉमर्स का इस्तेमाल तो करते हैं लेकिन अभी तक अन्य वित्तीय सेवाओं के डिजिटल प्रयोग से दूर है।

हमारा मानना है कि आबादी के इस हिस्से के लिए डिजिटल तौर-तरीके अपनाने के लिहाज से हम शुरुआती चरण में हैं। उनके लिए अलग-अलग प्लेटफॉर्म तैयार करने के लिए अभी बहुत काम करने की जरूरत है ताकि उनका भरोसा कायम हो सके और उनके लिए सिस्टम और प्रक्रिया आसान की जा सके। तभी वे लोग बीमा को अपने लिए एक लाभदायक प्रोडक्ट के रूप में स्वीकार करेंगे। इससे जरूरत के समय जब वह क्लेम करेंगे तब उनकी डिलीवरी भी सुनिश्चित हो सकेगी।

-भारतीय बीमा सेक्टर में आप नया उभरता ट्रेंड क्या देख रहे हैं और इस ट्रेंड को भुनाने के लिए फिनहाट क्या कर रहा है?

आमतौर पर बीमा की खरीदारी लोग एजेंसियों अथवा थर्ड पार्टी डिस्ट्रीब्यूशन के जरिए करते हैं। भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी के 13 लाख से अधिक एजेंट हैं जो जमीनी स्तर पर बीमा प्रोडक्ट बेचते हैं। लेकिन अब बीमा कंपनियों के साथ ग्राहकों में भी डिजिटल चैनल की स्वीकार्यता बढ़ने लगी है। डिजिटल इंडिया पर सरकार का फोकस बढ़ने से डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने और आम लोगों में डिजिटल सशक्तीकरण बढ़ाने पर काफी जोर दिया जा रहा है।

-दुनियाभर में बीमा उद्योग को बदलने में टेक्नोलॉजी का बड़ा योगदान रहा है। बीमा के वैल्यू चेन में शामिल विभिन्न पहलुओं को टेक्नोलॉजी ने किस तरीके से बदला है, खासकर फिनहाट के कामकाज के संदर्भ में?

महामारी के बाद बीमा उद्योग के अलग-अलग क्षेत्रों में हालत काफी बदले हैं। न सिर्फ बीमा प्रोडक्ट की मांग में वृद्धि हुई है बल्कि टेक्नोलॉजी का इंटीग्रेशन और डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल बढ़ा है। प्रोडक्ट पोर्टफोलियो बढ़ाने, पॉलिसी ऑनलाइन बेचने तथा ऑनलाइन क्लेम सेटलमेंट में इनका प्रयोग बढ़ा है। इससे बीमा कंपनियों को न सिर्फ अपनी क्षमता बेहतर करने में मदद मिली है बल्कि प्रोसेसिंग समय भी घटा है। इसके अलावा बीमा सेवाओं की लागत भी कम हुई है।

फिनहाट में हमारा एक असिस्टेड डिजिटल मॉडल है जो हमें टेक्नोलॉजी लीवरेज तथा जमीनी स्तर पर पार्टनर संस्थाओं की मौजूदगी के जरिए कई सेवाएं मुहैया करने में मदद करता है। यह स्टार्टअप भारत के 60% पिन कोड क्षेत्र में पहुंच गया है। फिनहाट का मुख्य फोकस टेक्नोलॉजी के प्रयोग से प्रोडक्ट को बेहतर बनाना है। क्यूरेटेड प्रोडक्ट और उसकी पूरी अवधि में सर्विसेज को डिजिटाइज करने करने के क्षेत्र में हम गहन तरीके से काम कर रहे हैं। एक बार पार्टनर संस्थान और सेगमेंट के लिए खास प्रोडक्ट तैयार करने के बाद हम निम्न बिंदुओं पर फोकस करते हैं-

प्रोडक्ट डिजिटाइजेशनः फिनहाट अपने ग्राहकों के लिए प्रोडक्ट को पूरी तरह से डिजिटाइज करता है। इसका मकसद यह है कि ग्राहकों को पॉलिसी के रियल टाइम एक्सेस की समस्या का समाधान हो। यह विशिष्ट संस्थानों की खातिर तैयार किए जाने वाले खास प्रोडक्ट के लिए भी है। फिनहाट ने अपने सिस्टम को इतना लचीला बनाया है कि यह खुद को ऑर्गनाइजेशन के ढांचे के मुताबिक डाल सकता है।

बिक्री के बाद सर्विस और क्लेमः हमारा मानना है कि किसी भी पॉलिसी की बिक्री के बाद उसे आदत में शुमार करने के लिए सेल्स के बाद की सेवाएं और क्लेम आसान होनी चाहिए। फिनहाट अपने क्यूरेटेड खास प्रोडक्ट के लिए क्लेम की पूरी प्रक्रिया को डिजिटाइज करता है ताकि हमारे संस्थागत पार्टनर के लिए उन सेवाओं का लाभ उठाना आसान और झंझट मुक्त हो।

-भारत में जीवन बीमा के विस्तार की काफी गुंजाइश है। जीवन बीमा के विस्तार में फिनहाट को किस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा और उन चुनौतियों से निपटने के लिए किस तरह की रणनीति अपना रहे हैं?

हम जिस तरह के टारगेट सेगमेंट में काम कर रहे हैं, उन सेगमेंट में एक प्रोडक्ट के तौर पर बीमा की पहुंच बहुत कम है। हमारे सभी योजनाएं और रणनीतियां इस दिशा में कार्य करती हैं कि बीमा को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़े। फिनहाट प्लेटफार्म को हमारी चुनौतियों को ध्यान में रखकर ही तैयार किया गया है।

-उभरते मध्य वर्ग और निम्न आय वर्ग की मदद करने में फिनहाट क्या भूमिका निभा रहा है, इस वर्ग में किन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है और उनके समाधान के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?

फाइनेंशियल प्रोडक्ट और खासकर बीमा के डिस्ट्रीब्यूशन में तीन मुख्य चुनौतियां सामने आती हैं। पहली चुनौती है शहरी क्षेत्र के लिए तैयार किए गए प्रोडक्ट को आमतौर पर कम फायदे और कम कीमत के साथ ग्रामीण इलाकों में भी बेचने की कोशिश की जाती है। दूसरी, पॉलिसी बिक्री के बाद सेवाओं की कमी और तीसरी चुनौती है ग्रामीण आबादी के लिए भरोसेमंद समाधान की कमी।

फिनहाट में समस्याओं के समाधान के लिए ये कदम उठाए गए हैंः

-इसने जो प्रोडक्ट प्लेटफॉर्म तैयार किया है वह ऐसा है जो टारगेट सेगमेंट की विशिष्ट जरूरतों को पूरा करता है।

-पॉलिसी की बिक्री तथा बिक्री बाद की सेवाओं को डिजिटाइज किया जाता है ताकि प्रोडक्ट के पूरे जीवन चक्र के दौरान पेपरलेस सर्विसेज मुहैया कराई जा सके।

-इन इलाकों में मौजूद संस्थाओं के साथ गठजोड़ करके प्रोडक्ट का वितरण करना, सही प्रोडक्ट और डिजिटल प्लेटफॉर्म मुहैया कराना ताकि प्रोडक्ट की पूरी अवधि में हर स्तर पर मदद मुहैया करा सके।

-फिनहट की भावी योजनाएं क्या हैं?

इस समय फिनहाट 40 से अधिक संस्थाओं को सेवाएं दे रही है। इनके जरिए 15 लाख लोगों और देश के 60% पिन कोड तक हमारी पहुंच है। वित्त वर्ष 2023-24 में फिनहाट का फोकस तीन क्षेत्रों पर रहेगा। उचित प्रोडक्ट के जरिए क्यूरेटेड प्रोडक्ट की प्रोफाइल बढ़ाना, विभिन्न पार्टनर के साथ साझेदारी करके पहुंच बढ़ाना ताकि उनके क्लाइंट को अच्छे प्रोडक्ट और बेहतर अनुभव मिल सके, तथा 35 लाख से अधिक लोगों तक पहुंच बनाना।

-फिनहाट अपने प्रतिद्वंद्वियों से अलग किस तरह है?

हम अर्ध शहरी और ग्रामीण इलाकों में फाइनेंशियल सर्विसेज डिस्ट्रीब्यूशन का काम करते हैं जहां इन सेवाओं की पहुंच कम है। इस काम में दूसरे संस्थान भी मौजूद हैं, लेकिन हमारे ज्यादातर प्रतिद्वंद्वी शहरी क्षेत्र में अथवा टियर-1 और टियर-2 शहरों में मौजूद हैं, जबकि फिनहाट मुख्य रूप से ग्रामीण इलाकों में और टियर-3 तथा टियर-4 शहरों में काम कर रहा है। फिनहाट एक और मामले में अलग है कि यह खासकर क्लेम के मामले में भी टेक्नोलॉजी इनेबल्ड प्लेटफॉर्म मुहैया कराता है।

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