उत्तराखंड में गन्ने का भाव 405 रुपये हुआ, सीएम धामी ने 30 रुपये बढ़ोतरी का ऐलान किया
उत्तराखंड सरकार ने पेराई सत्र 2025–26 के लिए गन्ना मूल्य में 30 रुपये की वृद्धि करते हुए अगैती प्रजाति का मूल्य 405 प्रति क्विंटल तथा सामान्य प्रजाति का मूल्य 395 प्रति क्विंटल निर्धारित किया है।
उत्तराखंड सरकार ने पेराई सत्र 2025–26 के लिए गन्ने का राज्य परामर्शित मूल्य (SAP) घोषित कर दिया है। सरकार ने गन्ना मूल्य में 30 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि नए पेराई सत्र के लिए गन्ना मूल्य में वृद्धि करते हुए अगैती प्रजाति का मूल्य 405 प्रति प्रति क्विंटल तथा सामान्य प्रजाति का मूल्य 395 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के हितों को शीर्ष प्राथमिकता देती है। इसी उद्देश्य से वर्ष 2024–25 की तुलना में इस वर्ष गन्ना मूल्य में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की गई है। पिछले पेराई सत्र में अगैती प्रजाति का मूल्य 375 रुपये प्रति क्विंटल तथा सामान्य प्रजाति का मूल्य 365 रुपये प्रति क्विंटल था। इस प्रकार गन्ने मूल्य में 30 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है।
गौरतलब है कि यूपी सरकार ने भी इस साल गन्ना मूल्य 30 रुपये बढ़ाकर 400 रुपये कर दिया है। इस प्रकार उत्तराखंड में किसानों को गन्ने का भाव उत्तर प्रदेश से 5 रुपये अधिक मिलेगा। आमतौर पर उत्तराखंड में यूपी की तर्ज पर ही गन्ना मूल्य का निर्धारण होता है। इस साल पंजाब ने गन्ने का भाव 416 रुपये तथा हरियाणा ने 415 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। इस प्रकार उत्तराखंड देश में सर्वाधिक गन्ना मूल्य वाले टॉप तीन राज्य में शुमार हो गया है।
उत्तराखंड में पेराई सीजन शुरू होने के बाद भी गन्ना मूल्य का ऐलान नहीं हुआ था। दाम निर्धारण में देरी को लेकर विपक्ष राज्य सरकार पर हमलावर था। क्योंकि लेकिन गन्ना मूल्य 30 रुपये बढ़ाकर मुख्यमंत्री धामी ने किसानों को साधने का प्रयास किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार का लक्ष्य किसानों की आय बढ़ाना और उनकी उपज का उचित मूल्य समय पर दिलाना है। उन्होंने बताया कि मूल्य निर्धारण की प्रक्रिया में सहकारी, सार्वजनिक एवं निजी चीनी मिलों, गन्ना विभाग, किसान संगठनों तथा संबंधित हितधारकों के साथ विस्तृत विमर्श किया गया। साथ ही केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित एफआरपी, उत्तर प्रदेश में प्रभावी गन्ना मूल्य तथा राज्य की परिस्थितियों का विश्लेषण कर संतुलित निर्णय लिया गया है। उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि क्रय केंद्रों पर किसी प्रकार की असुविधा न हो और भुगतान बिना देरी के सुनिश्चित किया जाए।

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