छत्तीसगढ़ सरकार ने किसान न्याय योजना के तहत 19 लाख किसानों को दिए 4,500 करोड़ रुपए, चौथी किस्त इसी माह

छत्तीसगढ़ सरकार ‘राजीव गांधी किसान न्याय’ योजना के तहत मौजूदा वित्त वर्ष में 19 लाख किसानों को 4,500 करोड़ रुपए का भुगतान कर चुकी है। इस तरह इस साल के लिए तय लक्ष्य के मुकाबले 78 फीसदी रकम किसानों को दी जा चुकी है। किसानों को यह सहायता राशि तीन किस्तों में दी गई है। मार्च के अंत तक चौथी किस्त भी दे दी जाएगी। इस योजना के तहत कुल 5,750 करोड़ रुपए की सहायता किसानों को दी जानी है।

छत्तीसगढ़ सरकार ने किसान न्याय योजना के तहत 19 लाख किसानों को दिए 4,500 करोड़ रुपए, चौथी किस्त इसी माह

किसानों की आय में बढ़ोतरी और उनको वित्तीय मदद के लिए अपने तरह की देश की पहली योजना लागू कर रही छत्तीसगढ़ सरकार ‘राजीव गांधी किसान न्याय’ योजना के तहत मौजूदा वित्त वर्ष (2020-21) में 19 लाख किसानों को 4,500 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुकी है। इस तरह इस साल के लिए तय लक्ष्य की 78 फीसदी रकम किसानों को दी जा चुकी है। किसानों को यह सहायता राशि तीन किस्तों में दी गई है। मार्च के अंत तक चौथी किस्त भी दे दी जाएगी। इस योजना के तहत कुल 5,750 करोड़ रुपये की सहायता किसानों को दी जानी है।

धान किसानों को अधिकतम 10,000 रुपए प्रति एकड़ की दर से सहायता

योजना में धान, मक्का, दलहन, तिलहन और गन्ना को शामिल किया गया है। खरीफ 2019 में जिन किसानों ने धान की फसल ली थी उन्हें सहकारी समितियों के माध्यम से अधिकतम 10,000 रुपये प्रति एकड़ की दर से सहायता राशि दी जा रही है। लाभार्थी किसानों में 9.53 लाख सीमांत, 5.60 लाख लघु और 3.20 लाख बड़े किसान शामिल हैं। संभाग स्तर पर देखा जाए तो सबसे ज्यादा 5.60 लाख किसान रायपुर संभाग में हैं। इसके बाद 5.55 लाख किसान दुर्ग और 4.55 लाख बिलासपुर संभाग में हैं। गन्ने की फसल के लिए पेराई वर्ष 2019-20 में 261 रुपये प्रति क्विंटल एफआरपी और 93.75 रुपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन और आदान सहायता राशि दी जा रही है। इस तरह प्रति क्विंटल 355 रुपये तक का भुगतान किया जा रहा है। देश में गन्ना किसानों को मिलने वाला यह सबसे अधिक दाम है। जबकि देश के सबसे बड़े गन्ना उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में वहां की सरकार ने पिछले तीन साल से गन्ना मूल्य में कोई बढ़ोतरी ही नहीं की है और वहां इस समय गन्ने की अग्रिम किस्म का मूल्य 325 रुपये प्रति क्विटंल है।

90 फीसदी लाभान्वित किसान कमजोर वर्ग के

छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जिसने किसानों को मदद पहुंचाने के लिए उनके खाते में सीधे राशि दी है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गरीब किसानों को मदद पहुंचाने की योजना है। राज्य सरकार का कहना है कि  इससे आदिवासियों, ग्रामीणों एवं गरीबों की आमदनी बढ़ाने में मदद मिली है। योजना से लाभान्वित होने वालों में 90 प्रतिशत लघु और सीमांत किसान अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं गरीब तबके के हैं।

इस माह के अंत तक चौथी किस्त भी दे दी जाएगी

राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत राज्य के 19 लाख किसानों को अब तक तीन किस्तों में 4500 करोड़ रुपये की सहायता दी जा चुकी है। पहली किस्त का भुगतान 21 मई 2020 को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर किया गया। उस समय 18.34 लाख से ज्यादा किसानों को 1500 करोड़ रुपये की पहली किस्त उनके खाते में हस्तांतरित की गई। दूसरी किस्त का भुगतान राजीव गांधी के जन्मदिन 20 अगस्त 2020 को किया गया जिसमें किसानों को 1500 करोड़ की सहायता राशि दी गई। तीसरी किस्त का भुगतान छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस, 1 नवंबर को किया गया। उस दिन भी 1500 करोड़ रुपये की सहायता राशि किसानों के खातों में ट्रांसफर की गई। राज्य सरकार का कहना है कि मार्च 2021 के अंत तक चौथी किस्त की राशि किसानों को दे दी जाएगी। इस योजना के तहत कुल 5750 करोड़ रुपए की आदान सहायता किसानों को दी जानी है।

21 मई 2020 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुरू की थी योजना

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर 21 मई 2020 को इस योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत किसानों के बैंक खाते में राशि ट्रांसफर की जाती है। किसानों को यह राशि आदान सहायता के रूप में उपलब्ध कराई जा रही है। इस योजना का लाभ लेने वाले किसानों के लिए विभागीय पोर्टल पर पंजीकरण कराना जरूरी है। फसल अवशेष जलाने वाले किसानों को इसका लाभ नहीं मिलेगा।

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