सहकारिता को मजबूती देने के लिए फोरम

सहकारिता को विस्तार देने के लिए और उसके जरिये आर्थिक तरक्की का मजबूत रास्ता बनाने के लिए एक ऐसा फोरम तैयार हो गया है जिसमें देश के सभी बड़े सहकारी संस्थानों का शीर्ष नेतृत्व मिलकर मंथन करता है। इस अनौपचारिक फोरम की अभी तक पांच बैठकें हो चुकी हैं और उन सभी बैठकों में राजनीतिक विचारधारा को दरकिनार करते हुए सहकारिता में काम करने वाले दिग्गज शामिल हैं।

सहकारिता को मजबूती देने के लिए फोरम

सहकारिता को विस्तार देने के लिए और उसके जरिये आर्थिक तरक्की का मजबूत रास्ता बनाने के लिए एक ऐसा फोरम तैयार हो गया है जिसमें देश के सभी बड़े सहकारी संस्थानों का शीर्ष नेतृत्व मिलकर मंथन करता है। इस अनौपचारिक फोरम की अभी तक पांच बैठकें हो चुकी हैं और उन सभी बैठकों में राजनीतिक विचारधारा को दरकिनार करते हुए सहकारिता में काम करने वाले दिग्गज शामिल हैं।

मंगलवार को भी फोरम की एक बैठक हुई। इस बैठक का आयोजन सहकार भारती के मंच पर किया गया। इसमें सहकारिता मंत्रालय से नये सचिव आषीश भूटानी, सहकारिता मंत्रालय के पूर्व सचिव ज्ञानेश कुमार और सहकारिता मंत्रालय का गठन होने के साथ उसके पहले सचिव और अब कोआपरेटिव इलेक्शन अथॉरिटी के प्रमुख डीके सिंह शामिल थे। इसके साथ ही इफको के चेयरमैन दिलीप संघानी, इफको के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. यू एस अवस्थी, कृभको के चेयरमैन डॉ. चंद्रपाल सिंह, नेफेड के चेयरमैन बिजेंद्र सिंह, नेफकब के नव नियुक्त चेयरमैन, एनसीसीएफ के चेयरमैन विशाल सिंह और सहकारिता से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण पदाधिकारी इस बैठक में मौजूद थे।

सहकार भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. डीएन ठाकुर ने इस मौके पर कहा कि सहकारी क्षेत्र को मजबूत करने के लिए काम कर रहे इस अनौपचारिक फोरम के जरिये हम लगातार मिलकर मंथन कर रहे हैं। इसके साथ ही सहकारी संस्थानों के पदाधिकारियों के साथ सरकार के अधिकारियों के इसमें शामिल होने के चलते यह फोरम एक ब्रिज का काम रहा है। सरकार और सहकारी क्षेत्र के संस्थानों के इस संयुक्त प्रयास के कई बेहतर नतीजे हमें सहकारिता मत्रालय द्वारा लिये गये फैसलों और पहल के जरिये देखने को मिले हैं।

बैठक में शामिल सभी लोगों ने सहमति जताई है कि इस फोरम को भले ही हम अनौपचारिक कहें लेकिन इसकी बैठकें लगातार होनी चाहिए। इन बैठकों के माध्यम से सहकारिता और उसके फायदों को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के प्रयासों पर बेहतर तरीके से अमल हो सकेगा और नीतिगत स्तर पर भी सही दिशा में काम हो सकेगा।

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