खाद्य उत्पादों की निर्यात क्षमता को बढ़ाना भारत के लिए हितकर: सिराज हुसैन  

कृषि उत्पादों के क्षेत्र में भारत एक मजबूत निर्यातक देश है और इसे अपनी निर्यात क्षमता को निरंतर बढ़ाते रहना चाहिए। यूरोप समेत अन्य देशों की मांग को ध्यान में रखते हुए भारत को अपनी उत्पाद व उत्पादन क्षमता को बढ़ावा देना चाहिए। उद्योग चैंबर फिक्की के सलाहकार और पूर्व केंद्रीय कृषि सचिव सिराज हुसैन ने स्मार्ट प्रोटिन समिट 2022 को संबोधित करते हुए यह बातें कहीं

खाद्य उत्पादों की  निर्यात क्षमता को बढ़ाना भारत के लिए हितकर: सिराज हुसैन  

कृषि उत्पादों के क्षेत्र में भारत एक मजबूत निर्यातक देश है और इसे अपनी निर्यात क्षमता को निरंतर बढ़ाते रहना चाहिए। यूरोप समेत अन्य देशों की मांग को ध्यान में रखते हुए भारत को अपनी उत्पाद व उत्पादन क्षमता को बढ़ावा देना चाहिए। उद्योग चैंबर फिक्की के सलाहकार और पूर्व केंद्रीय कृषि सचिव सिराज हुसैन ने स्मार्ट प्रोटिन समिट 2022 को संबोधित करते हुए यह बातें कहीं। 

स्मार्ट प्रोटीन विषय पर बोलते हुए सिराज हुसैन ने कहा भारत को अपने निर्यात क्षमता को समझना होगा। अब समय आ गया है, जब भारत विदेशों की खाद्य आपूर्ति की मांग को ध्यान में रखते हुए उत्पादन करे। उन्होंने कहा कि सरकार का जोर देश के कुछ हिस्सों को शुद्ध शाकाहारी बना देने पर है। सरकार को मांसाहार को भी बढ़ावा देना चाहिए। पहले जो मांसाहार भोजन की जांच के लिए नगर निगम कि जांच व्यवस्था थी सरकार ने उसे भी खत्म कर दिया। ऐसे में हम खाद्य प्रोटीन की सफलता को कैसे हासिल कर पाएंगे। प्रोटीन प्रोडक्ट्स बेचने वालों को यह ध्यान में रखना चाहिए कि उनके प्रोडक्ट्स को सभी लोग आसानी से खरीद सकें न कि सिर्फ पांच प्रतिशत लोग।

गुड फूड इंस्टीट्यूट इंडिया (जीएफआई)  के प्रबंध निदेशक वरुण देशपांडे ने स्मार्ट प्रोटीन समिट 2022 को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना काल में इस बात को पाया गया कि एन्टीबायोटिक दवाओं का असर अब लोगों पर बहुत कम होता जा रहा है। यह अच्छी खबर नहीं है। अमेरिका, कतर, इरान में गुड फूड को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्मार्ट न्यूट्रिशन को बढ़ावा देने के लिए फिक्की और गुड फूड इंडिया (जीएफआई) के सामूहिक प्रयास से नेशनल एक्सीलेंस फॉर स्मार्ट प्रोटीन (एनआईएसपी) का  संस्था का गठन किया जा रहा है।

नेशनल कमोडिटीज मैनेजमेंट सर्विसेज लिमिटेड ( एनसीएमएल) के चेयरमैन सिराज अजमत चौधरी ने  इस मौके पर कहा  कि खाद्य से जुड़े विषयों पर हम हमेशा पश्चिमी देशों की समस्याओं को क्रेन्द्र में रखकर ही सोचते हैं। हमें अपनी इस आदत को छोड़ना पड़ेगा और अपने देश की समस्याओं को केन्द्र में रखकर उसको प्राथमिकता देनी होगी। साल  2021 में भारत ने 40 अरब डॉलर के  खाद्य उत्पादों का निर्यात किया था जो कि एक बेहतरीन खबर है। हमें समस्या के समाधान के लिए अपने देश के अनुकूल सोचने की जरूरत है। इन बातों को ध्यान में रखते हुए हमें अपने देश के निर्यात क्षमता को बढ़ाने पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए।
इस कार्यक्रम में फूड एंड न्यूट्रिशन साइंटिस्ट, प्रोटीन फूड प्रोडक्ट्स निर्माताओं और खेती किसानी से जुड़े लोगों ने शिरकत की। 

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