नवंबर में वनस्पति तेलों का आयात 25% घटा, क्रूड ऑयल आयात में 26% और रिफाइंड में 15% की कमी

भारत में वनस्पति तेलों का आयात 2023-24 तेल वर्ष के पहले महीने नवंबर में 25 प्रतिशत घटकर 11.60 लाख टन रह गया। पिछले साल नवंबर में 15.45 लाख टन वनस्पति तेलों का आयात हुआ था। इंडस्ट्री बॉडी सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार, नवंबर 2023 के दौरान कुल वनस्पति तेल आयात में  खाद्य तेल 11.48 लाख टन और गैर-खाद्य तेल 12,498 टन थे। भारत, दुनिया का सबसे बड़ा वनस्पति तेल खरीदार है। यह खाद्य तेल श्रेणी में रिफाइंड और क्रूड, दोनों वनस्पति तेलों का आयात करता है।

नवंबर में वनस्पति तेलों का आयात 25% घटा, क्रूड ऑयल आयात में 26% और रिफाइंड में 15% की कमी

भारत में वनस्पति तेलों का आयात 2023-24 तेल वर्ष के पहले महीने नवंबर में 25 प्रतिशत घटकर 11.60 लाख टन रह गया। पिछले साल नवंबर में 15.45 लाख टन वनस्पति तेलों का आयात हुआ था। इंडस्ट्री बॉडी सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार, नवंबर 2023 के दौरान कुल वनस्पति तेल आयात में  खाद्य तेल 11.48 लाख टन और गैर-खाद्य तेल 12,498 टन थे। भारत, दुनिया का सबसे बड़ा वनस्पति तेल खरीदार है। यह खाद्य तेल श्रेणी में रिफाइंड और क्रूड, दोनों वनस्पति तेलों का आयात करता है। तेल वर्ष नवंबर से अक्टूबर तक चलता है।

एसईए के आंकड़ों से पता चलता है कि इस साल नवंबर में क्रूड वनस्पति तेल का आयात 26.34 प्रतिशत घटकर 9.77 लाख टन रह गया, जो एक साल पहले की अवधि में 13.26 लाख टन था। इसी तरह, रिफाइंड वनस्पति तेलों का आयात इस साल नवंबर में 15.41 प्रतिशत घटकर 1,71,069 टन रह गया। पिछले साल नवंबर में 2,02,248 टन खाद्य तेलों का आयात हुआ था।

हालांकि क्रूड वनस्पति तेलों में आरबीडी पामोलीन का आयात घटकर 1.71 लाख टन रह गया। नवंबर 2022 में इसका 2.02 लाख टन का आयात हुआ था। लेकिन इस साल अक्टूबर की तुलना में देखें तो आयात 53,497 टन से तीन गुना हो गया।

एसईए ने कहा कि क्रूड पाम तेल (सीपीओ) और रिफाइंड तेल के आयात शुल्क में 8.25 प्रतिशत का प्रभावी अंतर है। इससे सीपीओ के बजाय देश में रिफाइंड पामोलीन के आयात को बढ़ावा मिलता है। एसईए ने बयान में कहा, "कहने की जरूरत नहीं कि रिफाइंड तेल का आयात हमारे राष्ट्रीय हितों के विपरीत है और यह हमारे पाम रिफाइनिंग उद्योग की क्षमता उपयोग को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है।"

पामोलीन आयात में वृद्धि का मुख्य कारण निर्यातक देशों (मलेशिया और इंडोनेशिया) द्वारा अपने उद्योग को दिया गया प्रोत्साहन है। एसईए के बयान में कहा गया है कि उन देशों ने क्रूड पाम पर ऊंचा निर्यात शुल्क और रिफाइंड पामोलीन पर कम निर्यात शुल्क रखा है। भारत में सीपीओ और रिफाइंड पामोलीन के बीच आयात शुल्क में 8.25 प्रतिशत का अंतर है, यह पामोलीन आयात को रेगुलेट करने के लिए अपर्याप्त है।

एसईए के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल नवंबर में सीपीओ का आयात घटकर 6.92 लाख टन रह गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 9.31 लाख टन था। इसी प्रकार, उक्त अवधि में कच्चे सूरजमुखी तेल का आयात 1.57 लाख टन से घटकर 1.28 लाख टन हो गया, जबकि कच्चे सोयाबीन तेल का आयात 2.29 लाख टन से गिरकर 1.49 लाख टन हो गया।

1 दिसंबर को खाद्य तेल का स्टॉक 29.60 लाख टन था, जो पिछले महीने से 1.79 लाख टन कम है। भारत मुख्य रूप से इंडोनेशिया और मलेशिया से पाम तेल और अर्जेंटीना से सोयाबीन तेल सहित थोड़ी मात्रा में क्रूड सॉफ्ट ऑयल का आयात करता है। सूरजमुखी तेल यूक्रेन और रूस से आयात किया जाता है।

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