सेंट्रम ब्रोकिंग का आकलन, ऑफ सीजन में बढ़ सकते हैं चीनी के दाम

ऑफ सीजन में चीनी महंगी हो सकती है। यह आकलन है ब्रोकरेज फॉर्म सेंट्रम ब्रोकिंग का। इसने अपनी रिसर्च रिपोर्ट में लिखा है कि घरेलू बाजार में चीनी के दाम फिलहाल स्थिर हो गए हैं। उत्तर प्रदेश में एक्स मिल कीमत 37.5 रुपये प्रति किलो है और महाराष्ट्र में 34 रुपये प्रति किलो। रिपोर्ट के अनुसार सीजन की शुरुआत में चीनी की कीमतों में वृद्धि हुई थी, लेकिन बाद में इसके डायवर्जन पर रोक लगने के बाद कीमतों में गिरावट आई। उसके बाद इसमें स्थिरता आने लगी।

सेंट्रम ब्रोकिंग का आकलन, ऑफ सीजन में बढ़ सकते हैं चीनी के दाम

ऑफ सीजन में चीनी महंगी हो सकती है। यह आकलन है ब्रोकरेज फॉर्म सेंट्रम ब्रोकिंग का। इसने अपनी रिसर्च रिपोर्ट में लिखा है कि घरेलू बाजार में चीनी के दाम फिलहाल स्थिर हो गए हैं। उत्तर प्रदेश में एक्स मिल कीमत 37.5 रुपये प्रति किलो है और महाराष्ट्र में 34 रुपये प्रति किलो। रिपोर्ट के अनुसार सीजन की शुरुआत में चीनी की कीमतों में वृद्धि हुई थी, लेकिन बाद में इसके डायवर्जन पर रोक लगने के बाद कीमतों में गिरावट आई। उसके बाद इसमें स्थिरता आने लगी। गौरतलब है कि दो दिन पहले संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (फाओ) ने अपने मासिक बुलेटिन में बताया कि भारत में चीनी उत्पादन के अनुमानों में बढ़ोतरी के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसके दाम कम हुए हैं।
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रिपोर्ट के अनुसार हाल में उत्तर प्रदेश में चीनी की कीमत 37.53 रुपए प्रति किलो तक गिरने के बाद स्थिर हो गई। पेराई सीजन को देखते हुए इसे प्रॉफिटेबल कीमत कहा जा सकता है। सीजन खत्म होने के बाद ऑफ सीजन में कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। चीनी के सीजन 2023-24 (अक्टूबर से सितंबर) में 31 मार्च तक के राज्यवार पेराई आंकड़ों के अनुसार पिछले महीने के अंत तक 29.5 करोड़ टन गन्ने की पेराई हो चुकी थी। पिछले साल इस समय तक 30.5 करोड़ टन गन्ने की पेराई हुई थी।

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रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय स्तर पर देखा जाए तो चीनी की रिकवरी इस बार पिछले साल से बेहतर हुई है। इसलिए इसमें उत्पादन का अनुमान 317 लाख टन के पिछले अनुमान से बढ़ाकर 320 लाख टन किया गया है। पिछले साल 331 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। अनुमान में यह संशोधन मुख्य रूप से महाराष्ट्र में उत्पादन वृद्धि के कारण किया गया है। हालांकि उत्तर प्रदेश में पिछले पखवाड़े में गन्ना मिलों में पेराई में कमी आई है।

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रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी सेक्टर पर कुल मिलाकर आउटलुक थोड़ा नेगेटिव है। सरकार के हाल के नोटिफिकेशन से एथेनॉल उत्पादन प्रभावित होने के आसार हैं। इसके अतिरिक्त चीनी उत्पादन बढ़ने से इन्वेंटरी का स्तर बढ़ेगा और इसका असर चीनी की कीमतों में गिरावट के रूप में सामने आएगा। हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस सेक्टर के लिए बुरा वक्त बीत चुका है।

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