इस वर्ष चीनी उत्पादन 13 फ़ीसदी अधिक होने की उम्मीद, गन्ना किसानों को 80 फ़ीसदी राशि के भुगतान का दावा

संशोधित अनुमानों के अनुसार वर्तमान चीनी सीजन में चीनी का उत्पादन 278 लाख टन अनुमानित घरेलू खपत के मुकाबले लगभग 350 लाख टन होने का अनुमान है। चीनी मिलों के संगठन इस्मा ने भी पिछले दिनों इतने उत्पादन का ही अनुमान जताया था

इस वर्ष चीनी उत्पादन 13 फ़ीसदी अधिक होने की उम्मीद, गन्ना किसानों को 80 फ़ीसदी राशि के भुगतान का दावा

चालू चीनी सीजन 2021-22 में चीनी का उत्पादन पिछले सीजन की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक होने की उम्मीद है। संशोधित अनुमानों के अनुसार वर्तमान चीनी सीजन में चीनी का उत्पादन 278 लाख टन अनुमानित घरेलू खपत के मुकाबले लगभग 350 लाख टन होने का अनुमान है। चीनी मिलों के संगठन इस्मा ने भी पिछले दिनों इतने उत्पादन का ही अनुमान जताया था। सरकार ने इस वर्ष गन्ना किसानों को 18 अप्रैल 2022 तक 80 फ़ीसदी राशि के भुगतान हो जाने का दावा किया है।

खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अनुसार चीनी सीजन 2021-22 की शुरुआत में करीब 85 लाख टन चीनी का स्टॉक था। लगभग 95 लाख टन के संभावित निर्यात के बाद भी, सितंबर 2022 के अंत में चालू चीनी सीजन के लिए चीनी का क्लोजिंग स्टॉक 60 लाख टन से अधिक होने की संभावना है। यह देश में चीनी की घरेलू आवश्यकता को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। ऐसे में चीनी की कीमतों के स्थिर रहने की उम्मीद है।

मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में राज्य सरकारों के गन्ना आयुक्तों/निदेशकों (चीनी) के साथ मंगलवार को एक वर्चुअल बैठक हुई जिसमें चीनी सीजन 2021-22 (अक्टूबर-सितंबर) के लिए गन्ने की खेती के रकबे का आकलन करने, गन्ना और चीनी उत्पादन के साथ-साथ चीनी के निर्यात और इथेनॉल उत्पादन के लिए जरूरी चीनी अलग रखने जैसे मुद्दों पर बातचीत हुई। सरकार चीनी मिलों को इथेनॉल बनाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है ताकि उसे पेट्रोल के साथ मिलाने का लक्ष्य हासिल किया जा सके। यह न केवल हरित ईंधन के रूप में काम करेगा बल्कि कच्चे तेल के आयात में कमी के रूप में विदेशी मुद्रा की बचत भी करेगा।

पिछले 3 चीनी सीजन 2018-19, 2019-20 और 2020-21 में लगभग 3.37 लाख टन, 9.26 लाख टन और 22 लाख टन चीनी को इथेनॉल में बदल दिया गया है। वर्तमान चीनी सीजन 2021-22 में, लगभग 35 लाख टन चीनी को इथेनॉल के लिए डायवर्ट किए जाने का अनुमान है और 2024-25 तक लगभग 60 लाख टन चीनी को इथेनॉल में बदलने का लक्ष्य है। इससे अतिरिक्त गन्ने की समस्या के साथ-साथ देर से होने वाले भुगतान का समाधान निकलेगा और किसानों को समय पर भुगतान मिल सकेगा।

इथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2013-14 (दिसंबर-नवंबर) से 2020-21 तक, चीनी मिलों / डिस्टिलरी ने तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) को लगभग 53 हजार करोड़ रुपए के इथेनॉल की बिक्री की है। 2021-22 में चीनी मिलों द्वारा ओएमसी को ​​18,000 करोड़ रुपये से अधिक के इथेनॉल की आपूर्ति करने की उम्मीद है।

मंत्रालय के अनुसार पिछले चीनी सीजन 2020-21 में 92,938 करोड़ रुपये के गन्ना बकाया में से किसानों को 18 अप्रैल 2022 तक लगभग 92,480 करोड़ रुपये गन्ना बकाया का भुगतान किया गया है। इस प्रकार, पिछले चीनी सीजन का 99.5 प्रतिशत गन्ना बकाये का भुगतान कर दिया गया है। चालू चीनी सीजन 2021-22 में 91,468 करोड़ रुपये के कुल गन्ना बकाया में से किसानों को 18 अप्रैल 2022 तक लगभग 74,149 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है जो कि 80 प्रतिशत से अधिक है। उम्मीद है कि चालू चीनी सीजन में चीनी मिलें किसानों को 1,00,000 करोड़ रुपये से अधिक का गन्ना मूल्य का भुगतान करेंगी। 

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