11 महीनों में ट्रैक्टर की बिक्री और उत्पादन 10 लाख के पार, क्यों उफान पर है ट्रैक्टर बाजार

जनवरी-नवंबर 2025 के दौरान ट्रैक्टरों की कुल घरेलू बिक्री 10.2 लाख यूनिट रही जबकि साल 2024 में यह इसी समय अवधि में 9.1 लाख यूनिट थी. वहीं, इस दौरान कुल ट्रैक्टर उत्पादन भी 10 लाख को पार करते हुए 10.7 लाख यूनिट हो गया. इस साल इन 11 महीने में ट्रैक्टर बाजार में कुल 12 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है.

11 महीनों में ट्रैक्टर की बिक्री और उत्पादन 10 लाख के पार, क्यों उफान पर है ट्रैक्टर बाजार

देश के इतिहास में पहली बार ट्रैक्टर उद्योग ने एक सीमित समय में उत्पादन और बिक्री का ऐसा रिकॉर्ड बनाया है. वर्ष पूरा होने में दिसंबर का महीना अभी बाकी है और इधर जनवरी से नवंबर के बीच महज 11 महीनों में ट्रैक्टरों का प्रॉडक्शन और सेल 10 लाख यूनिट का ऐतिहासिक आंकड़ा पार कर चुका है.  

जनवरी-नवंबर 2025 के दौरान ट्रैक्टरों की कुल घरेलू बिक्री 10.2 लाख यूनिट रही जबकि साल 2024 में यह इसी समय अवधि में 9.1 लाख यूनिट थी. वहीं, इस दौरान कुल ट्रैक्टर उत्पादन भी 10 लाख को पार करते हुए 10.7 लाख यूनिट हो गया. इस साल इन 11 महीने में ट्रैक्टर बाजार में कुल 12 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. मार्केट में बिक्री का रिकॉर्ड इस बार भी महिंद्रा एंड महिंद्रा के नाम रहा जिसने अपनी घरेलू ट्रैक्टर बिक्री में 19 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की. इस दौरान महिंद्रा की लगभग 4.4 लाख यूनिट बिकीं.

ट्रैक्टर और मैकेनाइजेशन एसोसिएशन (TMA) द्वारा जारी किए आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी 2025 में ट्रैक्टर का कुल उत्पादन 92648 यूनिट रहा जबकि कुल बिक्री, घरेलू और निर्यात दोनों के मिलाकर, 69770 यूनिट रही. उत्पादन और बिक्री का यह स्तर जून 2025 में क्रमश: 104329 यूनिट और 121613 यूनिट हो गया. वहीं, सितंबर तक आते-आते कुल उत्पादन 114500 यूनिट और कुल बिक्री 154417 पार कर चुकी थी. नवंबर में उत्पादन और बिक्री का आंकड़ा क्रमश: 102915 और 102011 यूनिट हो गया. इसी के साथ दिसंबर शुरू होने से पूर्व ही सेल और प्रॉडक्शन दोनों ने रिकॉर्ड बना दिया.

टीएमए के मुताबिक, जनवरी–नवंबर 2025 के बीच घरेलू ट्रैक्टर बिक्री 10.2 लाख यूनिट तक पहुंची जो 2024 की समान अवधि में 9.10 लाख यूनिट के मुकाबले अधिक है. क्रिसिल रेटिंग्स ने इन आंकड़ों को लेकर उत्साह जताया है और इसकी डायरेक्टर पूना उपाध्याय ने एक अखबार को दिए साक्षात्कार में नवंबर तक 10 लाख यूनिट का स्तर पार करने को एक बड़ा संकेत बताया. साथ ही कहा कि इस स्पीड को देखते हुए 2025 का कैलेंडर ईयर बिक्री के लिहाज से रिकॉर्ड हाई पर बंद हो सकता है.

ट्रैक्टर बाजार की गर्मी में तेजी के कारण और कारक

उद्योग विशेषज्ञ मानते हैं कि यह कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में तेजी का साफ संकेत है. ट्रैक्टरों की डिमांड में तेजी के चलते प्रॉडक्शन में तेजी आई. दरअसल, देश में कृषि के लिहाज से इस साल खरीफ सीजन अच्छा रहा. साथ ही, मॉनसून अच्छा होने के कारण जलाशयों में पानी भी भरपूर रहा. यही वजह है कि किसानों के हाथ में इस बार पैसा भी पहले के मुकाबले अच्छा आया. इसके अलावा फसल खरीद के रेट बढ़े और एमएसपी भी ऊपर गया जिससे किसानों के हाथ में अधिक कमाई आई.

एक अन्य कारक रहा, इस साल 22 सितंबर 2025 को मोदी सरकार का GST 2.0 लागू करना. इसके बाद 1800 सीसी से कम वाले ट्रैक्टरों पर टैक्स 12 फीसदी से घटकर 5 फीसदी हो गया, जोकि खरीद के लिहाज से उत्साहवर्धक कहा जाना चाहिए. ट्रैक्टर के कई पार्ट्स और कंपोनेंट्स पर भी जीएसटी कम हो गया. इससे मिड-सेगमेंट और एंट्री-लेवल ट्रैक्टर सस्ते हुए. जाहिर है, खरीद के लिए ग्रामीण ग्राहक और किसानों को यह मुफीद समय लगा और इसके बाद के समय में मांग में तेज आई.

खेती-किसानी के अतिरिक्त एक और कोण भी है. कंस्ट्रक्शन सेक्टर की रिकवरी से भी ट्रैक्टर उद्योग की ग्रोथ की रफ्तार मिली. ट्रैक्टर की मांग का 30–35 फीसदी हिस्सा निर्माण कार्यों से आता है. 2025 की चौथी तिमाही में निर्माण गतिविधियों में भी तेजी रही जिसके कारण ट्रैक्टरों की मांग में इजाफा हुआ.

अब देखना यह है कि दिसंबर का महीना और अगला साल 2026 ट्रैक्टर बिक्री को किस दिशा में ले जाता है. अप्रैल में क्रिसिल के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि ‘TREM V’ उत्सर्जन मानक 1 अप्रैल 2026 से लागू होने की उम्मीद है. इसके चलते वित्त वर्ष के अंत में प्री-बायिंग (यानी नए नियम लागू होने से पहले की अग्रिम खरीद) बढ़ सकती है.

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