इफको अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री से मुलाकात कर इफको के प्रदर्शन और नैनो यूरिया पर जानकारी दी

इफको के अध्यक्ष दिलीप संघाणी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर उनको इफको के कार्य प्रदर्शन  के बारे में अवगत कराया। इस मुलाकात में मौजूद इफको के मार्केटिंग डायरेक्टर योगेंद्र कुमार ने इफको द्वारा भारतीय किसानों के लिए नैनो-तकनीक आधारित पहल के बारे में जानकारी दी उन्होंने बताया कि कैसे भारत और विदेश में इफको के नवीन उत्पाद नैनो यूरिया तरल की लोकप्रियता बढ़ रही है

इफको अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री से मुलाकात कर इफको के प्रदर्शन और नैनो यूरिया पर जानकारी दी

इफको के अध्यक्ष दिलीप संघाणी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर उनको इफको के कार्य प्रदर्शन  के बारे में अवगत कराया। इस मुलाकात में मौजूद इफको के मार्केटिंग डायरेक्टर योगेंद्र कुमार ने  इफको द्वारा भारतीय किसानों के लिए  नैनो-तकनीक आधारित पहल के बारे में जानकारी दी उन्होंने  बताया कि कैसे भारत और विदेश में इफको के नवीन उत्पाद नैनो यूरिया तरल की लोकप्रियता बढ़ रही है।

उन्होंने नैनो यूरिया के विभिन्न लाभों के बारे में बताया और कहा कि नैनो यूरिया के कई लाभ हैं। यह किफायती होने के साथ-साथ इसका परिवहन भी आसान है । इससे उत्पादन की गुणवत्ता में वृद्धि देखी गई है । साथ ही यह पर्यावरण-हितैषी है। खरीफ और रबी मौसम के दौरान देश भर में विभिन्न भौगोलिक और जलवायु स्थितियों में विभिन्न फसलों पर नैनो आधारित उत्पादों के परीक्षण में सक्रिय रूप से भाग लेने वाले किसानों ने इन लाभों के बारे में बताया है। भारतीय किसानों ने इन परीक्षण परिणामों को न केवल स्वीकार किया है बल्कि फेसबुक और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया चैनेलों के जरिये इसे प्रचारित भी किया है।

इफको के अध्यक्ष  संघाणी ने उन्हें बताया कि इफको घरेलू और विदेशी दोनों मांगों को पूरा करने के लिए मेक इन इंडिया पहल के तहत पांच और संयंत्र स्थापित कर रहा है।

इफको के विपणन निदेशक योगेंद्र कुमार ने प्रधान मंत्री मोदी को बताया कि इफको पहले ही दो करोड़ से अधिक बोतलों का उत्पादन कर चुका है।  इस प्रकार यह वास्तव में मेड इन इंडिया पहल के लक्ष्य को प्राप्त कर रहा है। नैनो यूरिया निश्चित रूप से किसानों की आय और प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर कृषि और आत्मनिर्भर भारत के विजन पर खरा उतरेगा।

इफको टीम ने प्रधानमंत्री को सूचित किया कि पारंपरिक यूरिया की खपत कम करने की उनकी दूरदर्शिता और विभिन्न अवसरों पर नैनो यूरिया के लिए उनका मौखिक समर्थन इसके विकास में प्रमुख कारक रहा है। 

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