महाराष्ट्र सरकार ने बीआरएलफ के साथ मिलकर मानव विकास इंडेक्स परियोजना शुरू की

महाराष्ट्र सरकार ने विदर्भ क्षेत्र के खराब प्रदर्शन करने वाली तालुकाओं में जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए एक परियोजना की शुरुआत की है। इस उच्च प्रभाव वाली मानव विकास इंडेक्स परियोजना की शुरुआत एक मई 2022 को हुई जो 30 अप्रैल 2023 तक चलेगी। इसके लिए भारत रूरल लाइवलीहुड्स फाउंडेशन ने मानव विकास आयुक्तालय के साथ भागीदारी की है

महाराष्ट्र सरकार ने बीआरएलफ के साथ  मिलकर मानव विकास इंडेक्स परियोजना शुरू की

महाराष्ट्र सरकार ने विदर्भ क्षेत्र के खराब प्रदर्शन करने वाली तालुकाओं में जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए एक परियोजना की शुरुआत की है। इस उच्च प्रभाव वाली मानव विकास इंडेक्स परियोजना की शुरुआत एक मई 2022 को हुई जो 30 अप्रैल 2023 तक चलेगी। इसके लिए भारत रूरल लाइवलीहुड्स फाउंडेशन ने मानव विकास आयुक्तालय के साथ भागीदारी की है। इसका लक्ष्य एचडीसी विभाग की शिक्षा एवं स्वास्थ्य के लिए मौजूदा योजनाओं की निगरानी एवं प्रभावी क्रियान्वयन करना है। यह स्मार्ट, अभिनव सर्वोत्तम-उपयुक्त आजीविका हस्तक्षेपों की योजना बनाकर उनके क्रियान्वयन के लिए एक समूह के साथ निर्धन समुदाय के साथ गहरा जुड़ाव पैदा करेगा। इस परियोजना के पहले चरण का लक्ष्य विदर्भ क्षेत्र, महाराष्ट्र के यवतमल, गढ़चिरौली, नंदुरबार-धडगांव, नंदुरबार-अक्कलकुवा और गोंदिया जिलों के लगभग 25,000 गरीब परिवारों के जीवन में सुधार लाना है। यह परियोजना सिलसिलेवार ढंग से क्रियान्वित की जानी है, जिसका पहला चरण 1 मई 2022 से 30 अप्रैल 2023 तक एक वर्ष का होगा। एक वर्ष पूरा होने के बाद संयुक्त समीक्षा की जाएगी तथा परियोजना के आउटपुट और परिणामों के आधार पर 2 वर्षों के लिए निर्णय लिया जाएगा, जो 1 मई 2023 से 30 अप्रैल 2025 तक की अवधि के लिए होगी। परियोजना के बारे में जानकारी देते हुए बीआरएलएफ के मुख्य परिचालन अधिकारी कुलदीप सिंह ने बताया कि यह परियोजना जनजातीय विकास विभाग और मानव विकास आयुक्तालय,महाराष्ट्र सरकार के साथ भागीदारी में छह नागरिक सामाजिक संगठनों (सीएसओ) की ओर से महाराष्ट्र के 23 प्रखण्डों में क्रियान्वित की जाएगी। इस परियोजना से 25,000 परिवारों को लाभ मिलेगा।
परियोजना की मुख्य बातें :
1. 25,000 निर्धन परिवारों के जीवन स्तर में सुधार और कल्याण लाना
2. लिंग आधारित असमानताओं को दूर करके महिलाओं और किशोरियों के कल्याण में
सुधार करना
3. वर्तमान स्वास्थ्य और शिक्षा योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना

4. आजीविका हस्तक्षेपों के क्रियान्वयन, विशेष रूप से कृषि, गैर-इमारती वनोपज
(एनटीएफपी) और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के लिए एचडीसी विभाग को तकनीकी सहायता
प्रदान करना।
इस सहयोग के बारे में राज्य के मानव विकास विभाग, में आयुक्त नितिन पाटिल ने बताया कि मानव विकास विभाग इस परियोजना के माध्यम से चयनित प्रखण्डों में गरीब परिवारों को लाभान्वित करेगा। बीआरएलएफ के साथ हमारी भागीदारी सीएसओ के साथ ज्ञान प्रबंधन, क्रियान्वयन, समन्वय की सुविधा प्रदान करने में सहायता करेगा तथा निगरानी एवं मूल्यांकन फ्रेमवर्क स्थापित करेगा। मानव विकास विभाग लक्षित परिवारों के लिए आजीविका विकल्पों में अभिसरण बनाने के लिए संबंधित विभागों जैसे मनरेगा,सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी), एमएएचआईएम, राज्य ग्रामीणआजीविका मिशन (एसआरएलएम), जल संसाधन विभाग (डब्ल्यूआरडी), वन, बागवानी, कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन, और राज्य सरकार के अन्य संबंधित विभागों के साथ समन्वय करेगा।
महाराष्ट्र में, बीआरएलएफ, जनजातीय विकास विभाग (टीडीडी), महाराष्ट्र सरकार, और सीएसओ के साथ भागीदारी में विदर्भ क्षेत्र के जनजातीय बहुल तालुकाओं पर लक्षित उच्च प्रभाववाली आजीविका वर्धन वाली अन्य परियोजना का क्रियान्वयन कर रहा है । इस राज्य भागीदारी परियोजना केअधीन, 15,000 अति कमजोर जनजातीय परिवारों की आजीविका स्थिति में सुधार करने की योजना है। यह परियोजना शबरी आदिवासी वित्त व विकास महामंडल मर्यादित के साथ परामर्श में सह-निर्मित और परिकल्पित की गई थी। एचडी परियोजना आसपास के तालुकों में क्रियान्वित की जाएगी, जहां जनजातीय विकास विभाग (टीडीडी) परियोजना चल रही है, टीडीडी के लिए तैनात टीम अतिरिक्त टीम के लिएकेंद्रक और केंद्र बिंदु होगी। टीडीडी टीम लीडर परियोजना का नेतृत्व करेगा और आसपास के तालुकों में तैनात टीम को सभी मार्गदर्शन और आवश्यक फील्ड सहयोग प्रदान करेगा। तीन सदस्यीय टीम में तीन पेशेवर शामिल होंगे जो टीडीडी टीम लीडर के पर्यवेक्षण और मार्ग दर्शनमें 2 तालुकों की देखभाल करेंगे। इस परियोजना को क्रियान्वित करने हेतु 92 मानव संसाधन को शामिल करते हुए 15 इकाइयां तैनात होंगी। एचडी परियोजना चरणबद्ध तरीके से क्रियान्वित की जानी है, जिसका पहला चरण 01जनवरी 2022 से 31 दिसम्बर 2022 तक एक वर्ष का होगा। पहला चरण पूरा होने के पश्चात,एक संयुक्त समीक्षा की जाएगी, तथा परियोजना के आउटपुट और परिणामों के आधार पर दो वर्षों के दूसरे चरण पर निर्णय लिया जाएगा, जो 1 मई 2023 से प्रारंभ होकर 31 दिसम्बर 2024 तक की अवधि के लिए होगी।

मानव विकास आयुक्तालय (एचडीसी) की स्थापना महाराष्ट्र के 125 पिछड़े तालुकों में स्वास्थ्य,शिक्षा और आजीविका योजनाओं के माध्यम से लक्षित हस्तक्षेपों के क्रियान्वयन के लिए की गई थी। तालुकों की सामाजिक-आर्थिक, भौगोलिक परिस्थितियों और स्थानीय जरूरतों को ध्यान मेंरखते हुए विशिष्ट योजनाएं तैयार की गई हैं। इन पिछड़े तालुकों की पहचान 2010-11 में दो संकेतकों - महिला साक्षरता, ग्रामीण (2001 की जनगणना के अनुसार), और 2002 के सर्वेक्षण के अनुसार बीपीएल जनसंख्या के प्रतिशत पर विचार करके की गई थी। 2022-23 के दौरानलगभग 950 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान एचडीसी को प्रस्तावित किया गया है।

भारत रूरल लाइवलीहुड्स फाउंडेशन (बीआरएलएफ) की स्थापना भारत सरकार ने की है। जो ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत एक स्वतंत्र समाज के रूप में केंद्र और राज्य सरकारों के साथसाझेदारी में नागरिक समाज के कार्य को बढ़ाने वाली संस्था है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नागरिकसमाज संगठनों के साथ साझेदारी में सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के बेहतर कार्यान्वयन और पहुंच को सुनिश्चित करने के लिए 3 सितंबर 2013 को एक कैबिनेट निर्णय के माध्यम से भारत रूरल लाइवलीहुड्स फाउंडेशन (बीआरएलएफ) बनाने का निर्णय लिया गया था। बीआरएलएफ 9 राज्यों में ग्रामीण भारत को सशक्त बनाने, इनकी निर्धन जनसंख्या, विशेष रूपसे स्थानीय जनजातियों के जीवन को सुधारने और भारत सरकार और विभिन्न राज्यों की सरकारों के साथ समन्वय से सरकार और भारतीय लोकतंत्र में उनके विश्वास को मजबूत करने के लिए कार्य कर रही

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