एफएओ ने विश्व अनाज उत्पादन का अनुमान बढ़ाया, 2023 में रिकॉर्ड 238 करोड़ टन उत्पादन

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) ने वर्ष 2023 के लिए विश्व अनाज उत्पादन के अपने अनुमान में बढ़ोतरी की है। इसके मुताबिक कुल अनाज उत्पादन 132 लाख टन अधिक रहने का अनुमान है। एफएओ के अनुसार 2023 के सीजन में रिकॉर्ड 238.6 करोड़ टन अनाज का उत्पादन होगा। यह 2022 की तुलना में 1.2% यानी 333 लाख टन अधिक है।

एफएओ ने विश्व अनाज उत्पादन का अनुमान बढ़ाया, 2023 में रिकॉर्ड 238 करोड़ टन उत्पादन

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) ने वर्ष 2023 के लिए विश्व अनाज उत्पादन के अपने अनुमान में बढ़ोतरी की है। इसके मुताबिक कुल अनाज उत्पादन 132 लाख टन अधिक रहने का अनुमान है। एफएओ के अनुसार 2023 के सीजन में रिकॉर्ड 238.6 करोड़ टन अनाज का उत्पादन होगा। यह 2022 की तुलना में 1.2% यानी 333 लाख टन अधिक है।

उत्पादन में यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से मक्का के कारण है। दुनिया के कई प्रमुख मक्का उत्पादक देशों में इस वर्ष उत्पादन अधिक रहने का अनुमान है। इसके अलावा गेहूं और जौ के वैश्विक उत्पादन अनुमानों में भी बढ़ोतरी की गई है। मोटे अनाज का उत्पादन भी अब तक का रिकॉर्ड, 152.3 करोड़ टन होने का अनुमान है। कनाडा, चीन, तुर्की और अमेरिका में संशोधित अनुमानों में बढ़ोतरी के बाद एफएओ ने अपने अनुमानों में बढ़ोतरी की है।

कनाडा और रूस में बेहतर फसल के चलते जौ का उत्पादन बढ़ने का अनुमान जताया गया है। 2023 के सीजन में गेहूं उत्पादन 78.5 करोड़ टन रहने का अनुमान है। यह पिछले अनुमान से 14 लाख टन अधिक है, लेकिन बीते वर्ष की तुलना में 2.2 प्रतिशत कम है। हीट वेव और अधिक बारिश के चलते ब्राजील में गेहूं का उत्पादन कम रह सकता है।

जहां तक चावल की बात है तो चीन में पिछले अनुमान की तुलना में उत्पादन में कमी के आसार जताए गए हैं, लेकिन नेपाल में रिकॉर्ड उत्पादन होने की संभावना है। माले और गिनी में भी रकबा बढ़ने से चावल का अधिक उत्पादन होने का अनुमान है। एफएओ ने 2023-24 के सीजन में 52.56 करोड़ टन चावल उत्पादन का अनुमान जताया है। यह 2022-23 की तुलना में 0.6 प्रतिशत अधिक है।

वर्ष 2024 के बारे में एफएओ का अनुमान है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में दम कम होने के चलते सर्दियों में गेहूं की बुवाई का रकबा पिछले साल की तुलना में कुछ कम रह सकता है। अमेरिका में इसके रकबे में 6 प्रतिशत की कमी हुई है। यूरोपियन यूनियन में भारी बारिश के चलते देर से बुवाई हुई और रकबा भी कम है। यूक्रेन में युद्ध के चलते इनपुट लागत तो बढ़ी है लेकिन फसल के दाम पूरे नहीं मिल रहे हैं। इससे किसानों का मुनाफा कम हुआ है। इससे इस वर्ष गेहूं की बुवाई पिछले साल से भी कम रहने के आसार हैं। रूस में गेहूं की सर्दियों की फसल अभी तक अच्छी बताई जा रही है। हालांकि कुछ गेहूं उत्पादक इलाकों में तापमान बढ़ने से फसल को नुकसान भी हुआ है। भारत में मौसम अनुकूल रहने और दाम भी बेहतर मिलने के कारण गेहूं का रकबा बढ़ा है। यही स्थिति पाकिस्तान की है। चीन में गेहूं का रकबा पिछले 5 साल के औसत से अधिक बताया गया है।

एफएओ का अनुमान है कि 2024 के सीजन के अंत में विश्व अनाज स्टॉक 89.5 करोड़ टन का रहेगा। यह दिसंबर 2023 की तुलना में 89 लाख टन अधिक होगा। स्टॉक के अनुमान में बढ़ोतरी मुख्य रूप से मोटे अनाजों के कारण की गई है। इनका 37.7 करोड़ टन का स्टॉक रहने का अनुमान है। एफएओ ने गेहूं का 32 करोड़ टन का स्टॉक रहने का अनुमान जताया है।




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