समय पर बारिश नहीं होने से चालू खरीफ सीजन में धान समेत कई फसलों का बुवाई का रकबा घटा

देश के कुछ हिस्सों में समय से  बारिश नहीं होने के कारण चालू खरीफ सीजन में धान की फसल का रकबे में पिछले साल के मुकाबले 5.23 फीसदी, दलहनी में फसलों में 3.75 फीसदी और  तिलहनी फसल में लगभग एक  फीसदी की कमी आई है। खरीफ सीजन की सभी फसलों का रकबा 1102.79 लाख हेक्टेयर रहा है जो पिछले साल की तुलना में 9.37 लाख हैक्टेयर कम है। पिछले साल सभी फसलों का कुल  रकबा 1112.16 लाख हैक्टेयर था। कृषि मंत्रालय द्वारा चालू खरीफ सीजन की बुआई के फाइनल आंकडों में यह जानकारी दी गई है

समय पर बारिश नहीं होने से चालू खरीफ सीजन में धान समेत कई फसलों का बुवाई का रकबा घटा

देश के कुछ हिस्सों में समय से  बारिश नहीं होने के कारण चालू खरीफ सीजन में धान की फसल का रकबे में पिछले साल के मुकाबले 5.23 फीसदी, दलहनी में फसलों में 3.75 फीसदी  और  तिलहनी फसल में लगभग एक  फीसदी की कमी आई है। कृषि मंत्रालय द्वारा चालू खरीफ सीजन की बुआई के फाइनल आंकडों में यह जानकारी दी गई है। इन आंकड़ों के मुताबिक चालू खरीफ सीजन में देश में धान की बुवाई का रकबा घटकर 402.88 लाख हैक्टेयर रह गया है। जबकि पिछले साल  इस दौरान 423.04 लाख हैक्टेयर में धान की बुवाई हुई थी। पिछले साल की तुलना में  इस साल 20.16 लाख हैक्टेयर धान की बुवाई का रकबा घटा है। खरीफ सीजन की सभी फसलों का रकबा 1102.79 लाख हेक्टेयर रहा है जो पिछले साल की तुलना में 9.37 लाख हैक्टेयर कम है। पिछले साल सभी फसलों का कुल  रकबा 1112.16 लाख हैक्टेयर था।

धान की फसल झारखंड में  9.22 लाख हैक्टेयर, पश्चिम बंगाल में 3.65 लाख हैक्टेयर, उत्तर प्रदेश में 2.48 लाख हैक्टेयर, मध्य प्रदेश में 2.24 लाख हैक्टेयर और बिहार में 1.97 लाख हेक्टेयर कम रही है। बारिश  में कमी के चलते धान की खेती का यह क्षेत्रफल घटा है। 

धान केअलावा खरीफ सीजन में  दलहन फसलों  का रकबा 133.68 लाख हैक्टेयर रह गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 139.21लाख हैक्टेयर था।  जिसमे अरहर रकबा 2.14 लाख हैक्टेयर घटा है। पिछले साल इसी दौरान 48.29 लाख हैक्टेयर में अरहर की बुवाई की गई थी। जबकि इस खरीफ सीजन में 46.15 लाख हैक्टेयर अरहर बुवाई की गई है। वही उड़द का रकबा 1.33 लाख हैक्टेयर घटा है। पिछले साल इसी दौरान 39.61 हैक्टेयर में उड़द की बुवाई की गई थी। जबकि इस साल सीजन में 38.27 लाख हैक्टेयर उड़द की बुवाई की गई है। वही मूंग का रकबा पिछले साल की तुलना में 1.35 लाख हैक्टेयर घटा है। इस साल मूंग का रकबा 33.45 लाख  हैक्टेयर है जबकि पिछले साल 33.80 लाख हेक्टयर रहा था।  

खरीफ की तिलहनी फसलों के रकबे में 1.85 लाख हैक्टेयर की  गिरावाट दर्ज की गई है। इस बार खरीफ में 192.14 लाख हैक्टयर क्षेत्रफल तिलहनी फसलों की बुवाई की गई है जबकि पिछले साल इसी दौरान 193.99 लाख लाख हैक्टयर में तिलहनी फसलों की बुवाई की गई थी। 

हालांकि मोटे-सह-पोषक अनाज की बुवाई में  8.75 बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। पिछले साल  के 175.15  लाख हैक्टेयर क्षेत्र में मोटे अनाज की बुवाई की गई थी जबकि इस बार यह क्षेत्रफल 183.89 लाख हैक्टेयर रहा हैं। जिसमे मुख्य रूप से बाजरा का रकबा 6.64 लाख हैक्टयर बढ़ा है। बाजरा का रकबा इस साल 69.95 लाख हैक्टेयर है जो पिछले साल 63.31लाख हेक्टयर रहा था।

नकदी फसलों में कपास और गन्ना का रकबा बढ़ा है।  कपास का रकबा इस साल 127.15 लाख हेक्टेयर रहा है जो पिछले साल की तुलना में 8.92 लाख हेक्टयर अधिक है। कपास का रकबा पिछले साल 118.59 लाख हैक्टयर था।  गन्ने का रकबा इस साल 55.73 लाख हैक्टेयर रहा है जबकि पिछले साल  55.22 लाख हैक्टेयर रहा था ।

 

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