किसान संघ ने लैंड पूलिंग और सिंहस्थ के नाम पर किसानों की जमीनें छीनने का विरोध किया

भारतीय किसान संघ की प्रदेश बैठक भोपाल में संपन्न, यूरिया व डीएपी की कमी को सरकार व प्रशासन की विफलता करार दिया

किसान संघ ने लैंड पूलिंग और सिंहस्थ के नाम पर किसानों की जमीनें छीनने का विरोध किया

भारतीय किसान संघ ने उज्जैन में सिंहस्थ और लैंड पूलिंग के नाम पर किसानों से जमीन छीनने का विरोध किया है। सोमवार को भोपाल स्थित प्रदेश कार्यालय में भारतीय किसान संघ की प्रदेश बैठक आयोजित हुई। बैठक में शामिल होने पहुंचे भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने कहा कि सैकड़ों वर्षों से उज्जैन में सिंहस्थ का आयोजन होता आ रहा है। किसान अपनी सहभागिता देकर आयोजन के लिए जमीन उपलब्ध कराते रहे हैं और बदले में सरकार उन्हें जमीन का किराया देती थी। लेकिन वर्तमान में सरकार लैंड पूलिंग एक्ट के तहत किसानों की जमीन छीनकर उस पर स्थायी निर्माण करना चाहती है, जिसके लिए प्रदेश और उज्जैन के किसान तैयार नहीं हैं।

मिश्र ने कहा कि प्रदेश सरकार सिंहस्थ और लैंड पूलिंग के नाम पर किसानों की जमीन छीनकर उनका विस्थापन करना चाहती है। किसानों से बिना चर्चा किए और गाइडलाइन बताए बिना लैंड पूलिंग एक्ट लागू करना सरकार की नीयत पर सवाल खड़े करता है। यह प्रदेश के किसानों और किसान संघ को स्वीकार नहीं है। इस विषय को लेकर किसान संघ गांव-गांव जाकर जनजागरण करने की तैयारी कर रहा है।

उज्जैन सिंहस्थ आयोजन की तैयारी के लिए जमीन की आवश्यकता पूरी करने हेतु मध्यप्रदेश सरकार लैंड पूलिंग एक्ट लाई है। विधानसभा में जिस जल्दबाजी में संशोधन विधेयक लाकर इसे पास कराया गया, उसी समय से सरकार की मंशा पर प्रश्नचिह्न लगने लगे थे।

किसानों के खेतों में स्थायी निर्माण क्यों?
भारतीय किसान संघ के महामंत्री मिश्र ने सवाल उठाया कि सरकार और उसके अधिकारी किसानों के खेतों में कांक्रीट डालकर स्थायी निर्माण करने पर क्यों अड़े हैं। साधु-संत तो पैरों में चप्पल तक नहीं पहनते। ऐसे में गर्मी के मौसम में सिंहस्थ के दौरान खेतों में कांक्रीट बिछाना कितना उचित है? पर्यावरण की दृष्टि से भी यह सही नहीं है। इसलिए अन्य विकल्पों पर विचार किया जाना चाहिए, जो संत समाज, किसानों और पर्यावरण—सभी के हित में होगा।

यूरिया-डीएपी की कमी सरकार व प्रशासन की विफलता
मोहिनी मोहन मिश्र ने कहा कि प्रदेश में किसान यूरिया और डीएपी के लिए परेशान हैं, लेकिन सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों को ध्यान देने की फुर्सत नहीं है। कालाबाजारी चरम पर है और किसानों के साथ हो रही लूट दुर्भाग्यजनक है। उन्होंने कहा कि किसान संघ किसानों के मुद्दों पर लगातार आंदोलन कर रहा है।

बैठक में सह संगठन मंत्री गजेन्द्र सिंह, भारतीय एग्रो इकोनॉमिक रिसर्च सेंटर के अध्यक्ष एवं भूमि अधिग्रहण आयाम के प्रमुख प्रमोद चौधरी, क्षेत्र संगठन मंत्री महेश चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह आंजना, प्रदेश महामंत्री चंद्रकांत गौर, मालवा प्रांत अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण पटेल, महामंत्री रमेश दांगी, प्रांत संगठन मंत्री अतुल माहेश्वरी, मध्यभारत प्रांत अध्यक्ष सर्वज्ञ दीवान, महामंत्री शिवनंदन रघुवंशी, प्रांत संगठन मंत्री भरत सिंह पटेल, महाकौशल प्रांत महामंत्री प्रहलाद सिंह पटेल और प्रांत संगठन मंत्री तुलाराम उपस्थित रहे।

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