इफको नैनो डीएपी किसानों को जल्दी मिलने का रास्ता हुआ साफ, एफसीओ के तहत अधिसूचित, कमर्शियल उत्पादन की मिली मंजूरी

तरल नैनो यूरिया के बाद अब किसानों को तरल नैनो डीएपी उपलब्ध होने का रास्ता साफ हो गया है। देश की सबसे बड़ी उर्वरक सहकारी संस्था इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव (इफको) द्वारा विकसित तरल नैनो डाइअमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) उर्वरक को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने फर्टिलाइजर कंट्रोल ऑर्डर के तहत 2 मार्च, 2023 को नोटिफाइड कर दिया है। इस संबंध में दो मार्च को ही गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। जिसमें कहा गया है कि भारत में इफको को तरल नैनो डीएपी का उत्पादन करने अनुमति दी जाती है। इस आदेश के गजट नोटिफिकेशन के दिन से यह आदेश लागू होगा। सरकार के इस फैसले के बाद नैनो डीएपी के कमर्शियल उत्पादन का रास्ता साफ हो गया है और अब यह जल्द ही किसानों को उपलब्ध हो सकेगा

इफको नैनो डीएपी किसानों को जल्दी मिलने का रास्ता हुआ साफ, एफसीओ के तहत अधिसूचित, कमर्शियल उत्पादन की मिली मंजूरी

तरल नैनो यूरिया के बाद अब किसानों को तरल नैनो डीएपी उपलब्ध होने का रास्ता साफ हो गया है। देश की सबसे बड़ी उर्वरक सहकारी संस्था इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव (इफको) द्वारा विकसित तरल नैनो डाइअमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) उर्वरक को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने फर्टिलाइजर कंट्रोल ऑर्डर के तहत 2 मार्च, 2023 को नोटिफाइड कर दिया है। इस संबंध में दो मार्च को ही गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। जिसमें कहा गया है कि भारत में इफको को तरल नैनो डीएपी का उत्पादन करने अनुमति दी जाती है। इस आदेश के गजट नोटिफिकेशन के दिन से यह आदेश लागू होगा। सरकार के इस फैसले के बाद नैनो डीएपी के कमर्शियल उत्पादन का रास्ता साफ हो गया है और अब यह जल्द ही किसानों को उपलब्ध हो सकेगा।

इफको के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. उदय शंकर अवस्थी ने दिसंबर में रूरल वॉयस एक कार्यक्रम के मौके पर कहा था कि जल्द ही देश में किसानों को तरल नैनो डीएपी उपलब्ध होगा। इफको इसके पहले तरल नैनो यूरिया को लांच कर चुकी है और उसकी चार करोड़ से अधिक बोतलों की बिक्री हो चुकी है।

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रूरल वॉयस के पास उपलब्ध गजट नोटिफिकेशन की कापी के मुताबिक केंद्र सरकार आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत प्रदत्त शक्तियों के तहत कृषि एवं उर्वरक (अकार्बनिक, कार्बनिक या मिश्रित) (नियंत्रण) आदेश, 1985 का संशोधन करने का आदेश देती है। इस आदेश का संक्षिप्त नाम उर्वरक (अकार्बनिक, कार्बनिक या मिश्रित) (नियंत्रण) तीसरा संसोधन आदेश, 2023 है। आदेश में तरल नैनो यूरिया के बाद इसकी इंट्री की गई है। इस आदेश में तरल नैनो डीएपी के स्पेसिफिकेशन की विस्तृत जानकारी दी गई है। जिसमें डीएपी के सभी न्यूट्रिएंट शामिल हैं।

डीएपी यूरिया के बाद सबसे अधिक खपत वाला उर्वरक है। जिसकी 90 लाख टन से अधिक की सालाना खपत देश में होती है। जिसका आधे से अधिक का आयात होता है और देश में उत्पादित होने वाली मात्रा के अधिकांश कच्चा माल आयात किया जाता है।

इफको के तरल नैनो यूरिया की एक बोतल को यूरिया के एक 50 किलो के बैग की जगह इस्तेमाल किया जाता है। जिसके चलते यूरिया पर सब्सिडी में सरकार को भारी बचत होने के साथ ही आयात पर होने वाले खर्च में बचत हो रही है।

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वहीं तरल नैनो डीएपी का उत्पादन होने से इसकी किसानों तक पहुंच जहां कम कीमत में किसानों को डीएपी उपलब्ध कराएगी। वहीं दूसरी ओर आयात पर निर्भरता में भारी कमी होगी जिसके चलते सरकार को सब्सिडी में तो भारी बचत होने की संभावना है ही वहीं किसानों को डीएपी की उपलब्धता भी बेहतर होगी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में डीएपी की कीमतों में पिछले डेढ़ साल में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई थी हालांकि इसकी कीमतें अब करीब आधा रह गई हैं। लेकिन इसके बावजूद सरकार को चालू साल में करीब 2.25 लाख करोड़ रुपये की उर्वरक सब्सिडी देनी पड़ेगी। अगले साल के लिए 1.75 लाख करोड़ रुपये की उर्वरक सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। तरल नैनो डीएपी के उत्पादन और उसके किसानों तक पहुंचने से इस पर खर्च होने वाली सब्सिडी में भारी बचत होगी।

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रूरल वॉयस के एक कार्यक्रम में इफको के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. उदय शंकर अवस्थी ने कहा था कि तरह नैनो डीएपी के बाजार में आने के देश जहां उर्वरकों के उत्पादन में आत्मनिर्भर होगा वहीं महंगी विदेशी मुद्रा की भी भारी बचत होगी।

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