पंजाब में बाढ़ पीड़ित किसानों से मिले शिवराज सिंह चौहान, केंद्र से मदद का भरोसा दिलाया
केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज पंजाब के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर पीड़ित किसानों से मुलाकात की। उन्होंने केंद्र सरकार की तरफ से पंजाब को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।

पंजाब कई दशकों की सबसे भीषण बाढ़ से जूझ रहा है। पंजाब के लगभग 23 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं और फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को पंजाब के बाढ़ प्रभावित अमृतसर, कपूरथला और गुरदासपुर जिलों का दौरा किया। शाम को उन्होंने अमृतसर में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने बाढ़ प्रभावित किसानों से मुलाकात कर फसलों को हुए नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से पंजाब के किसानों को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है। इस दौरान उनके साथ केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू और पूर्व सांसद सुनील कुमार जाखड़ भी मौजूद रहे।
किसानों से मुलाकात के बाद शिवराज सिंह ने कहा कि पंजाब में जलप्रलय की स्थिति है। 26 अगस्त से खेतों में पानी भरा हुआ है। फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी हैं। बिना खेतों में जाए उस दर्द और नुकसान का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। संकट की इस घड़ी में केंद्र सरकार पंजाब की जनता और किसानों के साथ डटकर खड़ी है। हम सब मिलकर इस संकट से पार निकलेंगे।
पंजाब में करीब 1.75 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में खड़ी फसलें पानी में डूबी हुई हैं। पिछले दो दिनों में हुई बारिश से बाढ़ की स्थिति और खराब हुई है। पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने राज्य के पाँच सबसे अधिक प्रभावित जिलों- अमृतसर, पठानकोट, गुरदासपुर, तरनतारन और फिरोजपुर में बाढ़ की स्थिति पर कृषि मंत्री को एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी है।
पंजाब सरकार के मुताबिक, अभी राज्य में भीषण बाढ़ से 37 लोगों की मौत हो चुकी है। कुल 1,655 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। इनमें सबसे अधिक असर गुरदासपुर जिले पर पड़ा है, जहां 324 गांव बाढ़ की चपेट में आए। इसके बाद फाजिल्का (111), अमृतसर (190), होशियारपुर (121), कपूरथला (123) और संगरूर (107) गांवों में बाढ़ का प्रभाव पड़ा।
पंजाब में लगभग 1,75,216 हेक्टेयर भूमि बाढ़ से प्रभावित हुई है। इनमें गुरदासपुर सबसे अधिक प्रभावित जिला है, जहां 40,169 हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न हुई। इसके अलावा मानसा में 24,967 हेक्टेयर, संगरूर में 6,560 हेक्टेयर, फाजिल्का में 17,786 हेक्टेयर और कपूरथला में 3,000 हेक्टेयर कृषि भूमि बुरी तरह प्रभावित हुई है।