अर्जुन मुंडा देश के नए कृषि मंत्री, आदिवासी नेता को मिली अहम जिम्मेदारी

भाजपा ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को कृषि मंत्रालय का प्रभार देकर आदिवासी चेहरे को आगे बढ़ाया है। ऐसा ही कुछ संदेश भाजपा छत्तीसगढ़ में भी दे सकती है।

अर्जुन मुंडा देश के नए कृषि मंत्री, आदिवासी नेता को मिली अहम जिम्मेदारी
भारत के नए कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा

भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्र सरकार में जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा को कृषि मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है। विधानसभा चुनाव जीतने वाले भाजपा सांसदों के इस्तीफे के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, जलशक्ति एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्यमंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल और आदिवासी मामलों की राज्यमंत्री रेणुका सिंह ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। राष्ट्रपति दौपद्री मुर्मू ने गुरुवार को तीनों मंत्रियों के इस्तीफे तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिए हैं।

राष्ट्रपति ने कैबिनेट मंत्री अर्जुन मुंडा को कृषि मंत्रालय, राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर को जल शक्ति मंत्रालय और राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार को जनजातीय कार्य मंत्रालय का प्रभार सौंपा है। अर्जुन मुंडा ने शुक्रवार को कृषि मंत्रालय का कार्यभार संभाल लिया।

केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफे के बाद नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद पटेल और रेणुका सिंह के सियासी भविष्य को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के पांच दिन बाद भी राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। नरेंद्र सिंह तोमर और प्रह्लाद पटेल मध्य प्रदेश और रेणुका सिंह छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री पद की रेस में हैं। छत्तीसगढ़ में रेणुका सिंह को बड़ी जिम्मेदारी देकर भाजपा आदिवासी महिला मुख्यमंत्री का दांव खेल सकती है।  

अर्जुन मुंडा को कृषि मंत्रालय का प्रभार देकर भाजपा ने आदिवासी चेहरे को आगे बढ़ाया है। ऐसा ही कुछ संदेश भाजपा छत्तीसगढ़ में भी दे सकती है। अगर ऐसा हुआ तो रेणुका सिंह छत्तीसगढ़ की पहली आदिवासी महिला मुख्यमंत्री होंगी। अर्जुन मुंडा तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और भाजपा के प्रमुख आदिवासी नेता हैं। झारखंड में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अर्जुन मुंडा को कृषि मंत्रालय का जिम्मा मिलना मायने रखता है।

झारखंड मुक्ति मोर्चा से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले अर्जुन मुंडा साल 2000 में भाजपा में आ गये थे। अलग झारखंड राज्य बनने के बाद वे बाबूराल मरांडी सरकार में मंत्री रहे और 2003 में 35 साल की उम्र में झारखंड के दूसरे मुख्यमंत्री बने। 2005 में वे दोबारा झारखंड के मुख्यमंत्री बने। इसके बाद 2010 में भी उन्हें झारखंड का मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला। 2014 में एनडीए ने स्पष्ट बहुमत के साथ झारखंड में वापसी की थी लेकिन अर्जुन मुंडा विधानसभा चुनाव हार गये थे। साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में अर्जुन मुंडा खूंटी लोकसभा सीट से चुनकर आए और मोदी सरकार में आदिवासी मामलों के कैबिनेट मंत्री बने।

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