ट्रैक्टर मार्च के बाद सरकार के साथ किसान संगठनों की आज की बैठक पर निगाहें

सात जनवरी को किसानों ने दिल्ली के चारों तरफ ट्रैक्टर मार्च निकालाकर एक बार फिर नए कृषि कानूनों के विरोध में एक जुटता दिखाई।  किसानों ने सिंघु से टिकरी बॉर्डर, टिकरी से कुंडली, गाजीपुर से पलवल और रेवासन से पलवल तक मार्च निकाला। किसानों का दावा है कि रैली में करीब 60 हजार ट्रैक्टर मौजूद थे।

ट्रैक्टर मार्च के बाद सरकार के साथ किसान संगठनों की आज की बैठक पर निगाहें

सात जनरवरी को तय कार्यक्रम के अनुसार किसानों ने ईस्टर्न और वेस्टर्न पैरिफेरल एक्सप्रेसवे पर दिल्ली के चारों तरफ ट्रैक्टर मार्च निकालकर एक बार फिर नए कृषि कानूनों के विरोध में एक जुटता दिखाई।  किसानों ने सिंघु से टिकरी बॉर्डर, टिकरी से कुंडली, गाजीपुर से पलवल और रेवासन से पलवल तक मार्च निकाला। किसानों का दावा है कि रैली में करीब 60 हजार ट्रैक्टर मौजूद थे। इस मार्च के बाद आज 8 जनवरी को सरकार और किसान संगठनों के बीच कृषि कानूनों को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी पर अगले दौर की बातचीत होगी। दोपहर बाद हो रही इस बातचीत में अगर दोनों पक्ष पिछले दौर की बातचीत से कितना आगे बढ़ते हैं वह किसानों के आंदोलन का आगे का रुख तय करेगा। हालांकि सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के रुख को देखते हुए इस बैठक में आंदोलन की समाप्ति के हल निकल पाएगा, कहना मुश्किल है।

भारतीय किसान यूनियन के महासचिव युद्धवीर सिंह ने रुरल वॉयस को बताया कि शुक्रवार की बैठक में सरकार एमएसपी पर बात कर सकती है। जहां तक कानूनों की वापसी का मुद्दा है तो इस पर अभी सरकार के रुख से नहीं लगता कि यह मामला जल्दी सुलझेगा। वहीं भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का कहना है कि तीनों कानूनों की वापसी के बिना किसान दिल्ली के बार्डरों से वापस नहीं जाएंगे। 

किसान संगठनों का कहना है कि अगर सरकार ने मांगें नहीं मानीं तो 26 जनवरी को भी, पहले के ऐलान के अनुसार ट्रैक्टर परेड होगी। सात जनवरी का ट्रैक्टर मार्च उसी का ट्रेलर था। इस बीत, शुक्रवार को किसानों की सरकार के साथ 9वें दौर की बातचीत होनी है। किसानों ने कहा है  कि गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर मार्च की अगुआई महिलाएं करेंगी। हरियाणा की करीब 250 महिलाएं ट्रैक्टर चलाने की ट्रेनिंग ले रही हैं। हरियाणा के किसान संगठनों ने हर गांव से 10 महिलाओं को 26 जनवरी के मार्च के लिए दिल्ली बुलाया है। ऐसी ही अपील उत्तर प्रदेश के किसानों ने भी की है। आज के मार्च में कई जगहों पर महिलाएं ट्रैक्टर चलाते हुए नजर आईं।

सरकार से किसानों की आठवें दौर की बैठक

किसानों और सरकार के बीच 4 जनवरी की मीटिंग बेनतीजा रही और अगली बैठक 8 जनवरी को तय हुई थी। इस बैठक में कृषि कानूनों को वापस लेने और एमएसपी पर अलग कानून बनाने की मांग पर बात होगी। यह आठवें दौर की बैठक होगी। इससे पहले छठे दौर की बैठक  में किसानों की 2 मांगों पर सहमति बन पाई थी। इस बीच जारी गतिरोध पर 11 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट भी सुनवाई करेगा। 

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