नई विदेश व्यापार नीति से निर्यात को मिलेगा बढ़ावा, 2030 तक दो लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचने का भरोसा

नई विदेश व्यापार नीति में 2030 तक भारत के कुल निर्यात को 2 लाख करोड़ डॉलर तक ले जाने के दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला गया है। नई नीति 1 अप्रैल, 2023 से लागू हो गई है। इस मौके पर पीयूष गोयल ने कहा कि नई नीति में रुपये में व्यापार के अंतर्राष्ट्रीयकरण को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। नई नीति में समय के मुताबिक जरूरतों को समायोजित करने के लिए इसे खुला रखा गया है।

नई विदेश व्यापार नीति से निर्यात को मिलेगा बढ़ावा, 2030 तक दो लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचने का भरोसा
प्रतीकात्मक फोटो

सरकार ने वर्ष 2030 तक निर्यात बढ़कर 2 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का भरोसा जताया है। नई विदेश व्यापार नीति में यह भरोसा जताया गया है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) को उम्मीद है कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद वित्त वर्ष 2022-23 में भारत का कुल निर्यात 765 अरब डॉलर को पार कर जाएगा।

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को नई विदेश व्यापार नीति 2023 को जारी किया। इससे वैश्विक व्यापार में गिरावट के बीच निर्यात को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। नई विदेश व्यापार नीति में 2030 तक भारत के कुल निर्यात को 2 लाख करोड़ डॉलर तक ले जाने के दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला गया है। नई नीति  1 अप्रैल, 2023 से लागू हो गई है। इस मौके पर पीयूष गोयल ने कहा कि नई नीति में रुपये में व्यापार के अंतर्राष्ट्रीयकरण को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। नई नीति में समय के मुताबिक जरूरतों को समायोजित करने के लिए इसे खुला रखा गया है। कई हितधारकों से परामर्श के बाद यह नीति तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि सेवाओं और वस्तुओं के निर्यात सहित भारत का कुल निर्यात पहले ही 750 अरब डॉलर को पार कर चुका है। इस साल इसके 760 अरब डॉलर को पार करने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि नई नीति के जरिये 2030 तक भारत निर्यात को दो लाख करोड़ डॉलर तक ले जाना चाहता है। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भारत अगले चार महीनों में वैश्विक स्तर पर बड़े पैमाने पर इसे बढ़ाएगा।

नई विदेश व्यापार नीति का मुख्य दृष्टिकोण चार स्तंभों पर आधारित है- छूट के लिए प्रोत्साहन, सहयोग के माध्यम से निर्यात प्रोत्साहन, व्यापार करने में आसानी और उभरते क्षेत्र। इस मौके पर विदेश व्यापार महानिदेशक संतोष सारंगी ने कहा कि कुल निर्यात 2021-22 के 676 अरब डॉलर के मुकाबले वित्त वर्ष 2022-23 में 765 अरब डॉलर को पार कर जाएगा। उन्होंने कहा कि नई विदेश व्यापार नीति निर्यातकों, राज्यों, जिलों और भारतीय मिशनों के सहयोग से निर्यात प्रोत्साहन पर ध्यान केंद्रित करेगा। यह ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देगा और ई-कॉमर्स और एक्सपोर्ट हब जैसे उभरते क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा।

कृषि निर्यात में 6 फीसदी की बढ़ोतरी

वित्त वर्ष 2022-23 के पहले 10 महीनों (अप्रैल-जनवरी) के दौरान वित्त वर्ष 2021-22 की इसी अवधि की तुलना में कृषि निर्यात में छह फीसदी से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। इस अवधि में कृषि निर्यात 43 अरब डॉलर से अधिक रहा। वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने लोकसभा में यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि कृषि निर्यात में वृद्धि का किसानों की आय पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

किसानों को निर्यात से लाभ सुनिश्चित कराने और निर्यातकों के साथ सीधे बातचीत करने के लिए किसान उत्पादक संगठनों और सहकारी समितियों के लिए एक मंच प्रदान करने के तहत सरकार ने एक किसान कनेक्ट पोर्टल लॉन्च किया है। पटेल ने कहा कि केंद्र सरकार ने कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए राज्य और जिला स्तर पर कई कदम उठाए हैं।

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