कृषि के लिए राज्य व फसलवार कार्ययोजना बनेगी, फसल औषधि केंद्र खोलने पर होगा विचार

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सोयाबीन, दलहन और तिलहन में अभी और अधिक शोध व काम की जरूरत है। उन्होंने गेहूं, चावल और मक्के के साथ-साथ दलहन, तिलहन व अन्य फसलों के उत्पादन में तेजी लाने के प्रयासों पर जोर दिया। इसके लिए राज्यवार एवं फसलवार कार्ययोजनाएं बनाई जाएंगी।

कृषि के लिए राज्य व फसलवार कार्ययोजना बनेगी, फसल औषधि केंद्र खोलने पर होगा विचार

केंद्रीय कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की 96वीं वार्षिक आम बैठक की अध्यक्षता की।

बैठक में आईसीएआर के महानिदेशक एवं सचिव (डेयर) डॉ. एम. एल. जाट ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के वार्षिक प्रतिवेदन 2024-2025 का प्रस्तुतीकरण एवं अंगीकृत करने हेतु संकल्प पढ़ा। बैठक में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की वार्षिक रिपोर्ट 2024-25 जारी की गई। साथ ही कृषि एवं प्रौद्योगिकी संबंधित चार पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। 

इस अवसर पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने योजनाओं का लाभ किसानों को पहुंचाने पर जोर दिया। साथ ही जन औषधि केंद्र के समान 'फसल औषधि केंद्र' खोलने के विचार को आगे बढ़ाने की बात कही। 

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि राज्य का विषय है, राज्य सरकारों के सहयोग के बिना कृषि की उन्नति के प्रयास अधूरे हैं। केंद्र और राज्यों को मिलकर कृषि क्षेत्र के लिए कार्य करना होगा। कृषि क्षेत्र में उपलब्धियों के लिए सभी वैज्ञानिकों और आईसीएआर टीम को बधाई देते हुए, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि अभी कुछ चुनौतियाँ हैं जिन पर काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मात्र कागजी औपचारिकता के लिए अनुसंधान नहीं बल्कि किसानों की उपयोगिता को देखते हुए अनुसंधान किए जाने चाहिए।

फसलवार कार्ययोजना, गुणवत्तापूर्ण बीजों पर जोर

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि सोयाबीन, दलहन और तिलहन में अभी और अधिक शोध व काम की जरूरत है। उन्होंने गेहूं, चावल और मक्के के साथ-साथ दलहन, तिलहन व अन्य फसलों के उत्पादन में तेजी लाने के प्रयासों पर जोर दिया। इसके लिए राज्यवार एवं फसलवार कार्ययोजनाएं बनाई जाएंगी।

शिवराज सिंह चौहान ने अपने हाल के मध्य प्रदेश दौरे का जिक्र करते हुए बताया कि उन्होंने वहां सोयाबीन की खेती का निरीक्षण किया, जहां उन्हें खराब बीज की गंभीर समस्या देखने को मिली। इसके कारण अंकुरण ही नहीं हो पाया था। उन्होंने इस मामले में त्वरित जाँच के आदेश दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अमानक बीज, खाद और उर्वरक एक गंभीर विषय है, जिस पर सरकार जल्द ही कड़ा कानूनी प्रावधान लाएगी। उर्वरकों के एमआरपी (MRP) पर भी काम करने की आवश्यकता है ताकि उनकी सही कीमत तय हो सके।

फसलवार बैठकों का क्रम शुरू

केंद्रीय कृषि मंत्री ने बताया कि फसलवार बैठकों का क्रम शुरू हो चुका है। सोयाबीन पर मध्य प्रदेश के इंदौर में एक बड़ी बैठक की गई है। अब आगे कपास, गन्ने व अन्य फसलों को लेकर भी विशेष बैठकें की जाएंगी। उन्होंने घोषणा की कि आगामी 11 जुलाई को कोयम्बटूर में कपास को लेकर एक सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। प्रत्येक फसल पर राज्य की ज़रूरतों, जलवायु अनुकूलता और किसानों की आवश्यकताओं के अनुरूप विस्तारपूर्वक चर्चा की जाएगी, ताकि उचित समाधान के साथ उत्पादन वृद्धि पर काम हो सके।

किसानों की मांग के अनुरूप शोध 

शिवराज सिंह चौहान ने वैज्ञानिकों से आह्वान किया कि वे किसानों की मांग के अनुरूप और आधुनिक खेती के उपकरण बनाने की दिशा में प्रयास करें। उन्होंने एक किसान के अनुभव का उल्लेख किया, जिसने ऐसे उपकरण की मांग की थी जो उर्वरक की गुणवत्ता और उपयोगिता को निर्धारित मापदंडों के अनुसार बता सके। उन्होंने कहा कि किसानों से चर्चा के दौरान ऐसे कई विचार सामने आते हैं, जिन्हें आधार बनाकर शोध की दिशा तय की जा सकती है।

'विकसित कृषि संकल्प अभियान' का अगला चरण

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि रबी की फसल से पहले राज्यों के साथ मिलकर फिर से 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' के ज़रिए विज्ञान को किसानों तक ले जाने की कोशिश होगी। रबी सम्मेलन दो दिनों का होगा। पहले दिन रूपरेखा तय की जाएगी, और दूसरे दिन राज्यों के कृषि मंत्री तय रूपरेखा को अनुमोदित करते हुए अंतिम कार्ययोजना को रूप देंगे।

इस बैठक में 18 से अधिक केंद्र व राज्यों के मंत्री शामिल हुए, जिन्होंने एकस्वर में भविष्य में खेती और किसान समृद्धि की दिशा में एकजुट होकर सार्थक प्रयास करने की प्रतिबद्धता जताई।

इस अवसर पर कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह, मत्स्य पालन, पशुपालन व डेयरी राज्य मंत्री एस. पी. बघेल, मत्स्य पालन, पशुपालन व डेयरी राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन, अरुणाचल के कृषि, मत्स्य पालन, पशुपालन, बागवानी मंत्री ग्रेबियल डी. वांगसू, बिहार के उप मुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा, बिहार की पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री रेनू देवी, मध्य प्रदेश के बागवानी, खाद्य प्रसंस्करण मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा, मिजोरम के कृषि मंत्री पी. सी. वनलालरुआता, हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण व पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्री श्याम सिंह राणा, उत्तर प्रदेश के पशुपालन व डेयरी विकास मंत्री धर्मपाल सिंह, कर्नाटक के कृषि मंत्री एन. चेलुवरिया स्वामी, उत्तर प्रदेश के कृषि, शिक्षा, कृषि अनुसंधान मंत्री सूर्यप्रताप शाही, ओडिशा के मत्स्य, व पशु संसाधन विकास विभाग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  गोकुलानंद मलिक, मध्य प्रदेश के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री अदल सिंह कंसाना, महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिराव कोकाटे एवं कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी उपस्थित थे।

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