धराली के किसानों से उम्दा क्वालिटी का सेब भी खरीदेगी उत्तराखंड सरकार

आपदाग्रस्त धराली और आसपास के क्षेत्र से रॉयल डिलीशियस सेब की 51 रुपये और अन्य वैरायटी के सेब की 45 रुपये प्रति किग्रा दर पर होगी सरकारी खरीद

धराली के किसानों से उम्दा क्वालिटी का सेब भी खरीदेगी उत्तराखंड सरकार

उत्तराखंड सरकार आपदा प्रभावित उत्तरकाशी जिले के धराली, हर्षिल क्षेत्र के किसानों से अच्छी क्वालिटी का सेब भी खरीदने के लिए तैयार हो गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रभावित क्षेत्र से रॉयल डिलीशियस सेब 51 रुपये और ग्रेड सी को छोड़कर दूसरी वैरायटी के सेब को 45 रुपये प्रति किग्रा दर पर खरीदने की घोषणा की है। 

प्रदेश के कृषि एवं उद्यान मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि धराली तथा आसपास के क्षेत्रों में आई आपदा के कारण इन इलाकों में सेब की फसलों को हुए नुकसान तथा क्षतिग्रस्त हुए मार्गों के दृष्टिगत उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से क्षेत्र के सेबों की दरें तय कर उपार्जन करने हेतु निवेदन किया तथा अधिकारियों को इस संबंध में योजना बनाने के निर्देश दिए थे। मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता है मुख्यमंत्री ने इन क्षेत्रों के रॉयल डिलीशियस सेब का रू 51/- प्रति किलो तथा रेड डिलीशियस व अन्य सेब का रू 45/- प्रति किलो की दर पर उद्यान विभाग द्वारा उपार्जन करने की घोषणा की है।

जोशी का हांकना है कि आपदा की इस घड़ी में धामी सरकार किसान भाइयों के साथ खड़ी है और उनकी सहायता हेतु हरसंभव कदम उठा रही है।

सेब की यह खरीद उद्यान विभाग के माध्यम से की जाएगी, इसके लिए आवश्यक धनराशि की व्यवस्था मुख्यमंत्री घोषणा मद से की जाएगी। मुख्यमंत्री कार्यालय ने सचिव कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग को इस दिशा में तत्काल कार्यवाई करने को कहा है। 

इस बीच सरकार ने ग्रेड सी सेब के लिए 13 रुपए का समर्थन मूल्य घोषित किया है। जो पिछले साल के बराबर ही है। उत्तरकाशी के जिला उद्यान अधिकारी रजनीश सिंह बताते हैं समर्थन मूल्य तय करने के लिए फसल की लागत को आधार बनाया जाता है। 

आठ गांवों में उत्पादन
उत्तरकाशी जिले में हर्षिल के आस पास कुल आठ गांव सेब उत्पादन के लिए जाने जाते हैं। इसमें हर्षिल, धराली, मुखबा, झाला, सुक्खी, जसपुर, पुराली, बगौरी शामिल है। इसमें धराली गांव में सर्वाधिक सेब होता है। जहां पांच अगस्त को  क्षीरगंगा में आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाते हुए, कई लोगों को जिंदा दफ्न कर दिया, इसके साथ ही यहां करीब ढाई हजार सेब के पेड़ भी पूरी तरह मलबे में दब चुके हैं।

पांच अगस्त को आई प्राकृतिक आपदा के बाद करीब सवा महीने तक हर्षिल घाटी का उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से सम्पर्क कटा रहा। अब पिछले सप्ताह क्षेत्र के लिए सड़क मार्ग बहाल हो गया है, लेकिन निजी खरीददार अब भी यहां नहीं पहुंच पाए हैं, जिस कारण किसानों के सामने संकट खड़ा हो गया था। 

उत्तरकाशी है सेब बास्केट 
उत्तराखंड में सेब का सालाना उत्पादन करीब 64 हजार मीट्रिक टन होता है, इसमें उत्तरकाशी जिले में ही सर्वाधिक, 4875 हैक्टेयर क्षेत्रफल में सालाना करीब 26 मीट्रिक टन सेब उत्पादन होता है। उत्तरकाशी में हर्षिल वैली सेब उत्पादन के लिए आदर्श मानी जाती है। यहां झाला में ही राज्य सरकार की ओर से कोल्ड स्टोरेज भी बनाया गया है।

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