एग्रीजंक्शन ने बदला अपना ब्रांड नाम, ग्रामिक बनी नई पहचान

ग्रामिक के नए लोगो (logo) में इस ब्रांड का लक्ष्य दिखता है जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था का डिजिटलीकरण करना है। इसमें एग्रीजंक्शन की पहचान का थम्बप्रिंट बरकरार रखा गया है ताकि मौजूदा यूजरों से संबंध और ब्रांड लॉयल्टी बनी रहे। एग्रीजंक्शन मिट्टी, खेती और पर्यावरण को आपस में जोड़ते हुए अपनी विशिष्ट पहचान बनाने में सफल रहा है।

एग्रीजंक्शन ने बदला अपना ब्रांड नाम, ग्रामिक बनी नई पहचान

देश के पहले सहकर्मी कृषि व्यापार प्लेटफॉर्म एग्रीजंक्शन ने ब्रांड ग्रामिक के रूप में अपनी नई पहचान की घोषणा की है यानी एग्रीजंक्शन का नाम अब ग्रामिक हो गया है। एग्रीजंक्शन किसानों को उच्च गुणवत्ता के कृषि संसाधन, फसलों के बारे में मार्गदर्शन, व्यक्तिगत सलाह और बाजार में संपर्क सहित अन्य सेवाएं मुहैया कराता है। ग्रामिक के नए लोगो (logo) में इस ब्रांड का लक्ष्य दिखता है जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था का डिजिटलीकरण करना है। इसमें एग्रीजंक्शन की पहचान का थम्बप्रिंट बरकरार रखा गया है ताकि मौजूदा यूजरों से संबंध और ब्रांड लॉयल्टी बनी रहे। एग्रीजंक्शन मिट्टी, खेती और पर्यावरण को आपस में जोड़ते हुए अपनी विशिष्ट पहचान बनाने में सफल रहा है।

एग्रीजंक्शन को नयापन और नई पहचान देने का मकसद ब्रांड के बेहतर भविष्य के लिए नया और सरल दृष्टिकोण अपनाना है। ग्रामिक के सीईओ और संस्थापक राज यादव ने कहा, ‘‘हमारे व्यवसाय की शुरुआत से अब तक इसमें काफी बदलाव आए हैं। इसलिए हमें लगा कि हमारे ब्रांड के चरित्र और इसके प्रति लोगों की धारणा भी बेहतर होनी चाहिए। हमारे ब्रांड का मुख्य लक्ष्य किसानों, महिलाओं और ग्रामीण युवाओं को उच्च गुणवत्ता के कृषि संसाधन, विशेषज्ञतापूर्ण ज्ञान, तकनीकी प्रगति और आजीविका और व्यावसाय कौशल सुलभ कराते हुए पूरे ग्रामीण समुदाय को सशक्त बनाना और नए दौर की शुरुआत करना है। हमें विश्वास है कि यह नया नाम हर भारतीय किसान और संबंधित समुदायों की प्रगति के प्रति हमारे जुनून और प्रतिबद्धता को दर्शाएगा।’’

 ग्रामिक के सह-संस्थापक और सीओओ गौरव कुमार ने कहा, ‘‘हमारे ब्रांड वैल्यू में खेती के लिए मिट्टी, फसल और मौसम के महत्व की समझ है। इसलिए हमसे जुड़े किसान सोच-समझ कर निर्णय लेते हैं और इनसे जुड़े जोखिमों से बच सकते हैं।’’

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