वैश्विक अनाज उत्पादन 2025 में पहली बार 3 अरब टन के पार, भारत-चीन में गेहूं भंडार सबसे अधिक बढ़ने की उम्मीदः FAO

FAO के अनुसार वैश्विक अनाज उत्पादन 2025 में पहली बार 3 अरब टन पार करेगा, जिसकी वजह अर्जेंटीना में रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन और मोटे अनाज व चावल के बेहतर अनुमान हैं। 2026 तक वैश्विक खपत और भंडार दोनों रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है। स्थिर कीमतों और पर्याप्त आपूर्ति के चलते वैश्विक अनाज व्यापार में 3.3% वृद्धि का अनुमान है।

वैश्विक अनाज उत्पादन 2025 में पहली बार 3 अरब टन के पार, भारत-चीन में गेहूं भंडार सबसे अधिक बढ़ने की उम्मीदः FAO

वैश्विक अनाज उत्पादन 2025 में पहली बार 3 अरब टन का आंकड़ा पार करने जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) के अनुसार गेहूं, मोटे अनाज और चावल की अनुमानित पैदावार पहले से अधिक मजबूत दिख रही है। FAO ने अपने नवीनतम अनुमान में विश्व अनाज उत्पादन को बढ़ाकर 300.3 करोड़ टन कर दिया है, जिसमें सबसे बड़ा योगदान अर्जेंटीना, यूरोपीय संघ और अमेरिका में बेहतर गेहूं उत्पादन का है। भारत और चीन में गेहूं भंडार सबसे अधिक बढ़ने की उम्मीद है।

अर्जेंटीना इस वर्ष रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन की ओर बढ़ रहा है, जिसका कारण अधिक बुवाई क्षेत्र और अनुकूल मौसम है। यूरोपीय संघ और अमेरिका में भी गेहूं उत्पादन के अनुमान बढ़ाए गए हैं। वैश्विक मोटे अनाज उत्पादन में भी वृद्धि हुई है, मुख्यतः जौ की अधिक पैदावार के कारण। चावल के लिए, FAO ने इंडोनेशिया के अनुमान को बढ़ाया है क्योंकि वहां अधिक क्षेत्र में खेती के कारण अधिक उत्पादन की उम्मीद है। बांग्लादेश और जापान में बेहतर फसल संभावनाओं ने वैश्विक चावल उत्पादन अनुमान (2025/26) को बढ़ाकर 55.88 करोड़ टन कर दिया है जो अब तक का उच्चतम स्तर है।

उत्तरी गोलार्ध में 2026 की शीतकालीन गेहूं की बुवाई जारी है। अमेरिका में बुवाई लगभग पूरी हो चुकी है, हालांकि सूखे की वजह से फसल की स्थिति पिछले वर्ष से कमजोर है। यूरोपीय संघ में मौसम अनुकूल है, लेकिन इटली के कुछ हिस्सों में कम वर्षा चिंता उत्पन्न कर रही है। रूस और यूक्रेन में मिट्टी की स्थिति में सुधार हुआ है, जिससे 2026 के लिए बेहतर गेहूं क्षेत्र की उम्मीद है, हालांकि यूक्रेन का क्षेत्र 2022 के युद्ध-पूर्व स्तर से कम ही रहेगा। भारत और पाकिस्तान में भी आकर्षक कीमतों और सरकारी समर्थन से गेहूं क्षेत्र बढ़ने की संभावना है।

दक्षिणी गोलार्ध में मोटे अनाज की बुवाई जारी है। अर्जेंटीना में अनुकूल वर्षा और अधिक मक्का क्षेत्र के आधार पर उत्पादन में सुधार की उम्मीद है। ब्राज़ील में घरेलू और निर्यात मांग मजबूत रहने से मक्का क्षेत्र बढ़ सकता है। दक्षिण अफ्रीका में भी पीली मक्का किस्मों के अधिक रकबे के कारण हल्की बढ़ोतरी की संभावना है।

2025-26 में विश्व अनाज खपत 592 लाख टन (2.1%) बढ़ने की उम्मीद है, जिसमें मक्का और चावल की मांग प्रमुख है। पर्याप्त आपूर्ति और स्थिर कीमतों के कारण पशु चारे में मोटे अनाज की खपत बढ़ सकती है। चावल की कुल खपत वर्ष में 55.28 करोड़ टन के नए रिकॉर्ड पर पहुंच सकती है।

2026 के अंत तक विश्व अनाज भंडार बढ़कर 92.55 करोड़ टन होने का अनुमान है, जो रिकॉर्ड होगा। चीन और भारत में गेहूं भंडार सबसे अधिक बढ़ने की उम्मीद है, जबकि मोटे अनाज का स्टॉक अमेरिका और ब्राज़ील जैसे प्रमुख निर्यातकों में बढ़ने की संभावना है। प्रमुख निर्यातकों का स्टॉक-टू-यूज़ अनुपात 22.3% तक पहुंच सकता है, जो 1990 के दशक की शुरुआत के बाद सबसे ऊंचा स्तर होगा।

चावल का भंडार 21.68 करोड़ टन होने का अनुमान है, जिसमें इंडोनेशिया के बढ़े अनुमानों का सबसे बड़ा योगदान है। यह स्तर वैश्विक खपत के लगभग 4.6 महीनों के बराबर होगा।

2025-26 में अंतरराष्ट्रीय अनाज व्यापार 50.06 करोड़ टन तक बढ़ने की उम्मीद है, जो पिछले वर्ष से 3.3% अधिक है। पाकिस्तान, तुर्किये और एशिया के अन्य देशों से आयात बढ़ने के कारण गेहूं व्यापार में सुधार होने की संभावना है। मोटे अनाज के व्यापार में भी वृद्धि अपेक्षित है, जिसमें ब्राज़ील एक उभरता हुआ ज्वार निर्यातक बन रहा है। चावल का व्यापार 2026 में 612 लाख टन के आसपास स्थिर रहने का अनुमान है, हालांकि 2025 की तुलना में इसमें थोड़ी गिरावट हो सकती है।

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