ग्रामीण युवाओं में सहकारी मॉडल को लोकप्रिय बनाना जरूरीः डॉ. चंद्रपाल

इंटरनेशल कोऑपरेटिव अलायंस (एशिया-प्रशांत) के अध्यक्ष ने कहा, ऐसे तरीकों पर विचार किया जाना चाहिए ताकि गांवों के युवा प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के सदस्य बन सकें। उन्होंने कहा कि अगर युवा हिस्सा नहीं लेंगे तो सहकारिता आंदोलन आगे नहीं बढ़ सकता

ग्रामीण युवाओं में सहकारी मॉडल को लोकप्रिय बनाना जरूरीः डॉ. चंद्रपाल

इंटरनेशल कोऑपरेटिव अलायंस (एशिया-प्रशांत) के अध्यक्ष और कृभको के चेयरमैन डॉ. चंद्रपाल सिंह यादव ने कहा है कि देश में सहकारी आंदोलन को मजबूत बनाने के लिए ग्रामीण युवाओं के बीच सहकारी मॉडल को लोकप्रिय बनाना बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ऐसे तरीकों पर विचार किया जाना चाहिए ताकि गांवों के युवा प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के सदस्य बन सकें। उन्होंने कहा कि अगर युवा हिस्सा नहीं लेंगे तो सहकारिता आंदोलन आगे नहीं बढ़ सकता।

डॉ. यादव पिछले दिनों इंटरनेशल कोऑपरेटिव अलायंस – एशिया प्रशांत (आईसीए-एपी) का अध्यक्ष चुने गए हैं। उन्हें सम्मानित करने के लिए नेशनल फेडरेशन ऑफ फिल्म एंड फाइन कोऑपरेटिव्स (नाफैक) ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया था। इसी कार्यक्रम में डॉ. यादव ने उक्त बातें कही। नाफैक की स्थापना 1985 में फिल्म निर्माण, वृत्तचित्र आदि के जरिए सहकारी समितियों की छवि को मजबूत करने के लिए की गई थी। इस समारोह में एनसीयूआई, इफको और अन्य सहकारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

डॉ. यादव ने एक अलग सहकारिता मंत्रालय बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की। उन्होंने कहा कि सहकार से समृद्धि के माध्यम से सरकार सहकारी समितियों के जरिए सामाजिक-आर्थिक समृद्धि लाने के लिए गंभीर है। उन्होंने नाफैक से सहकारी समितियों की सफलता की कहानियों को लोकप्रिय बनाने का आग्रह किया।

इस अवसर पर एनसीयूआई के अध्यक्ष दिलीप संघाणी ने कहा कि सोशल मीडिया सहकारी समितियों की छवि निर्माण के लिए एक प्रभावी उपकरण हो सकता है। इसमें नाफैक की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है। उन्होंने कहा कि सहकारिता की अवधारणा जाति और धर्म के सभी भेदों से ऊपर है। इस अवसर पर एनसीयूआई के मुख्य कार्यकारी डॉ. सुधीर महाजन भी उपस्थित थे।

इससे पहले नाफैक की कार्यकारी अध्यक्ष आरती बिसारिया ने सहकारी समितियों को बढ़ावा देने में नाफैक को आर्थिक मदद देने के लिए एनसीयूआई सहित सभी सहकारी संगठनों को धन्यवाद दिया। उन्होंने दीर्घकाल में नाफैक को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक रूपरेखा भी बताई। बिसारिया को एनसीयूआई द्वारा आईसीए-एपी महिला समिति के लिए नामित किया जा रहा है।

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