सरकार ने गेहूं उत्पादन का अनुमान 5.7 फ़ीसदी घटाया, पिछले साल से आधी भी नहीं होगी सरकारी खरीद

कृषि मंत्रालय ने गेहूं उत्पादन के अनुमान में 5.7 फ़ीसदी कटौती की है। पहले 11.13 करोड़ टन गेहूं उत्पादन का अनुमान लगाया गया था। अब इसे संशोधित करके 10.5 करोड़ टन कर दिया गया है। 2020-21 में 10.96 करोड़ टन गेहूं का उत्पादन हुआ था

सरकार ने गेहूं उत्पादन का अनुमान 5.7 फ़ीसदी घटाया, पिछले साल से आधी भी नहीं होगी सरकारी खरीद

ज्यादा निर्यात और उत्पादन में गिरावट के कारण इस बार गेहूं की सरकारी खरीद आधी से भी कम, 195 लाख टन रह जाने की संभावना है। खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बात कही। वैसे तो विशेषज्ञ लगातार गेहूं उत्पादन में कमी की बात कह रहे थे लेकिन पहली बार सरकार की तरफ से कोई औपचारिक बयान आया है। हालांकि पांडे ने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत घरेलू मांग के लिए गेहूं आपूर्ति की कोई समस्या नहीं है। उन्होंने गेहूं निर्यात पर रोक लगाने की किसी संभावना से भी इनकार किया और कहा कि निर्यात के कारण किसानों को उनकी उपज की अच्छी कीमत मिल रही है।

पढ़ें - लक्ष्य से आधे पर तो नहीं अटक जाएगी गेहूं की सरकारी खरीद https://www.ruralvoice.in/national/wheat-procurement-by-government-could-stuck-at-half-the-target.html

खाद्य सचिव ने कहा कि कृषि मंत्रालय ने गेहूं उत्पादन के अनुमान में 5.7 फ़ीसदी कटौती की है। पहले 11.13 करोड़ टन गेहूं उत्पादन का अनुमान लगाया गया था। अब इसे संशोधित करके 10.5 करोड़ टन कर दिया गया है। 2020-21 में 10.96 करोड़ टन गेहूं का उत्पादन हुआ था।

पांडे ने कहा कि भारत से गेहूं निर्यात के लिए मिस्र, तुर्की और कुछ यूरोपीय यूनियन के देशों में नए बाजार खुले हैं। उन्होंने बताया कि निजी ट्रेडर्स ने मौजूदा तिमाही के लिए 40 लाख टन निर्यात के सौदे किए हैं और इसमें से अभी तक 10 लाख टन गेहूं का निर्यात किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि भारतीय ट्रेडर्स के पास जून तक गेहूं निर्यात करने का मौका है। उसके बाद अर्जेंटीना का गेहूं ग्लोबल मार्केट में आ जाएगा। वित्त वर्ष 2021-22 में भारत ने 70 लाख टन गेहूं का निर्यात किया।

खाद्य सचिव ने कहा कि निर्यात के लिए मांग बढ़ने के कारण किसान अपनी उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से अधिक पर ट्रेडर्स को बेच रहे हैं। इसलिए सरकारी एजेंसियों द्वारा खरीद में गिरावट आई है। हालांकि सरकारी खरीद में गिरावट किसानों के लिए फायदेमंद है क्योंकि उन्हें अधिक कीमत मिल रही है। देश में अनाज के भंडार पर उन्होंने कहा कि अभी हम सरप्लस की स्थिति में हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत अनाज उपलब्ध कराने के लिए हमारे पास पर्याप्त अनाज है।

उन्होंने बताया कि गेहूं की सरकारी खरीद अभी तक लगभग 175 लाख टन की हुई है और 2022-23 के मार्केटिंग वर्ष में इसके 195 लाख टन के आसपास रहने के आसार हैं। अभी मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से 20 लाख टन गेहूं की खरीद होने की उम्मीद है। पिछले वर्ष 433.44 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हुई थी। इस वर्ष सरकार ने 444 लाख टन खरीद का लक्ष्य रखा था।

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