कृषि मंत्री तोमर समेत विधायक बने भाजपा सांसदों के इस्तीफे, कौन बनेगा कृषि मंत्री?

विधानसभा चुनाव जीतने वाले भाजपा के 12 में से 10 सांसदों ने इस्तीफा दे दिया है। इनमें केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और खाद्य प्रसंस्करण मंत्री प्रह्लाद पटेल भी शामिल हैं। सांसदों के इस्तीफे से मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए मुकाबला और भी कड़ा हो गया है।

कृषि मंत्री तोमर समेत विधायक बने भाजपा सांसदों के इस्तीफे, कौन बनेगा कृषि मंत्री?

केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को विधानसभा चुनाव में उतारने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव जीतने वाले सांसदों से इस्तीफे दिलवा दिए हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री प्रह्लाद पटेल समेत विधायक बनने वाले भाजपा के 12 में से 10 सांसदों ने संसद सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। दो अन्य सांसद भी जल्द ही इस्तीफा दे सकते हैं। 

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के संसद सदस्यता छोड़ने के बाद कृषि मंत्री किसे बनाया जाएगा, इसे लेकर अटकलें शुरू हो गई हैं। इस्तीफा देने वाले 10 सांसदों में नौ लोकसभा और एक राज्यसभा के सदस्य हैं। दीया कुमारी, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, रीति पाठक, उदय प्रताप, किरोड़ी लाल मीणा, अरुण साव, गोमती साईं और राकेश सिंह ने इस्तीफा दे दिया है। वहीं, केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह और बाबा बालकनाथ ने अभी तक इस्तीफा नहीं दिया है। संभवत: ये दोनों भी जल्द इस्तीफा देंगे। इस्तीफा देने वाले कई सांसद मुख्यमंत्री की रेस में हैं। 

विधानसभा चुनाव जीतने वाले भाजपा सांसदों ने आज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इसके बाद जेपी नड्डा के नेतृत्व में सांसद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा सभापति जगदीप सिंह धनखड़ से मिले और उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया। विधानसभा चुनावों में भाजपा ने अपने सांसदों को मैदान में उतारकर सभी को चौंका दिया था। भाजपा ने 21 सांसदों को विधानसभा चुनाव में उतारा था, जिनमें से 12 सांसद चुनाव जीते, जबकि 9 सांसद हार गए। विधानसभा चुनाव हारने वालों में केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते भी शामिल हैं।

सांसदों के इस्तीफे से मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद की दौड़ रोचक हो गई है। इस्तीफा देने वाले कई सांसद मुख्यमंत्री की दौड़ में हैं। केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों के इस्तीफे से माना जा रहा है कि भाजपा इन राज्यों में नए प्रयोग कर सकती है। वैसे भी भाजपा ने चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया था। 

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