सरकार का 15 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति देने का फैसला, शीरा निर्यात पर 50% शुल्क भी हटाया
चीनी उद्योग के सूत्रों ने बताया कि खाद्य मंत्रालय ने सैद्धांतिक रूप से फैसला ले लिया है, लेकिन आधिकारिक अधिसूचना का अभी इंतजार है।
केंद्र सरकार ने चालू 2025-26 सीजन के लिए 15 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति देने का फैसला किया है। इस कदम का उद्देश्य मिलों की आय में सुधार और गन्ना किसानों को तेजी से भुगतान सुनिश्चित करना है। इसके साथ ही, शीरे पर 50 प्रतिशत निर्यात शुल्क हटा दिया गया है जिससे मिलों को और मदद मिलने की उम्मीद है।
गन्ना किसानों के आंदोलन के दौरान कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को हाल ही लिखे एक पत्र में केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने यह बात कही। उन्होंने लिखा कि चालू चीनी सीजन के लिए केंद्र सरकार ने 15 लाख मीट्रिक टन चीनी के निर्यात की अनुमति देने का फैसला किया है और शीरे पर 50 प्रतिशत निर्यात शुल्क भी हटा दिया गया है।
चीनी उद्योग के सूत्रों ने बताया कि खाद्य मंत्रालय ने सैद्धांतिक रूप से फैसला ले लिया है, लेकिन आधिकारिक अधिसूचना का अभी इंतजार है।
जोशी ने अपने पत्र में चीनी निर्यात का कोई टाइमलाइन भी नहीं बताया है। उद्योग के हितधारकों का मानना है कि निर्यात स्वीकृतियों और शुल्कों को युक्तिसंगत बनाने से मिलों की तरलता में सुधार होगा और गन्ना बकाया जल्दी चुकाने में मदद मिलेगी।
यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब चीनी मिलों के संगठन इस्मा ने नए चीनी सत्र में शुद्ध चीनी उत्पादन 18.5% की वृद्धि के साथ 309.5 लाख टन होने का अनुमान लगाया है। इसमें इथेनॉल उत्पादन के लिए लगभग 34 लाख टन चीनी का उपयोग शामिल है।
चीनी उद्योग 2025-26 सत्र के लिए 20 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति देने की मांग कर रहा था। निर्यात की अनुमति से चीनी की कीमतों में स्थिरता आने और इस वर्ष अच्छे उत्पादन की उम्मीद है। 2024-25 सीजन के लिए केंद्र ने 10 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति दी थी।
घरेलू इथेनॉल मिश्रण को प्राथमिकता देने और मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने के लिए जनवरी 2024 में शीरे पर 50 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया गया था। इसे समाप्त करने का निर्णय एक उल्लेखनीय नीतिगत बदलाव का प्रतीक है।

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