रूरल वॉयस एग्रीकल्चर कॉन्क्लेव एंड अवॉर्ड्स 2025 का आयोजन मंगलवार को, नितिन गडकरी होंगे मुख्य अतिथि

रूरल वॉयस अपनी पांचवीं वर्षगांठ पर “रूरल वॉयस एग्रीकल्चर कॉन्क्लेव एंड अवॉर्ड्स 2025” का आयोजन 9 दिसंबर को नई दिल्ली में करने जा रहा है। वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी इसमें मुख्य अतिथि होंगे और पुरस्कार वितरित करेंगे। कॉन्क्लेव में नीति-निर्माताओं, वैज्ञानिकों और उद्योग जगत के दिग्गज शामिल होंगे। कार्यक्रम में तकनीक, अंतरराष्ट्रीय व्यापार और नीतिगत सुधारों पर चर्चा कर किसान आत्मनिर्भरता को मजबूत करने पर जोर दिया जाएगा।

रूरल वॉयस एग्रीकल्चर कॉन्क्लेव एंड अवॉर्ड्स 2025 का आयोजन मंगलवार को, नितिन गडकरी होंगे मुख्य अतिथि

कृषि और ग्रामीण भारत को सशक्त बनाने के उद्देश्य को समर्पित मीडिया प्लेटफॉर्म रूरल वॉयस अपने पांच वर्ष पूरे करने जा रहा है। इस अवसर पर हर साल की तरह कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष के ‘रूरल वॉयस एग्रीकल्चर कॉन्क्लेव एंड अवॉर्ड्स 2025’ का आयोजन मंगलवार, 9 दिसंबर 2025 को नई दिल्ली स्थित इंडिया हैबिटेट सेंटर में किया जाएगा। इस वर्ष की थीम ‘आत्मनिर्भर भारत के लिए आत्मनिर्भर किसान’ है, जो किसान सशक्तीकरण, तकनीकी इनोवेशन और कृषि क्षेत्र की मजबूती पर केंद्रित है।

इस कॉन्क्लेव के मुख्य अतिथि केंद्र सरकार में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी होंगे। रूरल वॉयस की अवॉर्ड जूरी ने जिन व्यक्तियों को इस वर्ष के पुरस्कार के लिए चुना है, गडकरी उन्हें सम्मानित भी करेंगे। कॉन्क्लेव में किसान, नीति-निर्माता, कॉरपोरेट जगत, कृषि अनुसंधान और विज्ञान से जुड़े कई प्रमुख व्यक्तित्व शामिल होंगे।

कॉन्क्लेव में मौजूद रहने वाले प्रमुख शख्सीयतों में नीति आयोग के सदस्य और जाने-माने कृषि अर्थशास्त्री प्रो. रमेश चंद, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय में कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग (DARE) के सचिव और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के डायरेक्टर जनरल डॉ. एम.एल. जाट, तास (TAAS) चेयरमैन और पूर्व DARE सचिव तथा आईसीएआर के पूर्व डायरेक्टर जनरल डॉ आर.एस. परोदा, पूर्व कृषि एवं खाद्य सचिव टी. नंदकुमार, कृभको के वाइस चेयरमैन और आईसीए एशिया-पैसिफिक के प्रेसिडेंट डॉ. चंद्रपाल सिंह, इफको के मैनेजिंग डायरेक्टर के.जे. पटेल और माहिको प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन डॉ. राजेंद्र बरवाले शामिल हैं।

दिनभर चलने वाले इस कॉन्क्लेव में तीन थीमैटिक सत्र होंगे। पहला सत्र “समृद्ध किसान: नवाचार और तकनीक की भूमिका” आधुनिक तकनीक, डिजिटल समाधान और वैज्ञानिक प्रगति से किसान आय में वृद्धि पर केंद्रित होगा। दूसरे सत्र “अंतरराष्ट्रीय व्यापार और आत्मनिर्भरता” वैमें श्विक बाजारों, कृषि निर्यात और भारत की रणनीतिक तैयारी पर चर्चा होगी। तीसरा और अंतिम सत्र “सक्षम नीतियां और प्रभावी क्रियान्वयन” शासन, योजनाओं और संस्थागत ढांचे की भूमिका को रेखांकित करेगा।

इस कॉन्क्लेव का उद्देश्य है - गहन संवाद को आगे बढ़ाना, उत्कृष्ट योगदानों को सम्मान देना और एक आत्मनिर्भर एवं समृद्ध कृषि भविष्य के लिए साझा दृष्टि तैयार करना।

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