पंजाब सरकार VB-G RAM G कानून के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव लाएगी, ग्रामीण आजीविका के लिए खतरा बताकर किया विरोध
पंजाब सरकार 30 दिसंबर को विशेष विधानसभा सत्र में VB-G RAM G कानून के खिलाफ प्रस्ताव लाएगी। राज्य के कैबिनेट मंत्री तरुणप्रीत सिंह सौंद ने केंद्र पर ग्रामीण रोजगार को कमजोर करने, वित्तीय बोझ राज्यों पर डालने और महिलाओं एवं कमजोर वर्गों को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया।
पंजाब सरकार ने 30 दिसंबर को होने वाले एक दिवसीय विशेष विधानसभा सत्र में विकसित भारत - गारंटी फॉर रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) (VB-G RAM G) कानून के खिलाफ प्रस्ताव लाने का निर्णय लिया है। यह घोषणा शनिवार को कैबिनेट मंत्री तरुणप्रीत सिंह सौंद ने की। उन्होंने केंद्र सरकार पर ग्रामीण आजीविका को कमजोर करने और नए कानून के माध्यम से भारत के संघीय ढांचे पर हमला करने का आरोप लगाया।
केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए सौंद ने VB-G RAM G कानून को “काला कानून” बताते हुए कहा कि यह कानून लाखों MGNREGA मजदूरों के जीवनयापन के लिए सीधा खतरा है। उन्होंने आरोप लगाया कि नई योजना के तहत ग्रामीण रोजगार का वित्तीय बोझ राज्यों पर डाला जा रहा है, जबकि मजदूरों को मिलने वाली गारंटी को कमजोर किया जा रहा है।
मंत्री ने कहा कि प्रस्तावित बदलावों का सबसे अधिक प्रभाव गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों, अनुसूचित जातियों और उन ग्रामीण मजदूरों पर पड़ेगा जो MGNREGA पर अपने जीवन निर्वाह के लिए निर्भर हैं। सौंद ने केंद्र पर दोहरे लक्ष्य साधने का आरोप लगाया – एक तो मांग-आधारित रोजगार को कमजोर करना और दूसरा राज्यों पर वित्तीय बोझ डालना, जिसे उन्होंने देश के संघीय ढांचे पर हमला बताया।
सौंद ने केंद्र के उस दावे पर सवाल उठाया कि नई योजना 125 दिन रोजगार प्रदान करेगी, जबकि MGNREGA के तहत 100 दिन की गारंटी थी। उन्होंने आधिकारिक आंकड़े साझा करते हुए कहा कि बीते साल BJP नेतृत्व वाली सरकार ने औसतन केवल 45 दिन रोजगार प्रदान किया। मंत्री ने कहा, “बिना डिलीवरी के बड़े-बड़े वादे करना BJP की आदत बन गई है।”
पंजाब पर वित्तीय प्रभाव बताते हुए सौंद ने कहा कि MGNREGA के तहत मजदूरों की मजदूरी पूरी तरह से केंद्र द्वारा वित्त पोषित होती थी, जबकि सामग्री लागत केंद्र और राज्यों के बीच 75:25 अनुपात में साझा होती थी। नई VB-G RAM G योजना में इसे 60:40 कर दिया गया है, जिससे केवल पंजाब पर ही लगभग 600 करोड़ रुपये का अतिरिक्त सालाना बोझ पड़ेगा।
मंत्री ने आरोप लगाया कि नए कानून से मजदूर सुरक्षा कमजोर होगी। उनके अनुसार यह कृषि मौसम के दौरान रोजगार की गारंटी नहीं देता और बेरोजगारी भत्ते की व्यवस्था कमजोर करता है। उन्होंने चिंता जताई कि पारंपरिक सामाजिक लेखा-जोखा (social audit) को AI-आधारित बायोमेट्रिक और जियो-टैगिंग सिस्टम से बदल दिया जाएगा, जिससे कमजोर मजदूरों को नुकसान हो सकता है।
सौंद ने यह भी कहा कि पंजाब में लगभग 70 प्रतिशत MGNREGA मजदूर महिलाएं हैं और योजना को 10 महीने तक सीमित करने से महिलाओं पर असमान प्रभाव पड़ेगा, जिससे कई परिवार और अधिक आर्थिक संकट में फंस सकते हैं।
राज्य सरकार का रुख दोहराते हुए सौंद ने घोषणा की कि आम आदमी पार्टी (AAP) के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार 30 दिसंबर को विशेष विधानसभा सत्र बुला रही है, जिसमें VB-G RAM G कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार केंद्र से कानून पर पुनर्विचार करने और ग्रामीण मजदूरों के अधिकारों, आजीविका और गरिमा की सुरक्षा सुनिश्चित करने का औपचारिक अनुरोध करेगी।

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